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बस्तर लोकसभा सीट: लगातार पिछले 6 चुनाव जीतते आ रही है बीजेपी

Bastar Loksabha constituency 2019 लोकसभा चुनाव का शंखनाद हो चुका है. छत्तीसगढ़ की बस्तर लोकसभा सीट पर पिछले छह चुनावों से बीजेपी का ही कब्जा रहा है.

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बस्तर लोकसभा सीट(फोटो-Goodle map)
बस्तर लोकसभा सीट(फोटो-Goodle map)

बस्तर छत्तीसगढ़ के बस्तर जिले का एक शहर है और अपने अनूठे आदिवासी मूल निवासियों और संस्कृति के लिए जाना जाता है. यह बीजेपी का गढ़ रहा है. जहां से बीजेपी 1998 से 2014 तक लगातार पिछले 6 चुनाव जीतते आ रही है.

राजनीतिक पृष्ठभूमि

छत्तीसगढ़ की 11 लोकसभा सीटों में से एक बस्तर सीट अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित है. आजादी के बाद 1952 से अब तक यहां कुल 16 चुनाव संपन्न हुए. 1999 तक यह लोकसभा सीट मध्य प्रदेश के अंतर्गत आती थी. साल 2000 में मध्य प्रदेश के विभाजन के बाद बने छत्तीसगढ़ के अंतर्गत आने के बाद यहां से तीन लोकसभा चुनाव हो चुके हैं. यहां मुख्य पार्टियों में बीजेपी और कांग्रेस के बीच टक्कर रही है.

1998 से लेकर 2011 तक बीजेपी के बलिराम कश्यप ने यहां से लगातार 4 बार जीत हासिल की लेकिन 2011 में उनकी असामयिक मृत्यु के चलते उपचुनावों करवाए गए. जिसमें उनके बेटे दिनेश कश्यप ने जीत दर्ज की थी. 2014 के चुनाव में भी दिनेश कश्यप ने अपनी जीत को बरकरार रखा.  हालांकि,  इस सीट से बीजेपी ने बैदूराम कश्यप को इस बार मैदान में उतारा है.

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सामाजिक ताना-बाना

4029.98 वर्ग किमी क्षेत्रफल वाले बस्तर का जिला मुख्यालय जगदलपुर है. यह भारत के मध्य भाग में स्थित है. बस्तर बंटवारे वाले जिलों से पहले भारत के सबसे बड़े जिलों में से एक था. बस्तर जिला छत्तीसगढ़ के दक्षिणी भाग में स्थित है. कुल आबादी में से 70 प्रतिशत से अधिक आदिवासी हैं. जिनमें गोंड जनजाति, मारिया, मुरिया, ध्रुव, भतरा, हल्बा जनजाति प्रमुख हैं.

इस लोकसभा सीट पर 2014 में पुरुष मतदाताओं की संख्या 632,814 थी, जिनमें से 387,112 ने वोटिंग में भाग लिया. वहीं पंजीकृत 665,245 महिला वोटर्स में से 382,801 महिला वोटर्स ने भाग लिया था. इस तरह कुल 1,298,059 मतदाताओं में से कुल 769,913 ने चुनाव में अपनी हिस्सेदारी तय की. 2019 के सत्रहवें लोकसभा चुनाव में 1298083 से ज्यादा मतदाता अपने क्षेत्र के सांसद का चुनाव करेंगे.

बस्तर लोकसभा के अंतर्गत विधानसभा की आठ सीटें आती हैं. इनमें से सात अनूसूचित जनजाति और एक सामान्य के लिए आरक्षित हैं. जिनमें जगदलपुर, कोंडागांव(एसटी), नारायणपुर(एसटी), बस्तर(एसटी), चित्रकूट(एसटी), दंतेवाड़ा(एसटी), बीजापुर(एसटी) और कोंटा(एसटी) शामिल है.

2014 के चुनाव में बस्तर सीट की स्थिति

दिनेश कश्यप       बीजेपी    385829    50.11%

दीपक कर्मा         कांग्रेस     261470    33.96%

2011 के उपचुनाव में बस्तर सीट की स्थिति

दिनेश कश्यप       बीजेपी    286691    

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कवासी कर्मा        कांग्रेस     197807    

2009 के चुनाव में बस्तर सीट की स्थिति

बलिराम कश्यप   बीजेपी    249373    44.16%

शंकर सोढ़ी          कांग्रेस    149111    26.4%

2004 के चुनाव में बस्तर सीट की स्थिति

बलिराम कश्यप   बीजेपी    212893    47.26%

महेंद्र कर्मा           कांग्रेस     158520    35.19%

सांसद का रिपोर्ट कार्ड

इस सीट से वर्तमान सांसद दिनेश कश्यप हैं. 18 नवंबर 1962 को जन्मे दिनेश कश्यप पेशे से किसान हैं. उन्होंने एमए(राजनीति शास्त्र) की डिग्री हासिल की है. उनकी पत्नी का नाम वेदवंती कश्यप है और उनके परिवार में दो बेटे और एक बेटी है.

विकास कार्यों पर सांसद निधि से खर्च

जनवरी, 2019 तक mplads.gov.in पर मौजूद आंकड़ों के मुताबिक, बीजेपी सांसद दिनेश कश्यप ने अभी तक अपने सांसद निधि से क्षेत्र के विकास के लिए 22.54 करोड़ रुपए में से 20.79 करोड़ रुपये खर्च किए हैं. उन्हें सांसद निधि से अभी तक 22.77 करोड़ (ब्याज के साथ) मिले हैं. इनमें से 1.98 करोड़ रुपये अभी खर्च नहीं किए गए हैं. उन्होंने जारी किए जा चुके रुपयों में से 90.63 फीसदी खर्च किया है.

छत्‍तीसगढ़ राज्‍य की स्‍थापना 1 नवंबर 2000 को मध्‍य प्रदेश के 16 जिलों को मिलाकर की गई. इसके बनाए जाने के पीछे मुख्‍य आधार छत्तीसगढ़ी बोलने वाले जिले थे. छत्तीसगढ़ में कुल पांच संभाग रायपुर, दुर्ग, बिलासपुर, सरगुजा व और बस्तर हैं. राज्य में कुल 27 जिले हैं, जो मिलकर 90 विधानसभा क्षेत्रों के अंतर्गत आते हैं.

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इस राज्‍य में 11 लोकसभा और 5 राज्‍यसभा सीटें आती हैं. यह क्षेत्रफल के हिसाब से देश का दसवां सबसे बड़ा राज्‍य है. फिलहाल राज्‍य की राजधानी रायपुर है, जिसे बदलकर नया रायपुर किया जाना प्रस्‍तावित है. 28 मिलियन से ज्‍यादा की जनसंख्‍या के साथ ये राज्‍य देश में 17वें स्‍थान पर आता है. राज्‍य में मुख्‍यत: बीजेपी और कांग्रेस ही है.

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