पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस नेता राजीव शुक्ला ने गुरुवार को कहा कि यूपीए शासन में 6 और अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में भारत ने 2 सर्जिकल स्ट्राइक्स की थीं. उन्होंने यह भी बताया कि भारत ने किस तारीख को 'सर्जिकल स्ट्राइक' की थीं. एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में शुक्ला ने कहा, हमने कभी छाती नहीं पीटी. लेकिन जिस शख्स ने सिर्फ एक सर्जिकल स्ट्राइक की, वह अपनी पीठ थपथपा रहा है. कांग्रेस नेता ने कहा, न तो पूर्व पीएम मनमोहन सिंह और न ही अटल बिहारी वाजपेयी ने इसे लेकर कभी प्रेस कॉन्फ्रेंस की. अटल बिहारी वाजपेयी सरकार 1999 से 2004 तक रही. वहीं यूपीए सरकार ने 2004 से 2014 तक देश पर राज किया.
Rajiv Shukla, Congress: 6 surgical strikes were conducted during Manmohan Singh govt. One was conducted on June 19, 2008 in Bhattal Sector in J&K's Poonch, one from Aug 30-September 1, 2011 in Sharda Sector across Neelam River Valley in Kel (1/2) pic.twitter.com/YrIrzSSIhq
— ANI (@ANI) May 2, 2019
कब-कब हुईं सर्जिकल स्ट्राइक: ब्योरा देते हुए शुक्ला ने कहा कि यूपीए सरकार के दौरान पहली सर्जिकल स्ट्राइक को 19 जून 2008 को जम्मू-कश्मीर के पुंछ स्थित भट्टल सेक्टर में अंजाम दिया गया. दूसरी बार आतंकियों को मुंहतोड़ जवाब 30 अगस्त से 1 सितंबर 2011 तक केल में नीलम रिवर वैली के पास शारदा सेक्टर में दिया गया.
तीसरी सर्जिकल स्ट्राइक 6 जनवरी 2013 को सावन पत्रा चेकपोस्ट पर 6 जनवरी 2013 को की गई. चौथी 27-28 जुलाई 2013 को नजीरपीर सेक्टर, पांचवीं 6 अगस्त 2013 को नीलम वैली पर और छठी सर्जिकल स्ट्राइक 14 जनवरी 2014 को की गई. शुक्ला के मुताबिक दो सर्जिकल स्ट्राइक्स वाजपेयी सरकार के दौरान भी की गईं. उनके मुताबिक पहली सर्जिकल स्ट्राइक 21 जनवरी 2000 को नाडला एन्क्लेव और दूसरी 18 सितंबर 2003 को पूंछ के बरोह सेक्टर में की गई.
बीजेपी ने बोला हमला: राजीव शुक्ला की प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद बीजेपी ने करारा हमला बोला. पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता जीवीएलएन राव ने कांग्रेस और पार्टी चीफ राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए कहा, कांग्रेस पार्टी का झूठ सच नहीं हो सकता. झूठ के लिए राहुल गांधी सुप्रीम कोर्ट में माफी मांग रहे हैं. ऐसे झूठ बोलकर कांग्रेस जनता को गुमराह नहीं कर सकती. राव ने कहा, सेना कांग्रेस के कार्यकाल में भी एलओसी पार कर पाकिस्तान में सर्जिकल स्ट्राइक करने को तैयार थी. लेकिन सरकार में यह कदम उठाने की हिम्मत नहीं थी.
बीजेपी-कांग्रेस के बीच रार की वजह: कांग्रेस और सत्ताधारी बीजेपी सरकार के बीच इस साल 26 फरवरी को बालाकोट में भारतीय वायुसेना की एयर स्ट्राइक के बाद सर्जिकल स्ट्राइक का मुद्दा फिर गरमा गया था. 2016 में हुए उरी आतंकी हमले के बाद भारतीय सेना ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बताया था कि पैरा कमांडोज ने पीओके में घुसकर आतंकियों के लॉन्च पैड्स तबाह कर दिए हैं.
इस साल पुलवामा में 14 फरवरी को एक बम धमाके में 40 से ज्यादा सीआरपीएफ जवान शहीद हो गए थे, जिसके बाद हमले की जिम्मेदारी लेने वाले जैश-ए-मोहम्मद के ठिकानों पर वायुसेना ने बम बरसाए थे. तब कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया था कि इस हमले में 250 आतंकवादी मारे गए हैं. लेकिन वायुसेना ने इसकी पुष्टि नहीं की थी. एयरफोर्स चीफ बीएस धनोआ ने कहा था कि हमारा काम दुश्मन को खत्म करना है. लाशें गिनना सरकार का काम है. हालांकि कई विपक्षी नेताओं ने जैश के ठिकानों पर एयरस्ट्राइक के सबूत भी मांगे थे.
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