पश्चिम बंगाल की तामलुक लोकसभा सीट से टीएमसी उम्मीदवार दिव्येंदू अधिकारी को 1 लाख 90 हजार 165 वोट से जीत मिली. टीएमसी उम्मीदवार दिव्येंदू अधिकारी को 723641 वोट जबकि बीजेपी उम्मीदवार सिद्धार्थ शंकर को 532844 वोट मिले. वहीं सीपीएम उम्मीदवार इब्राहिम कैंडिडेट को 135862 वोट जबकि कांग्रेस उम्मीदवार लक्ष्मण चंद्र सेठ को 15954 वोट मिले.

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कब और कितनी वोटिंग
तामलुक लोकसभा सीट पर छठे चरण में 12 मई को वोटिंग हुई और 85.32 फीसदी मतदान हुआ. तामलुक लोकसभा सीट से 12 उम्मीदवार चुनाव मैदान में थे.
कौन-कौन उम्मीदवारबीजेपी ने इस सीट पर सिद्धार्थ शंकर को उतारा था तो वहीं कांग्रेस की ओर से इस सीट पर लक्ष्मण चंद्र सेठ उम्मीदवार थे. टीएमसी ने इस सीट पर दिव्येंदू अधिकारी को टिकट दिया. इस सीट पर सीपीएम ने भी अपना कैंडिडेट उतारा. पार्टी की ओर से एस के इब्राहिम कैंडिडेट थे.
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2014 का जनादेश
पिछले लोकसभा चुनाव में तामलुक से ऑल इंडिया तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के सुवेंदु अधिकारी ने सीपीएम के शेख इब्राहिम अली को हराया था. सुवेंदु अधिकारी को 716928 वोट मिले तो सीपीएम के शेख इब्राहिम अली को 470447 वोट मिले, करीब ढाई लाख से ज्यादा वोटों से सीपीएम के उम्मीदवार को हार का सामना करना पड़ा. तृणमूल कांग्रेस को 55.54 फीसदी, सीपीएम को 40.47 फीसदी, बीजेपी को 1.79 फीसदी वोट मिले जबकि 2009 के चुनाव में बीजेपी को 6 फीसदी से ज्यादा वोट मिल चुके थे.
सामाजिक ताना-बाना
तामलुक संसदीय क्षेत्र पूरबा मेदिनीपुर जिले में आता है. 2011 की जनगणना के अनुसार यहां की कुल आबादी 22 लाख के करीब है. इसमें से 83.26 फीसदी आबादी ग्रामीण है और 16.74 फीसदी आबादी शहरी. यहां अनुसूचित जाति और जनजाति का अनुपात 14.22 और .22 फीसदी है. 2017 की वोटर लिस्ट के मुताबिक यहां मतदाताओं की संख्या 1678557 है.
राजनीतिक पृष्ठभूमि
तामलुक सीट पर पहले कांग्रेस का एकछत्र राज्य था लेकिन समय बदला तो बीएसी और बीएलडी जैसे दलों को भी जीत मिली. इसके बाद सीपीएम ने इस सीट पर कब्जा कर लिया. लेकिन पिछली बार इस सीट पर ऑल इंडिया तृणमूल कांग्रेस ने कब्जा किया था. पहले चुनाव में यहां पर कांग्रेस के समांता सतीश चंद्र जीते, उन्होंने केएमपीपी के उम्मीदवार को हराया.
1957 और 1962 के चुनाव में कांग्रेस के सतीश चंद्र को विजय मिली. 1967 में वह बीएसी में चले गए और 1967 और 1971 में यहां से सांसद रहे. 1977 में बीएलडी के सतीश चंद्र धारा सांसद चुने गए. इसके बाद 1980, 1984, 1989, 1991 तक लगातार 4 बार यहां से सीपीएम को सत्यगोपाल मिश्रा सांसद रहे. इसके बाद 1996 में कांग्रेस के जयंत भट्टाचार्य सांसद चुने गए. इसके बाद फिर सीपीएम ने यह सीट छीन ली और सीपीएम के सेठ लक्ष्मण चंद्र 1998, 1999 और 2004 में लगातार 3 बार सांसद रहे. 2009 में ऑल इंडिया तृणमूल कांग्रेस के शुवेंदु अधिकारी यहां से सांसद चुने गए.
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