Mood of the nation (MOTN) loksabha election 2019 लोकसभा चुनाव में बीजेपी को यूपी में सबसे ज्यादा सीटें मिली थीं. सपा 5, कांग्रेस 2 और बीएसपी का सूपड़ा साफ हो गया था. विधानसभा में भी बीजेपी को बहुमत मिला लेकिन अब हालात बदल गए हैं.
यूपी में बीजेपी का विजय रथ रोकने के लिए सपा-बसपा ने हाथ मिला लिया है. कांग्रेस गठबंधन का हिस्सा नहीं होगी. गोरखपुर, फूलपुर और कैराना में जीत के बाद यह दावा मजबूत हो गया है कि दोनों पार्टियां मिलकर बीजेपी को यूपी में रोक सकती हैं. इंडिया टुडे-कार्वी इनसाइट् का सर्वे बताता है कि अगर कांग्रेस भी गठबंधन में शामिल होती है तो बीजेपी का वोट शेयर 2014 के 43.3 फीसदी से घटकर 36 फीसदी रह जाएगा लेकिन उसे मिलने वाली सीटें 73 की बजाय महज 5 रह जाएंगी. बाकी की 75 सीटें बीएसपी, एसपी, आरएलडी और कांग्रेस के खाते में चली जाएंगी लेकिन इस सर्वे पर बीजेपी के प्रवक्ता का कहना है कि केवल दलों के मिलने से गणित नहीं बनता, केमिस्ट्री से तय होता है कि किसको कितनी सीटें मिलेंगी. उन्होंने कहा कि सर्वे का आधार और बड़ा होना चाहिए था.
गौरतलब है कि आजतक का कार्वी इनसाइट्स के साथ ये सर्वे 28 दिसंबर से 8 जनवरी के बीच किया गया. इसमें 20 लोकसभा क्षेत्रों का डाटा लिया गया और करीब ढाई हजार लोगों की राय ली गई. सर्वे के नतीजे बीजेपी को लिए बड़ा झटका और महागठबंधन के लिए खुशखबरी की भविष्यवाणी कर रहे हैं. इस पर प्रतिक्रिया देते हुए बीजेपी के प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा कि उनका पल्स रेट नॉर्मल है. यह ध्यान देना चाहिए कि अगर 2 दल मिलते हैं तो केवल गणित नहीं होता कि उनकी सीटें जोड़ लो. उनकी केमिस्ट्री पर चीजें तय होती हैं. इसकी क्या गारंटी है कि बसपा के पूरे वोट सपा को ट्रांसफर हो जाएंगे. संबित ने यह भी कहा कि हमने कोटा भी दिया है उसको इस सर्वे में शामिल नहीं किया गया है.
उन्होंने प्रियंका गांधी को पद देने पर उन्हें बधाई देते हुए कहा कि यह कोई नई बात नहीं है वह तो पहले से ही पार्टी में थीं लेकिन आज पद देने की जरूरत क्यों पड़ी यह भी सोचना होगा. उन्होंने यह भी कहा कि प्रियंका कांग्रेस में नहीं शामिल होंगी तो कहां जाएंगी. कांग्रेस के प्रवक्ता राजीव त्यागी ने दावा किया जनता का वोट ट्रांसफर होकर कांग्रेस के पास आएगा 2009, 2014 में कांग्रेस अकेले लड़ी थी. इस सर्वे में प्रियंका और सिंधिया का फैक्टर शामिल नहीं किया गया है. कांग्रेस मुद्दों पर लड़ने वाली पार्टी है, नौजवानों के रोजगार और किसानों की समस्या को लेकर हम चुनाव में जाएंगे. रोजगार का मामला महत्वपूर्ण है और मोदी सरकार के दौरान रोजगार घटे हैं.
इस पर संबित पात्रा ने कहा कि कांग्रेस कहीं दुविधा में है. मायावती लगातार कांग्रेस पर हमले कर रही हैं लेकिन कांग्रेस को उम्मीद है कि बाद में बसपा का साथ मिल सकता है. मोदी पर अटैक करते-करते कांग्रेस खुदकुशी न कर ले. राजीव त्यागी ने इसका विरोध करते हुए कहा कि खुदकुशी शब्द का इस्तेमाल नहीं होना चाहिए. 2004 में कांग्रेस को अंडर एस्टिमेट किया गया. 2004 में 11 जीते 2009 में 21 जीते. इसी तरह इस बार भी जीतेंगे.
सपा के अबु आजमी ने दावा किया कि सपा-बसपा के मिलने से बीजेपी को 10 सीटें मिलेंगी. बीजेपी 2014 में झूठ बोलकर सत्ता में आई थी. बाई-इलेक्शन में हम जीते. 28 साल से योगी जी ने पकड़ कर रखी थी वह सीट आ गई. जब दोनों मंच पर नहीं आए थे. उन्होंने मोदी और शाह को सबसे बड़ा मैनेजर बताया. संबित पात्रा ने कहा कि अखिलेश-माया-अबू आजमी न सीएम चुनते हैं न पीएम. गोरखपुर के चुनाव में कांग्रेस की जमानत जब्त हो गई थी. इसके बावजूद कांग्रेस ताली बजा रही है. संबित ने कहा कि विधानसभा चुनाव में कहा गया था कि दो लड़के कमाल कर देंगे लेकिन क्या हुआ. उनका इशारा अखिलेश और राहुल पर था.
कांग्रेस प्रवक्ता राजीव त्यागी ने कहा कि बीजेपी 2 सीटों पर रही तो क्या वह खत्म हो गई. प्रियंका को लाया गया है तो उससे चुनाव पर असर पड़ेगा. संबित के कटाक्ष पर उन्होंने कहा कि मैं गर्व के साथ कहता हूं कि मैं गांधी परिवार के साथ काम करता हूं. इस पर संबित पात्रा ने कहा कि गांधी परिवार की फोटो लाई जाए तो वह आरती उतारना चाहते हैं. इस सवाल पर कि प्रियंका के आने से वोट गठबंधन के कटेंगे या बीजेपी के इस पर शशि शेखर ने कहा कि आज स्थितियां बदल गई हैं. बुधवार को 2 बड़ी बातें हुईं. पहला प्रियंका का उदय और दूसरा राहुल गांधी ने कहा है कि प्रियंका यूपी में सीएम बनाएंगी, पहले ये लोग लोकसभा का चुनाव लड़कर निकल लेते थे. उनका कहना था कि जो गठबंधन हुआ है अगर कायदे से लड़ गईं तो ज्यादा सीटें इनके पास ही होंगी. उन्होंने कहा कि 2 आकर्षक लोगों को कांग्रेस ने उतारा है प्रियंका और ज्योतिरादित्य सिंधिया. एसपी बीएसपी को अपनी रणनीति पर विचार करना होगा.
सर्वे के विश्लेषक संजय का कहना है कि कांग्रेस के पास कोई जनाधार नहीं है. उनके पास 12 पर्सेंट वोटर हैं. प्रियंका जब निकलेंगी तो वह समीकरण बदलेंगी. क्या कांग्रेस को साथ लेना चाहिए था, इस पर सपा प्रवक्ता अबु आजमी का कहना था कि हम यूपी में सांप्रदायिक शक्तियों को रोक देंगे. हमने कांग्रेस को फ्री कर दिया है. बसपा के समर्थक जितेंद्र तिवारी ने कहा कि सपा-बसपा के मिलने से निश्चित रूप से असर पड़ेगा और बीजेपी को नुकसान उठाना पड़ेगा.