झारखंड में रघुवर सरकार की वापसी होगी या हेमंत सोरेन का दूसरी बार सीएम बनने का सपना पूरा होगा, यह अब से 24 घंटे बाद साफ हो जाएगा. झारखंड विधानसभा चुनाव के लिए रघुवर दास, हेमंत सोरेन जैसे दिग्गजों की किस्मत ईवीएम में कैद हो चुकी है और फिलहाल अब फैसले का इंतजार है. सोमवार को चुनावी नतीजों से साफ हो जाएगा कि बीजेपी का 65+ का नारा सच साबित होता है या कांग्रेस और झारखंड मुक्ति मोर्चा मिलकर सत्ता पर काबिज होते हैं.
अगर एग्जिट पोल सही साबित होते हैं तो हेमंत सोरेन के सिर पर ताज सजेगा वहीं बीजेपी को विपक्ष में बैठना पड़ सकता है. दरअसल, एग्जिट पोल के अनुमानों में बीजेपी 22 से 32 सीटों पर सिमटती नजर आ रही है, वहीं शिबू सोरेन की पार्टी झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) 38 से 50 सीटें जीत कर सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरती नजर आ रही है. झारखंड विकास मोर्चा (जेवीएम) को 2 से 4, आजसू को 3 से 5 और अन्य को 4 से 7 सीटें मिलने का अनुमान है.
क्या फिर साथ आएंगे बीजेपी और आजसू
81 सदस्यों वाली झारखंड विधानसभा में बहुमत के लिए 41 सीटें चाहिए. एग्जिट पोल के अनुमानों पर जाएं तो बीजेपी को अगर सत्ता पर फिर से काबिज होना है तो उसे आजसू और अन्य का सहारा लेना पड़ेगा. बता दें कि इस बार बीजेपी और आजसू ने अलग-अलग चुनाव लड़ा था. सीट बंटवारे पर सहमति नहीं बनने के कारण दोनों ने अलग रास्ते पर चलने का फैसला किया, लेकिन चुनाव परिणाम के बाद क्या होता यह देखने वाली बात होगी. क्योंकि राजनीति में तो कुछ भी संभव है.
महाराष्ट्र और हरियाणा के चुनाव इसके गवाह हैं. महाराष्ट्र में जहां बीजेपी शिवसेना के साथ मिलकर चुनाव लड़ी थी, लेकिन मुख्यमंत्री की कुर्सी के लिए दोनों ने 30 साल पुराना गठबंधन तोड़ लिया तो वहीं हरियाणा में बीजेपी ने जिस जननायक जनता पार्टी के खिलाफ चुनाव लड़ा उसी से मिलकर सरकार बना ली. तो ऐसे में अगर बीजेपी और आजसू की भी सरकार बनती है तो हैरानी नहीं होगी. बता दें कि 2014 में 37 सीट जीतने वाली बीजेपी आजसू के साथ ही सरकार बनाई थी. आजसू को इस चुनाव में 5 सीटें हासिल हुई थीं.
सोरेन के सिर पर ताज!
झारखंड मुक्ति मोर्चा के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन दूसरी बार झारखंड के मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठने का सपना देख रहे हैं. एग्जिट पोल में तो उनका सपना साकार होता भी दिख रहा है. क्योंकि कांग्रेस, जेएमएम और आरजेडी गठबंधन की झोली में 38 से 50 सीट जा सकती हैं. और 29 फीसदी लोग तो चाहते हैं कि हेमंत सोरेन ही सीएम बनें. एग्जिट पोल के अनुमान से तो हेमंत सोरेन गदगद हैं, लेकिन फाइनल नतीजे आने के बाद ही साफ होगा कि वह सीएम की कुर्सी पर बैठते हैं या उनका इंतजार और बढ़ेगा.