महाराष्ट्र की अमरावती लोकसभा सीट से निर्दलीय प्रत्याशी नवनीत रवि राणा ने शानदार विजय हासिल की है. उन्होंने शिवसेना के सांसद अडसूल आनंदराव विठोबा को 36951 वोटों के अंतर से करारी शिकस्त दी. इस चुनाव में नवनीत रवि राणा को 510947 वोट हासिल हुए, जबकि शिवसेना के अडसूल आनंदराव विठोबा को सिर्फ 473996 से संतोष लगाना पड़ा.
महाराष्ट्र की अमरावती लोकसभा सीट पर 18 अप्रैल को दूसरे चरण में वोटिंग हुई थी. इस सीट से 24 उम्मीदवार अपनी किस्मत आजमाने चुनाव मैदान में उतरे थे. चुनाव आयोग के मुताबिक इस बार अमरावती लोकसभा सीट पर 60.37 फीसदी मतदान रिकॉर्ड किया गया था. इस संसदीय क्षेत्र में कुल 18 लाख 30 हजार 561 मतदाता पंजीकृत हैं, लेकिन कुल 11 लाख 5 हजार 73 वोटरों ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया था.
जानिए इस चुनाव में किसको कितने वोट मिले
ये उम्मीदवार थे चुनाव मैदान में
महाराष्ट्र की अमरावती संसदीय सीट से शिवसेना ने मौजूदा सांसद अडसूल आनंदराव विठोबा को चुनाव मैदान में उतारा था, लेकिन उनको निर्दलीय प्रत्याशी नवनीत कौर राणा के हाथों हार का सामना करना पड़ा. नवनीत कौर राणा को कांग्रेस-एनसीपी का समर्थन हासिल था. वहीं बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने अरुण वानखेड़े को प्रत्याशी बनाया था. इसके अलावा बहुजन महा पार्टी ने अठावले संजय को टिकट दिया था, जबकि 15 निर्दलीय उम्मीदवार चुनाव लड़े थे. यहां से कुल 24 प्रत्याशी चुनाव रण में थे. अमरावती लोकसभा सीट अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित थी.
पिछली बार किसने लहराई विजय पताका
अमरावती लोकसभा सीट पर जब 2014 में चुनाव हुआ, तो यहां से शिवसेना के आनंदराव अडसूल ने जीत दर्ज की. उन्होंने एनसीपी के नवनीत रवि राणा को हराया था. आनंदराव को 4 लाख 67 हजार 212 वोट मिले थे, जबकि एनसीपी प्रत्याशी नवनीत के खाते में 3 लाख 29 हजार 280 वोट गए थे. बता दें कि अमरावती लोकसभा सीट पर पिछले 25 वर्षों से शिवसेना जीतती आ रही है. आनंदराव अडसूल पिछले दो बार से जीतते आ रहे हैं.
राजनीतिक पृष्ठभूमि
अमरावती लोकसभा सीट की खास बात यह है कि जितनी बार भी यहां से प्रमुख दलों की महिला प्रत्याशी उतरीं, उन्हें जीत हासिल हुई. आंकड़ों पर नजर डालें तो कांग्रेस से पहली बारी ऊषा चौधरी को 1980 में अमरावती लोकसभा सीट से चुनाव मैदान में उतारा और वो जीतकर संसद पहुंचीं. वहीं 1991 में प्रतिभा पाटिल को कांग्रेस ने टिकट दिया. उन्होंने शिवसेना के प्रकाश पाटिल को हराया. हालांकि, इस सीट से प्रतिभा पाटिल केवल एक ही बार चुनाव लड़ीं. बता दें कि प्रतिभा पाटिल भारत की 12वीं राष्ट्रपति भी रह चुकी हैं.
अमरावती लोकसभा सीट के अंतर्गत 6 विधानसभा क्षेत्र आते हैं. इनमें बड़नेरा, अमरावती, तिवसा, दर्यापुर, मेलघाट, अचलपुर शामिल हैं. अमरावती, दर्यापुर, मेलघाट विधानसभा सीट बीजेपी के पास है तो वहीं तिवसा सीट पर कांग्रेस का दबदबा है. बड़नेरा और अचलपुर सीट निर्दलीय के पास है.
गौरतलब है कि 2014 का लोकसभा चुनाव बीजेपी और शिवसेना ने मिलकर लड़ा था. अमरावती सीट पर लंबे समय से शिवसेना का राज है. इस बार के चुनाव में जहां शिवसेना को अपनी सीट पर कब्जा बरकरार रखने की चुनौती है तो वहीं दूसरी और विरोधी दल इस सीट पर पहली बार जीत हासिल करने की कोशिश करेंगे. अमरावती सीट का मुकाबला दिलचस्प है, देखना होगा कि जनता अपने पुराने साथी को चुनती है या फिर कुछ चौंकाने वाले नतीजे सामने आएंगे.
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