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Runnisaidpur Election Results 2020: जेडीयू उम्मीदवार पंकज कुमार मिश्रा जीते, आरजेडी को हराया

Runnisaidpur Election Results, Runnisaidpur Vidhan Sabha seat Counting 2020: बिहार की रुन्नीसैदपुर विधानसभा सीट से मंगिता देवी विधायक हैं. 2015 में हुए चुनाव में इन्होंने राष्ट्रीय लोकसमता पार्टी के प्रत्याशी पंकज कुमार मिश्रा को हराया था.

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Runnisaidpur Election Results 2020
Runnisaidpur Election Results 2020
स्टोरी हाइलाइट्स
  • जेडीयू उम्मीदवार पंकज कुमार को मिली जीत
  • आरजेडी उम्मीदवार मंगिता देवी को हराया
  • आरजेडी का इस सीट पर रहा है दबदबा

बिहार में रुन्नीसैदपुर विधानसभा चुनाव पर दिलचस्प मुकाबला देखने को मिला. हालांकि जेडीयू उम्मीदवार पंकज कुमार मिश्रा शुरुआत से ही बढ़त बनाए रहे और आखिरकार आरजेडी उम्मीदवार मंगिता देवी को शिकस्त दिया. पंकज मिश्रा को कुल 73,205 वोट मिले हैं. वहीं आरजेडी प्रत्याशी मंगिता देवी को 48576 वोट मिले हैं. यानी की बीजेपी उम्मीदवार को 24,629 वोटों के अंतर से जीत मिली है. मत प्रतिशत देखा जाए तो बीजेपी उम्मीदवार को 47.96 और आरजेडी प्रत्याशी को 31.83 प्रतीशत वोट मिले हैं. 

रुन्नीसैदपुर विधानसभा में दूसरे चरण के तहत वोटिंग हुई, जिसमें कुल 53.6 फीसदी लोगों ने हिस्सा लिया. रुन्नीसैदपुर विधानसभा बिहार की 243 विधानसभा सीटों में से 29वें क्रमांक की है.यह विधानसभा सीट सीतामढ़ी जिले के अंतर्गत आती है.

2015 का चुनाव

2015 के विधानसभा चुनाव में आरजेडी प्रत्याशी मंगिता देवी को 55,699 वोट हासिल हुए थे, वहीं राष्ट्रीय लोक समता पार्टी के प्रत्याशी पंकज कुमार मिश्रा को 41,589 वोट हासिल हुए थे. उस वक्त आरएलएसपी, राष्ट्रीय लोकतांत्रिक गठबंधन का हिस्सा थी.  इस चुनाव में कुल 15 लोग चुनावी समर में उतरे थे, जिनमें से 3 महिलाएं थीं.

2015 के चुनाव में 10 लोगों की जमानत तक जब्त हो गई थी. विधानसभा में 53.60 फीसदी मत पड़े थे. तीसरे नंबर पर समाजवादी पार्टी की गुड्डी देवी थीं. उन्हें कुल 16,038 वोट हासिल हुआ था, वहीं 7,249 लोगों ने नोटा का विकल्प चुना था. कुल 40.25 फीसदी वोट पड़े थे.

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सीट का इतिहास

इस सीट पर अब तक कुल 17 बार चुनाव कराए गए हैं, जिनमें 2 उपचुनाव हैं. पहली बार जब यहां 1951 में वोट पड़े तो निर्दलीय उम्मीदवार विवेकानंद गिरी यहां से जीते थे. उन्होंने इंडियन नेशनल कांग्रेस के उम्मीदवार रत्नेश्वर नंद सिंह को हराया था. लगातार दो बार के चुनाव में यह सीट कांग्रेस के खाते में 1980 और 1984 के उपचुनाव में गई थी. फिर 1990 और 1995 के विधानसभा चुनाव में यह सीट जनता दल के हिस्से में गई. 

2000 में इस सीट पर जहां आरजेडी का खाता खुला, वहीं फरवरी 2005 में हुए चुनाव में भी दोबारा यह सीट आरजेडी के खाते में गई. तब दोनों बार भोला राय विधायक चुने गए थे. वहीं जब अक्टूबर 2005 में दोबारा उपचुनाव कराने पड़े तब जनता दल यूनाइटेड की गुड्डी देवी ने आरजेडी के भोला राय को हरा दिया. 2010 के चुनाव में फिर इस सीट पर गुड्डी देवी विजेता बनीं. उन्होंने आरजेडी के राम शत्रुघ्न राय को मात दी. तब गुड्डी देवी को कुल 36,125 मत पड़े थे, वहीं राम शत्रुघ्न राय को 25,366 वोट पड़े थे.

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सामाजिक ताना-बाना

इस विधानसभा में कुल 2,56,495 वोटर्स हैं. 1,37,593 पुरुष वोटर और 1,18,895 महिला वोटर्स है. 7 ट्रांसजेंडर समुदाय के वोटर हैं. यहां के वोटरों के लिए प्रमुख चुनावी मुद्दों में बेरोजगारी और बदहाल अस्पताल व्यवस्था पहली प्राथमिकता है. कोरोना काल में अस्पतालों की बदहाल व्यवस्था के लिए मौजूदा विधायक मंगिता देवी भी नीतीश सरकार को कोस रही हैं.
 

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