scorecardresearch
 

कर्नाटक में मुस्लिम कोटा खत्म करने के फैसले पर जारी रहेगी रोक, SC में 25 जुलाई को अगली सुनवाई

बसवराज बोम्मई सरकार ने मार्च में ओबीसी आरक्षण में बदलाव कर दिया गया. सरकार ने ओबीसी आरक्षण से मुस्लिम कोटे को बाहर कर दिया. ओबीसी आरक्षण में मुस्लिम कोटा 4 फीसदी का था. उन्हें हटाकर वीरशैव-लिंगायत और वोक्कालिगा को शामिल किया गया. इस फैसल के खिलाफ SC में सुनवाई चल रही है.

Advertisement
X
प्रतीकात्मक फोटो
प्रतीकात्मक फोटो

कर्नाटक में 4% मुस्लिम आरक्षण खत्म करने के बोम्मई सरकार के फैसले के खिलाफ दायर याचिकाओं पर मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. इस दौरान कर्नाटक सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को आश्वासन दिया कि अभी 4% मुस्लिम आरक्षण को खत्म करने और लिंगायतों और वोक्कालिगा को 2-2% आरक्षण की वृद्धि के फैसले को लागू नहीं किया जाएगा. इस मामले में 25 जुलाई को अगली सुनवाई होनी है. 

Advertisement

सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ताओं के वकील ने कहा, चुनाव में प्रचार के दौरान गृह मंत्री और राज्य के मुख्यमंत्री मुस्लिम आरक्षण के मुद्दे को उठा रहे हैं. जबकि यह मुद्दा सुप्रीम कोर्ट में है. जस्टिस बीवी नागरत्ना ने इस पर नाराजगी जताते हुए पूछा, न्यायिक मामले के बारे में किसी को इस तरह का बयान क्यों देना चाहिए ? यह उचित नहीं. 

सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने इस पर एतराज जताते हुए कहा, ऐसे तर्कों को मौखिक क्यों उठाया जाना चाहिए? याचिकाकर्ता हलफनामा दें. इसपर सुप्रीम कोर्ट ने कहा, हम राजनीतिक बयानों में नहीं पड़ना चाहते. 

धर्म के आधार पर आरक्षण को लेकर क्यों मचा है घमासान, धार्मिक आरक्षण देना कितना सही? पढ़िए ये विश्लेषण
 

क्या है मामला?

दरअसल, बसवराज बोम्मई सरकार ने मार्च में ओबीसी आरक्षण में बदलाव कर दिया गया. सरकार ने ओबीसी आरक्षण से मुस्लिम कोटे को बाहर कर दिया. ओबीसी आरक्षण में मुस्लिम कोटा 4 फीसदी का था. उन्हें हटाकर वीरशैव-लिंगायत और वोक्कालिगा को शामिल किया गया. मुस्लिम कोटे का 4 फीसदी आरक्षण वीरशैव-लिंगायत और वोक्कालिगा में दो-दो फीसदी बांट दिया गया.

Advertisement

 देश में कुल पांच राज्य ऐसे हैं, जहां सभी मुसलमानों के लिए आरक्षण की व्यवस्था की गई है. और ये पांचों राज्य दक्षिण भारत से हैं. इनमें तेलंगाना है, आन्ध्र प्रदेश है, कर्नाटक है, केरल है और तमिलनाडु है. पूरे दक्षिण भारत में अब तक सभी मुसलमानों के लिए आरक्षण की व्यवस्था थी. लेकिन पिछले दिनों कर्नाटक पहला ऐसा राज्य बना, जहां मुसलमानों को दिया गया चार प्रतिशत आरक्षण समाप्त कर दिया गया.

विपक्षी दलों का आरोप है कि कर्नाटक में ऐसा इसलिए हुआ, क्योंकि वहां बीजेपी की सरकार है और बीजेपी ये सब चुनावों के लिए कर रही है. लेकिन बीजेपी का कहना है कि उसने राज्य में मुस्लिम आरक्षण को खत्म करके भारत के संविधान की रक्षा करने का काम किया है.

 

 

Advertisement
Advertisement