महाराष्ट्र की लातूर लोकसभा सीट पर कमल खिला है. यहां से भारतीय जनता पार्टी के सुधाकर तुकाराम श्रंगारे ने जीत दर्ज की है. उन्होंने कांग्रेस के प्रत्याशी कामंत मच्छिंद्र गुणवंतराव को 289111 वोटों के मार्जिन से हराया. इस चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के सुधाकर तुकाराम श्रंगारे को 661495 वोट हासिल हुए, जबकि कांग्रेस के कामंत मच्छिंद्र गुणवंतराव के हिस्से में सिर्फ 372384 वोट आए.
लातूर लोकसभा सीट पर 18 अप्रैल को दूसरे चरण में वोटिंग हुई थी. इस सीट से 10 उम्मीदवार अपनी किस्मत आजमाने के लिए चुनावी जंग में उतरे थे.
चुनाव आयोग के मुताबिक इस बार लातूर लोकसभा सीट पर 62.14 फीसदी मतदान दर्ज किया गया था. इस संसदीय क्षेत्र में कुल 18 लाख 83 हजार 535 मतदाता पंजीकृत हैं, लेकिन कुल 11 लाख 70 हजार 398 वोटरों ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया था. इस बार लातूर में पेयजल, सिंचाई, रोजगार जैसे मुद्दों चुनाव में छाए रहे.
जानिए इस चुनाव में किसको कितने वोट मिले
चुनाव मैदान में थे ये उम्मीदवार
महाराष्ट्र की लातूर लोकसभा सीट से कांग्रेस के कामंत मच्छिंद्र गुणवंतराव चुनाव मैदान में थे, जबकि भारतीय जनता पार्टी ने सुधाकर तुकाराम श्रंगारे को चुनावी जंग में उतारा था. इस चुनाव में श्रंगारे खरे उतरे और जीत दर्ज की. इसके अलावा बहुजन समाज पार्टी ने सिद्धार्थ कुमार दिगंबरराव सूर्यवंशी को प्रत्याशी घोषित किया था, जबकि वंचित बहुजन आघाडी ने राम गरकार को टिकट दिया था. इस सीट से तीन निर्दलीय समेत कुल 10 प्रत्याशी चुनाव लड़े थे. यह सीट अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है.
साल 2014 का चुनाव परिणाम
साल 2014 में लातूर लोकसभा सीट पर बीजेपी ने जीत दर्ज की और डॉ. सुनील गायकवाड़ सांसद बने. उन्होंने कांग्रेस दत्ताराव को हराया था. सुनील गायकवाड़ को तब 616509 वोट मिले थे जबकि दत्ताराव को 363114 वोटों से ही संतोष करना पड़ा था.
राजनीतिक पृष्ठभूमि
लातूर लोकसभा सीट कांग्रेस का गढ़ रही है, लोकसभा स्पीकर शिवराज पाटिल लातूर लोकसभा से लगातार 7 बार कांग्रेस के टिकट से सांसद बने. साल 2004 में इन्हें हार मिली तो राज्यसभा के रास्ते संसद पहुंचे और मनमोहन सिंह सरकार में गृहमंत्री बने. वहीं इतिहास की बात करें तो लातूर लोकसभा सीट पर 1962 में पहली बार चुनाव हुआ, जिसमें कांग्रेस के तुलसीराम कांबले सांसद निर्वाचित हुए. वे लगातार तीन चुनावों में कांग्रेस के टिकट पर इसी सीट से सांसद चुने गए. हालांकि 1977 में आपातकाल खत्म होने के बाद कांग्रेस को हार का सामना करना पड़ा.
इसके बाद एक बार फिर से कांग्रेस का दौर शुरू हुआ और शिवराज पाटिल लातूर सीट पर 1980 से 2004 तक लगातार 24 सालों तक काबिज रहे. शिवराज पाटिल लातूर सीट से 7 बार सांसद बने. 2004 के लोकसभा चुनाव में शिवराज पाटिल को हार मिली और सीट पर बीजेपी ने कब्जा कर लिया. हालांकि 2009 में एक बार फिर लातूर सीट पर कांग्रेस ने जीत हासिल की और जयवंत अवाले सांसद बने, लेकिन 2014 में बदलते समीकरण के बीच बीजेपी ने जीत दर्ज की और डॉ. सुनील गायकवाड़ सांसद बने.
ऐसे में बदलते समीकरण के बीच 2019 लोकसभा चुनाव के लिए राजनीतिक पार्टियों ने भी लातूर सीट से अपने नए उम्मीदवारों को टिकट दिया है. देखना दिलतस्प होगा कि इस बार जनता लातूर सीट पर बीजेपी उम्मीदवार को ही सत्ता में वापस लाती है या कांग्रेस को अपना गढ़ वापस मिलेगा.
बता दें कि महाराष्ट्र में लोकसभा चुनाव के लिए शिवसेना और बीजेपी का गठबंधन है. जिसमें 23 सीटों पर शिवसेना और 25 सीटों पर बीजेपी चुनाव लड़ रही है. वहीं 2014 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने 26 सीटों पर और शिवसेना ने 22 सीटों पर चुनाव लड़ा था.
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