पूर्वी चंपारण सीट पर बीजेपी उम्मीदवार राधा मोहन सिंह जीत गए हैं. सिंह ने 2,93,648 वोटों से जीत दर्ज की है. राधा मोहन सिंह को कुल 5,77,787 वोट हासिल हुए हैं. दूसरे नंबर पर रालोसपा उम्मीदवार आकाश कुमार को 2,84,139 मत प्राप्त हुए हैं.
पूर्वी चंपारण लोकसभा सीट पर वोटों की गिनती शुरू होने के साथ रुझान आने भी शुरू हो गए हैं. पूर्वी चंपारण लोकसभा सीट चंपारण की धरती की सबसे अहम संसदीय सीट और बिहार की सियासत में काफी अहम मानी जाती है. 2002 के परिसीमन के बाद 2008 में अलग से ये सीट भी अस्तित्व में आई. परिसीमन से पहले पूर्वी चंपारण लोकसभा सीट मोतिहारी सीट के नाम से जानी जाती थी.
कब और कितनी हुई वोटिंग
पूर्वी चंपारण लोकसभा सीट पर 12 मई को छठे चरण में वोट डाले गए थे. चुनाव आयोग के मुताबिक इस संसदीय क्षेत्र में 1656444 रजिस्टर्ड मतदाता हैं, जिनमें से 992111 ने वोट डाला. सीट पर कुल 59.89 फीसदी वोटिंग हुई.
Lok Sabha Election Results 2019 LIVE: देखें पल-पल का अपडेट
प्रमुख उम्मीदवार
केंद्रीय कृषि मंत्री राधामोहन सिंह यहां से वर्तमान सांसद हैं. 2009 और 2014 में राधामोहन सिंह ने इस सीट से चुनाव जीता. इससे पहले भी वे इस सीट से 2 बार सांसद रह चुके हैं. बीजेपी ने इस बार फिर राधामोहन सिंह को टिकट दिया. वहीं, राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (रालोसपा) से आकाश कुमार सिंह, कम्युनिस्ट पार्टी से प्रभाकर जायसवाल, राष्ट्रीय महान गणतंत्र पार्टी से दिनेश साहनी, राष्ट्रीय सर्वजन विकास पार्टी से देवेंद्र सिंह, जनवादी पार्टी (सोशलिस्ट) से पारस नाथ पांडेय, जनता पार्टी से पारस नाथ राम, असली देशी पार्टी से रणधीर कुमार तिवारी और जनता दल राष्ट्रवादी से राजीव रंजन चुनाव मैदान में थे.
2014 का चुनाव
2014 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी के राधामोहन सिंह ने आरजेडी के विनोद कुमार श्रीवास्तव को हराया. राधामोहन सिंह को 4,00,452 वोट मिले थे. जबकि आरजेडी उम्मीदवार विनोद कुमार श्रीवास्तव को 2,08,289 वोट. तीसरे नंबर पर जेडीयू उम्मीदवार अवनीश कुमार सिंह रहे थे जिन्हें 1,28,604 वोट हासिल हुए थे.
सामाजिक ताना-बाना
पूर्वी चंपारण लोकसभा क्षेत्र 3,968 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है. यहां की आबादी 50,99,371 है. यहां 27 प्रखंड, 1344 गांव और शहरी स्थानीय निकाय 9 हैं. साक्षरता दर 55.79 प्रतिशत है.
Bihar Chunav Result LIVE: बिहार में 5 पार्टियों का महागठबंधन, लेकिन 2 सीटों के लाले
सीट का इतिहास
परिसीमन से पहले पूर्वी चंपारण लोकसभा सीट मोतिहारी सीट के नाम से जानी जाती थी. आजादी के बाद से इस सीट पर कांग्रेस का बर्चस्व रहा, लेकिन साल 1977 में जनता पार्टी उम्मीदवार ने पहली बार इस सीट पर कब्जा जमाया था. इसके बाद इस सीट से 5 बार बीजेपी जीती. साल 2002 में लोकसभा सीटों के परिसीमन के लिए कमेटी बनी और 2008 में मोतिहारी सीट पूर्वी चंपारण के नाम से अस्तित्व में आया. यहां से फिर इस सीट पर बीजेपी का कमल खिलना शुरू हुआ. अगले दो चुनाव 2009 और 2014 के दो चुनावों में राधामोहन सिंह को जीत हासिल हुई थी.
चुनाव की हर ख़बर मिलेगी सीधे आपके इनबॉक्स में. आम चुनाव की ताज़ा खबरों से अपडेट रहने के लिए सब्सक्राइब करें आजतक का इलेक्शन स्पेशल न्यूज़ लेटर