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Mahesana Lok Sabha chunav Result 2019: BJP की शारदाबेन पटेल 281519 वोटों से विजयी

Lok Sabha Chunav Mahesana Result  2019  गुजरात की मेहसाणा लोकसभा सीट पर भारतीय जनता पार्टी की शारदाबेन पटेल 281519 वोटों के अंतर से जीत दर्ज करने में कामयाब रहीं.

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Mahesana Lok Sabha Election Result 2019
Mahesana Lok Sabha Election Result 2019

लोकसभा चुनाव 2019 के तहत गुजरात की मेहसाणा लोकसभा सीट पर बीजेपी ने फिर अपना परचम लहराया है. भारतीय जनता पार्टी(बीजेपी) प्रत्याशी शारदा बेन 281519  वोटों के अंतर से अपने नजदीकी प्रतिद्वंदी को शिकस्‍त देने में कामयाब रहीं. सामान्य वर्ग के लिए आरक्ष‍ित इस सीट पर कुल 12 प्रत्याशी मैदान में थे. हालांकि मुख्य मुकाबला बीजेपी और कांग्रेस के बीच ही रहा.

2019 का जनादेश

भारतीय जनता पार्टी(बीजेपी) प्रत्याशी शारदा बेन को छह लाख 59 हजार 525 वोट मिले, वहीं कांग्रेस उम्मीदवार एजे पटेल को तीन लाख 78 हजार वोट मिले. 12067 वोटों के साथ नोटा का वोट प्रतिशत 1.12 रहा. बहुजन समाज पार्टी के नत्‍थूभाई चौहान को  9512 वोट मिले. बता दें कि इस सीट पर तीसरे चरण के तहत 23 अप्रैल को मतदान हुआ था और मतदान का प्रतिशत 65.05 रहा है.

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2014 का चुनाव

पिछले चुनाव में इस सीट पर 67.0% मतदान हुआ था जिसमें बीजेपी प्रत्याशी जयश्री पटेल को 580,250 वोट (57.8%) और कांग्रेस प्रत्याशी जीवाभाई पटेल को 371,359 (37.0%) वोट मिले थे.

सामाजिक ताना-बाना

यह इलाका पटेल बाहुल्य है. यहां की राजनीति में भी पटेलों का ही वर्चस्व रहा है. इस क्षेत्र में कड़वा पटेलों की संख्या ज्यादा है. पाटीदार नेता हार्दिक पटेल भी इसी समुदाय से आते हैं और उन्होंने पाटीदारों को आरक्षण की अलख यहीं से जलाई थी. गुजरात में करीब 1 करोड़ से ज्यादा पाटीदार मतदाता हैं. उत्तर गुजरात में आने वाले मेहसाणा में बड़ी तादाद कड़वा पटेलों की है.

मेहसाणा लोकसभा का दायरा गांधीनगर और मेहसाणा जिले में है. 2011 की जनगणना के मुताबिक, यहां की आबादी 20,22,310 है. इसमें 74.15% ग्रामीण और 25.85% शहरी आबादी है. अनुसूचित जनजाति यहां नगण्य है, जबकि अनुसूचित जाति (SC) की संख्या करीब 7.61% है. मेहसाणा जिले की 90 फीसदी से ज्यादा हिंदू आबादी है. यहां करीब 7 फीसदी मुस्लिम जनसंख्या है.

सीट का इतिहास

मेहसाणा सीट को बीजेपी के लिए काफी अहम माना जाता है और यहां उसका एक बड़ा वोट बैंक रहा है. इस सीट पर हुए 1957 में हुए पहले चुनाव में निर्दलीय उम्मीदवार ने जीत दर्ज की. इसके बाद 1962 में कांग्रेस के मानसिंह पटेल यहां से जीते. 1967 में स्वतंत्र पार्टी के खाते में यह सीट गई और 1971 में नेशनल कांग्रेस (O) को यहां जीत मिली. 1977 में भारतीय लोकदल और 1980 में यह सीट जेएनपी को मिली.1984 में देशव्यापी कांग्रेस की लहर होने के बाजवदू बीजेपी इस सीट से जीतने में कामयाब रही और डॉ ए.के पटेल ने पार्टी का यहां से खाता खोला.

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इसके बाद वह लगातार जीतते चले गए और 1991, 1996 व 1998 के चुनाव में बीजेपी को यह सीट मिली. हालांकि, 1999 में कांग्रेस ने वापसी की, लेकिन 2002 में हुए उपचुनाव में फिर से बीजेपी की वापसी हो गई. इसके बाद 2004 में शाइनिंग इंडिया का बीजेपी का नारा फुस्स हो गया और यह सीट भी कांग्रेस के खाते में चली गई. 2009 व 2014 में लगातार दो बार बीजेपी की महिला नेत्री जयश्री पटेल ने यहां से सांसद निर्वाचित हुईं.

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