चुनाव आयोग ने शुक्रवार को हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव की तारीख का ऐलान कर दिया है. इस दौरान अनुमान लगाया जा रहा था कि गुजरात विधानसभा चुनाव की तारीखों का भी ऐलान किया जाएगा. लेकिन ऐसा नहीं हुआ. आयोग ने सिर्फ हिमाचल के चुनाव की तारीख का ऐलान किया. यह आश्चर्यजनक था, क्योंकि दोनों राज्यों की विधानसभाओं का कार्यकाल छह महीने के भीतर समाप्त हो रहा है. ऐसे मामलों में चुनाव आयोग एक साथ ही संबंधित राज्यों में चुनावों की तारीखों की घोषणा करता है और परिणाम भी एक ही दिन घोषित किए जाते हैं.
इस दौरान मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित करते हुए कहा कि हिमाचल प्रदेश चुनाव के लिए मतगणना आठ दिसंबर को होगी और लोकतंत्र के त्योहार में मतदाताओं की अधिक से अधिक भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए व्यापक इंतजाम किए गए हैं. गुजरात चुनाव की तारीखों के सवाल पर राजीव कुमार ने कहा, "चुनाव आयोग चुनावों की घोषणा करने के लिए परंपरा के अनुसार चलता है. आयोग ने उस अधिवेशन को अपनाने का फैसला किया है. जिसका आखिरी बार पालन किया गया था."
दोनों राज्य के कार्यकाल में 40 दिनों का अंतर
उन्होंने जोर देकर कहा कि एक राज्य में चुनाव दूसरे में चुनाव को प्रभावित नहीं करेंगे, क्योंकि हिमाचल प्रदेश और गुजरात की विधानसभाओं के कार्यकाल की अंतिम तारीखों में 40 दिनों का अंतर है. यह पूछे जाने पर कि क्या गुजरात के लिए मतगणना भी आठ दिसंबर को होगी, कुमार ने कहा, "जब हम गुजरात के लिए यहां आएंगे, तो हम आपको यह बताएंगे."
हिमाचल प्रदेश विधानसभा का कार्यकाल 8 जनवरी 2023 को समाप्त हो रहा है. वहीं गुजारत विधानसभा का कार्यकाल 18 फरवरी, 2023 तक है. हालांकि, माना जा रहा है कि नवंबर-दिसंबर की अवधि में ही गुजरात चुनाव कराना अभी भी संभव है, ताकि वोटों की गिनती हिमाचल प्रदेश के साथ ही की जा सके, जैसा कि 2017 में हुआ था.
विपक्ष ने केंद्र सरकार पर साधा निशाना
कुछ विपक्षी नेताओं ने कहा कि गुजरात चुनावों की घोषणा बाद में मौजूदा सरकार को आदर्श आचार संहिता लागू होने से पहले और अधिक कल्याणकारी योजनाओं को लागू करने की अनुमति दे सकती है. कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा, "जाहिर तौर पर यह प्रधानमंत्री को कुछ बड़े वादे करने और और उद्घाटन करने के लिए और समय देने के लिए किया गया है. इसमें कोई आश्चर्य की बात नहीं है."
ये है हिमाचल चुनाव का पूरा शिड्यूल
बता दें कि चुनाव आयोग ने 2017 में हिमाचल प्रदेश के लिए 12 अक्टूबर और गुजरात में 25 अक्टूबर को चुनाव की घोषणा की थी. वहीं दोनों राज्यों में मतों की गिनती 18 दिसंबर को हुई थी. हिमाचल प्रदेश के लिए शुक्रवार को जारी मतदान शिड्यूल के अनुसार, चुनाव की अधिसूचना 17 अक्टूबर को जारी की जाएगी और नामांकन दाखिल करने की अंतिम तिथि 25 अक्टूबर होगी. नामांकन पत्रों की जांच 27 अक्टूबर को होगी और नामांकन वापस लेने की अंतिम तिथि 29 अक्टूबर होगी. मतदान 12 नवंबर को होगा और मतगणना आठ दिसंबर को होगी.
हिमाचल में 55 लाख वोटर्स डालेंगे वोट
चुनाव आयोग ने हिमाचल प्रदेश में जल्द चुनाव कराने के लिए मौसम को भी कारण बताया. हिमाचल प्रदेश की 68 विधानसभा सीटों के लिए 55 लाख से अधिक मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे. इनमें 1.86 लाख ऐसे वोटर्स हैं जो पहली बार वोट डालेंगे, 1.22 लाख 80 वर्ष से अधिक आयु के और 1,184 मतदाता हैं जो 100 वर्ष से अधिक आयु के हैं.
2017 हिमाचल चुनाव में भाजपा को मिली थी बहुमत
गौरतलब है कि हिमाचल प्रदेश में 68 सदस्यीय विधानसभा है और भाजपा ने 2017 के चुनावों में 44 सीटें जीतकर स्पष्ट बहुमत हासिल किया था. कांग्रेस 21 सीटें जीतने में सफल रही, निर्दलीय ने दो सीटें जीतीं और सीपीआई (एम) एक सीट पर विजयी हुई. पिछले चुनाव में वोट प्रतिशत की बात करें तो भाजपा ने कुल वैध मतों का 48.79 प्रतिशत हासिल किया था, उसके बाद कांग्रेस को 41.68 प्रतिशत और निर्दलीय को 6.34 प्रतिशत वोट मिले.