
मई महीने की बात है, लॉकडाउन की वजह से सबकुछ ठप था. इस दौरान बिहार की राजनीति में उबाल था. दरअसल, आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने जेडीयू के बाहुबली विधायक अमरेंद्र उर्फ पप्पू पांडे के खिलाफ जमकर मोर्चा खोला था. अब चुनावी नतीजों में पप्पू पांडे को एक बार फिर जीत मिली है..
कुचायकोट से मिली जीत
अमरेंद्र उर्फ पप्पू पांडे को गोपालगंज के कुचायकोट से जीत मिली है. जेडीयू उम्मीदवार पप्पू पांडे ने महागठबंधन की सहयोगी कांग्रेस के काली पांडे को करीब 21 हजार से भी ज्यादा वोट से हराया है. इस सीट पर रालोसपा की उम्मीदवार सुनीता देवी ने भी जबरदस्त टक्कर दी है. सुनीता देवी को 33 हजार से ज्यादा वोट मिले हैं.
आपको बता दें कि सुनीता देवी के पति रामाश्रय सिंह एक कारोबारी थे और उनकी हत्या कर दी गई थी. इस हत्याकांड में विधायक पप्पू पांडे का नाम उछला था. हालांकि, तमाम आरोपों के बावजूद पप्पू पांडे पर कुचायकोट की जनता ने भरोसा दिखाया है और उन्होंने एक बार फिर जीत हासिल की है. यह लगातार तीसरी बार है जब पप्पू पांडे को जीत मिली है.

तेजस्वी ने क्यों किया था तांडव
दरअसल, मई महीने में गोपालगंज में एक ही परिवार के तीन लोगों की हत्या कर दी गई थी. इस हत्याकांड में जेडीयू विधायक पप्पू पांडे के अलावा उनके बाहुबली भाई सतीश पांडे और भतीजा मुकेश पांडे को नामजद किया गया. इसके तुरंत बाद सतीश पांडे और मुकेश पांडे की गिरफ्तारी हो गई लेकिन पप्पू पांडे पर कोई कार्रवाई नहीं हुई. इस मुद्दे को तेजस्वी यादव ने काफी जोर-शोर से उठाया और वह गिरफ्तारी की मांग पर अड़े रहे. आरजेडी की तमाम कोशिशों के बाद भी पप्पू पांडे पुलिस की गिरफ्त से बच गए.
देखें- आजतक LIVE TV
कई आपराधिक मामले दर्ज
अमरेंद्र उर्फ पप्पू पांडे पर हत्या, अपहरण, रंगदारी समेत दो दर्जन से ज्यादा मामले दर्ज हैं. तमाम अपराध और आरोपों के बावजूद जनता के बीच पप्पू पांडे की मिस्टर क्लीन की छवि है और यही वजह है कि वह लगातार तीसरी बार विधानसभा पहुंचने को तैयार हैं.