गुजरात विधानसभा चुनाव में जीते 182 विधायकों में से 83 प्रतिशत यानी 151 करोड़पति विधायक हैं. 2017 में विधानसभा में करोड़पति विधायकों की संख्या 141 थी. यह जानकारी एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (ADR) और गुजरात इलेक्शन वॉच की रिपोर्ट में सामने आई है.
गुजरात विधानसभा चुनाव के नतीजे 8 दिसंबर को आए थे. बीजेपी ने रिकॉर्ड 156 सीटें जीती हैं. कांग्रेस ने 17 सीटें और आप ने 5 सीटों पर जीत हासिल की है. ADR की रिपोर्ट के मुताबिक, बीजेपी के 156 में से 132 विधायक करोड़पति हैं. जबकि कांग्रेस के 17 में से 14 विधायक करोड़पति हैं. वहीं तीन निर्दलीय, AAP और सपा का एक-एक विधायक करोड़पति है.
किसके पास कितनी संपत्ति?
182 विधायकों में से जो 151 करोड़पति हैं, उनमें से 73 के पास 5 करोड़ से ज्यादा संपत्ति है. जबकि 73 विधायकों के पास 2 करोड़ से 5 करोड़ के बीच संपत्ति है. गुजरात में प्रति विधायक की औसत संपत्ति अब 16.41 करोड़ रुपए हो गई है. यह 2017 की तुलना में लगभग दोगुनी है. 2017 में विधायकों की औसत संपत्ति 8.46 करोड़ है.
किसके पास सबसे ज्यादा संपत्ति?
रिपोर्ट के मुताबिक, गुजरात में सबसे अमीर मनसा से बीजेपी विधायक जेएस पटेल हैं. उनकी संपत्ति 661 करोड़ रुपए है. वहीं. दूसरा नंबर सिद्धपुर से विधायक बल्वंत सिंह राजपूत का है. उनके पास 372 करोड़ की संपत्ति है. राजकोट साउथ से बीजेपी विधायक रमेश तिलाला तीसरे नंबर पर हैं. उनके पास 175 करोड़ रुपए की संपत्ति है.
74 विधायक फिर चुनकर पहुंचे
ADR की रिपोर्ट के मुताबिक, 74 विधायक फिर से चुने गए और उनकी संपत्ति में औसतन 2.61 करोड़ रुपये की वृद्धि हुई. यह 2017 की तुलना में 40 प्रतिशत की वृद्धि है. बीजेपी विधायक बाबूभाई पटेल की संपत्ति 5 साल में 32.52 से बढ़कर 61.47 करोड़ रुपए हो गई है. वहीं, बीजेपी विधायक हर्ष सांघवी की संपत्ति 2.12 करोड़ से बढ़कर 17 करोड़ रुपए हो गई है. यानी 5 साल में संपत्ति 15 करोड़ रुपए बढ़ी है.
कौन कितना पढ़ा लिखा?
रिपोर्ट के मुताबिक, गुजरात के 182 विधायक में से 6 पोस्ट ग्रेजुएट हैं, 19 ग्रेजुएट और 6 डिप्लोमा होल्डर हैं. वहीं, 86 विधायकों ने 5 से 12 तक की पढ़ाई की है. वहीं 7 विधायकों ने खुद को सिर्फ पढ़ा लिखा बताया है.
किस पर कितने केस?
रिपोर्ट के मुताबिक, 40 नए विधायकों के खिलाफ आपराधिक केस पेंडिंग चल रहे हैं. एडीआर के एनालिसिस से पता चलता है कि इन 40 विधायकों में से 29 सदस्य (कुल 182 में से 16 प्रतिशत) गंभीर आपराधिक केसों में फंसे हैं. इनमें मर्डर और रेप की कोशिश जैसे संगीन आरोप हैं. इन 29 सदस्यों में से 20 बीजेपी के हैं, 4 कांग्रेस, 2 आम आदमी पार्टी, 2 निर्दलीय और एक समाजवादी पार्टी का है. बीजेपी के 156 विधायकों में से 26 (17 प्रतिशत), कांग्रेस के 17 विधायकों में से 9 (53 प्रतिशत), आप के 5 में से 2 विधायक (40 प्रतिशत), 3 निर्दलीयों में से 2 (68 प्रतिशत) और एकमात्र समाजवादी पार्टी के विधायक कांधल जडेजा ने खुद के खिलाफ आपराधिक केस पेंडिंग होने की घोषणा की है.