बिहार विधानसभा चुनाव 2025 राष्ट्रीय जनता दल के लिए दुस्वप्न साबित हुआ है. कारण, यह चुनाव आरजेडी के सबसे खराब प्रदर्शनों में से एक साबित हुआ है. तेजस्वी यादव भले ही अपनी राघोपुर सीट बचाने में कामयाब रहे हैं लेकिन आरजेडी महज 25 सीटों पर सिमट गई है. यह आरजेडी के इतिहास के सबसे खराब प्रदर्शन में से एक है. 2010 में पार्टी के खाते में सिर्फ 22 सीटें आई थीं.
अब सवाल ये है कि बिहार का मुख्यमंत्री बनने का सपना देख रहे तेजस्वी यादव क्या नेता प्रतिपक्ष बन पाएंगे? दरअसल, उनके लिए ये पद मिलना मुश्किल नहीं है. क्योंकि बिहार का नेता प्रतिपक्ष बनने के लिए कम से कम 25 विधायकों का होना जरूरी है और आरजेडी के पास ये आंकड़ा है. बिहार विधानसभा में सदस्यों की संख्या 243 है.
2020 में आरजेडी के खाते में आई 75 सीटें आई थीं. लेकिन इस बार पार्टी को सीधे 50 सीटों का नुकसान हुआ है. वहीं महागठबंधन सिर्फ 35 सीटें ही जीत पाई है. कांग्रेस की 6 और वाप दल समेत अन्य दलों की 4 सीटें शामिल हैं.
2010 में मिली थी मात्र 22 सीट
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2010 में भी आरजेडी की बिहार में तगड़ी हार हुई थी. इस चुनाव में आरजेडी 168 सीटों पर लड़ी और उसके खाते में मात्र 22 सीटें आई थी. इसकी वजह से नेता प्रतिपक्ष का पद आरजेडी को नहीं मिल पाया था. इस चुनाव में जेडीयू को 115 और बीजेपी को 91 सीटें मिली थीं. NDA को कुल मिलाकर 206 सीटें मिली थीं.