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Loksabha Election 2019: 7 दरवाजों से निकलेगी सत्ता की चाबी, जानिए किस चरण में कौन भारी?

देश की सत्ता की चाबी के लिए राजनीतिक दलों को सात चरणों के चुनाव में पसीने बहाने होंगे. इसके बाद ही सियासी समीकरण अपने नाम कर सकेंगे. हालांकि हर चरण में कांग्रेस और बीजेपी के लिए अलग-अलग चुनौतियां हैं.

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पीएम नरेंद्र मोदी और राहुल गांधी (फाइल-फोटो)
पीएम नरेंद्र मोदी और राहुल गांधी (फाइल-फोटो)

देश में लोकसभा चुनाव का बिगुल बज चुका है. मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा ने रविवार को लोकसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान कर दिया. देश की 543 लोकसभा सीटों पर सात चरणों में चुनाव होंगे और नतीजे 23 मई को आएंगे. इससे साफ जाहिर है कि देश की सत्ता की चाबी के लिए राजनीतिक दलों को सात चरणों के चुनाव में पसीने बहाने होंगे. इसके बाद ही सियासी समीकरण अपने नाम कर सकेंगे. हालांकि हर चरण में कांग्रेस और बीजेपी के लिए अलग-अलग हालात और अलग-अलग चुनौतियां हैं.

पहले चरण में 91 सीटों पर वोटिंग

लोकसभा चुनाव के पहले चरण में 20 राज्यों की 91 सीटों पर 11 अप्रैल को मतदान होगा. इनमें आंध्र प्रदेश 25, अरुणाचल 2, असम 5, बिहार 4, छत्तीसगढ़ 1, जम्मू-कश्मीर 2, महाराष्ट्र 7, मणिपुर 1, मेघालय 2, मिजोरम 1, नागालैंड 1, ओडिशा 4, सिक्किम 1, तेलंगाना 17, त्रिपुरा 1, उत्तर प्रदेश 8, उत्तराखंड 5, पश्चिम बंगाल 2, अंडमान निकोबार 1  और लक्षद्वीप की 1 लोकसभा सीट शामिल है.

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UPA-NDA के लिए क्षत्रप बड़ी चुनौती

इन 20 राज्यों में कांग्रेस और बीजेपी के बीच सीधा मुकाबला होने की बजाय त्रिकोणीय भिड़ंत होने की संभावना है. पश्चिम यूपी की आठ सीटों पर पहले चरण में चुनाव है, सपा-बसपा-आरएलडी गठबंधन की बीजेपी और कांग्रेस से सीधी टक्कर देखने को मिल सकती है. बिहार के जिन चार सीटों पर चुनाव है, इनमें कांग्रेस-आरएलडी का बीजेपी-एलजेपी-जेडीयू के बीच कड़ा मुकाबला हो सकता है.

जबकि पूर्वोत्तर की ज्यादातर सीटों पर इसी चरण में चुनाव है, ऐसे में कांग्रेस और बीजेपी के बीच सीधी लड़ाई दिख रही है. हालांकि दक्षिण भारत के आंध्र प्रदेश और तेलंगाना की करीब सभी सीटों पर चुनाव हो रहे हैं. आंध्र प्रदेश में टीडीपी और वाईएसआर कांग्रेस के बीच सीधी लड़ाई है, यहां कांग्रेस और बीजेपी कोई खास प्रभाव डालती नहीं दिख रही है. ओडिशा में बीजेडी, कांग्रेस और बीजेपी के बीच कड़ी टक्कर दिख रही है. जबकि उत्तराखंड और छत्तीसगढ़ में कांग्रेस और बीजेपी से सीधी लड़ाई है.  

दूसरे चरण की 97 सीटें

दूसरे चरण में 13 राज्यों की 97 लोकसभा सीटों पर 18 अप्रैल को वोट डाले जाएंगे.  इनमें असम 5, बिहार 5, छत्तीसगढ़ 3, जम्मू-कश्मीर 2, कर्नाटक 14, महाराष्ट्र 10, मणिपुर 1, ओडिशा 5, तमिलनाडु 39, त्रिपुरा 1, उत्तर प्रदेश 8, पश्चिम बंगाल 3  और पुड्डुचेरी की 1 सीट शामिल है.

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कांग्रेस-बीजेपी गठबंधन के बीच सीधी लड़ाई

पश्चिम यूपी की जिन 8 सीटों पर दूसरे चरण में चुनाव है, वहां बसपा और बीजेपी के बीच सीधी लड़ाई की संभावना दिख रही है. मथुरा सीट पर आरएलडी और बीजेपी के बीच मुकाबला माना जा रहा है. बिहार की जिन पांच सीटों पर चुनाव है वो सीमांचल और उससे लगी हुईं सीटें हैं. ये इलाका आरजेडी-कांग्रेस का मजबूत गढ़ माना जाता है, ऐसे में बीजेपी ने जेडीयू के साथ मिलकर कड़ी टक्कर देने की कवायद की है. जबकि महाराष्ट्र की 10 सीटों पर कांग्रेस-एनसीपी और बीजेपी-शिवसेना के बीच कड़ा मुकाबला है.

वहीं, तमिलनाडु की सभी सीटों पर एक साथ चुनाव होने हैं, जहां कांग्रेस-डीएमके और बीजेपी-AIADMK के बीच सीधी लड़ाई है. कर्नाटक में जिन 14 सीटों पर चुनाव है वहां कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन से बीजेपी को मुकाबला करना होगा. ऐसे में बीजेपी के सामने कड़ी चुनौती है. असम और छत्तीसगढ़ में कांग्रेस-बीजेपी के बीच कड़ी टक्कर देखी जा रही है. वहीं, ओडिशा की पांच सीटों पर कांग्रेस, बीजेडी और बीजेपी के बीच त्रिकोणीय मुकाबला है.  

तीसरे चरण में सबसे ज्यादा सीटें

तीसरे चरण में 14 राज्यों की 115 लोकसभा सीटों पर 23 अप्रैल को वोटिंग होगी. असम 4, बिहार 5, छत्तीसगढ़ 7, गुजरात 26, गोवा 2, जम्मू-कश्मीर 1, कर्नाटक 14, केरल 20, महाराष्ट्र 14, ओडिशा 6, उत्तर प्रदेश 10, पश्चिम बंगाल 5, दादर नागर हवेली 1 और दमन दीव की 1 सीट शामिल है.

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कांग्रेस-बीजेपी के बीच सीधा मुकाबला

दूसरे चरण की ज्यादातर सीटों पर कांग्रेस और बीजेपी के बीच सीधा मुकाबला है. असम, छत्तीसगढ़ और गुजरात में कांग्रेस और बीजेपी आमने-सामने हैं. जबकि महाराष्ट्र की 14 सीटों पर कांग्रेस-एनसीपी और बीजेपी-शिवसेना के बीच सीधी लड़ाई होती दिख रही है. वहीं, केरल में कांग्रेस के नेतृत्व वाले यूडीएफ और लेफ्ट वाले एलडीएफ के बीच सीधी लड़ाई मानी जा रही है, लेकिन बीजेपी ने सबरीमाला के मुद्दे को लेकर अपनी जगह बनाने की कवायद की है. उत्तर प्रदेश की जिन 10 सीटों पर चुनाव है, ये सपा प्रभाव वाली सीटें हैं. ऐसे में बीजेपी का सीधा मुकाबला सपा से है.

बिहार की जिन पांच सीटों पर इस चरण में चुनाव है ये सभी सीमांचल इलाके में आती हैं. ऐसे में कांग्रेस-आरएलडी गठबंधन की मजबूत पकड़ है, जहां बीजेपी-जेडीयू एक बार फिर अपनी मजबूत पकड़ बनाने के लिए बेताब हैं. ओडिशा की 6 सीटों पर त्रिकोणीय मुकाबला माना जा रहा है. जबकि बंगाल की पांच सीटों पर टीएमसी, बीजेपी और कांग्रेस-लेफ्ट के बीच त्रिकोणीय होने की उम्मीद दिख रही है. जबकि कर्नाटक की 14 सीटों पर बीजेपी के लिए कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन एक बड़ी चुनौती पेश कर रहा है.

चौथे दौर में 71 सीटों पर चुनाव

चौथे चरण में 9 राज्यों की 71 सीटों पर 29 अप्रैल को मतदान होगा. इनमें बिहार की 5, जम्मू-कश्मीर की 1, झारखंड की 3, मध्य प्रदेश की 6, महाराष्ट्र की 17, ओडिशा की  6, राजस्थान की 13, उत्तर प्रदेश की 13 और पश्चिम बंगाल की 8 सीटें शामिल हैं.

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गठबंधनों के बीच मुकाबला

बिहार की जिन पांच सीटों पर इस चरण में चुनाव है. वहां बीजेपी मजबूत है, लेकिन आरजेडी-कांग्रेस गठबंधन M-Y समीकरण के जरिए इस इलाके में जीत की संभावना तलाश रही है. वहीं मध्य प्रदेश और राजस्थान में कांग्रेस और बीजेपी के बीच सीधी लड़ाई है. जबकि महाराष्ट्र में कांग्रेस-एनसीपी गठबंधन से बीजेपी-शिवसेना को कड़ी चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है.

वहीं, ओडिशा में कांग्रेस, बीजेडी और बीजेपी के बीच त्रिकोणीय मुकाबला है. इसी तरह से झारखंड की जिन 3 सीटों पर चुनाव है, वहां बीजेपी के सामने कांग्रेस-जेएमएम-जेवीएम गठबंधन से कड़ा मुकाबला है. जबकि उत्तर प्रदेश की जिन 13 सीटों पर चुनाव है, वहां सपा-बसपा गठबंधन के चलते बीजेपी को कड़ी टक्कर मिलती दिख रही है.

पांचवें चरण में 51 सीट

पांचवें चरण में 7 राज्यों की 51 सीटों पर 6 मई को मतदान होंगे. इनमें बिहार की 5, जम्मू कश्मीर की 2, झारखंड की 4, मध्य प्रदेश की 7, राजस्थान की 12, उत्तर प्रदेश की 14 और पश्चिम बंगाल की 7 सीटों पर चुनाव होंगे.

त्रिकोणीय मुकाबला

मध्य प्रदेश और राजस्थान की सीटों पर कांग्रेस और बीजेपी के बीच सीधी लड़ाई है. जबकि बिहार और झारखंड की सीटों पर कांग्रेस और बीजेपी दोनों गठबंधनों के बीच मुकाबला है. बिहार की जिन सीटों पर चुनाव है वो मैथिल इलाके वाली सीटे हैं. जबकि उत्तर प्रदेश की जिन 14 सीटों पर चुनाव है, इनमें अवध और रूहेलखंड की सीटें है. ऐसे में बीजेपी के सामने सपा-बसपा गठबंधन के अलावा कांग्रेस तीसरी ताकत के रूप में है. ऐसे में इन सीटों पर त्रिकोणीय मुकाबला होने की उम्मीद नजर आ रही है. जबकि पश्चिम बंगाल की 7 सीटों पर टीएमसी, बीजेपी और कांग्रेस-लेफ्ट के बीच त्रिकोणीय मुकाबला होने की संभावना है, लेकिन टीएमसी का किला काफी मजबूत है.

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छठे चरण की 59 सीटें

छठे चरण में 7 राज्यों की 59 सीटों पर 12 मई को वोट डाले जाएंगे. इनमें बिहार की 8, हरियाणा की 10, झारखंड की 4, मध्य प्रदेश की  8, उत्तर प्रदेश की 14, पश्चिम बंगाल की 8 और दिल्ली की 7 सीटों पर चुनाव होने हैं.

गठबंधनों में सियासी टक्कर

छठे चरण की ज्यादातर लोकसभा सीटों पर गठबंधनों के बीच मुकाबला है. बिहार में जहां कांग्रेस-आरजेडी-आरएलएसपी और बीजेपी-जेडीयू-एलजेपी के बीच कांटे की टक्कर है, वहीं हरियाणा की 10 सीटों पर कांग्रेस, बीजेपी और इनेलो के बीच त्रिकोणीय मुकाबले की संभावना बन रही है. इसी तरह से दिल्ली की 7 सीटों पर कांग्रेस, बीजेपी और आम आदमी पार्टी के बीच कांटे की टक्कर बन रही है. ऐसे ही पश्चिम बंगाल की 8 सीटों पर टीएमसी काफी मजबूत है, लेकिन बीजेपी का ग्राफ जिस तेजी से बढ़ा है और माना जा रहा है कि इसी के चलते कांग्रेस-लेफ्ट ने गठबंधन किया है. इसके चलते माना जा रहा है कि त्रिकोणीय चुनावी मुकाबला होगा.

हालांकि मध्य प्रदेश में कांग्रेस और बीजेपी के बीच सीधी लड़ाई दिख रही है. उत्तर प्रदेश की जिन 14 सीटों पर चुनाव है इनमें कुछ सीटें अवध की और बाकी सीटें पूर्वांचल की है. ऐसे में बीजेपी को जहां एक ओर सपा-बसपा गठबंधन से मुकाबला करना होगा तो कांग्रेस भी तीसरी बड़ी ताकत के रूप में कड़ी टक्कर दे सकती है.

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सातवें चरण की 59 सीटें

सातवें चरण में 8 राज्यों की 59 सीटों पर आखिरी चरण में 19 मई को वोट डाले जाएंगे. बिहार की 8, झारखंड की 3, मध्य प्रदेश की 8, पंजाब की 13, चंडीगढ़ की 1, पश्चिम बंगाल की 9, हिमाचल की 4 और उत्तर प्रदेश की 13 सीटें शामिल हैं.

क्षत्रपों और गठबंधन आमने-सामने

आखिरी चरण में बिहार और झारखंड की सीटों पर दो पार्टियों की बजाय दो गठबंधनों के बीच मुकाबला है. वहीं पंजाब में कांग्रेस के सामने बीजेपी और अकाली दल एक बड़ी चुनौती है. जबकि मध्य प्रदेश और हिमाचल की सीटों पर कांग्रेस और बीजेपी के बीच सीधी लड़ाई होती दिख रही है. ऐसे ही पश्चिम बंगाल और उत्तर प्रदेश में त्रिकोणीय मुकाबले के आसार बन रहे हैं.

बंगाल में जहां टीएमसी के सामने बीजेपी और कांग्रेस-लेफ्ट गठबंधन की कड़ी चुनौती है. वहीं, उत्तर प्रदेश में बीजेपी के लिए सपा-बसपा गठबंधन के साथ-साथ कांग्रेस से भी मुकाबला करना होगा. इस चरण में पूर्वांचल की सीटों पर चुनाव होने हैं. इनमें पीएम मोदी की वाराणसी और सीएम योगी की गोरखपुर सीट भी शामिल है. जबकि प्रियंका गांधी इस पूर्वांचल की प्रभारी हैं. ऐसे में आखिरी चरण में चुनावी मुकाबला काफी दिलचस्प होगा?

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