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गुर्जर नेता, 3 बार विधायक, 2 बार सांसद... जानें विवादों में रहने वाले रमेश बिधूड़ी की पॉलिटिकल हिस्ट्री

Ramesh Bidhuri Profile: रमेश बिधूड़ी ने अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत एक छात्र नेता के रूप में की जब उन्हें शहीद भगत सिंह कॉलेज का सेंट्रल काउंसलर और दिल्ली विश्वविद्यालय की कार्यकारी परिषद के लिए चुना गया. उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय के शहीद भगत सिंह कॉलेज (एम) से बी.कॉम में स्नातक की पढ़ाई पूरी की. इसके बाद मेरठ स्थित चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय से LAW (LLB) में अपनी डिग्री पूरी की. उन्होंने दिल्ली उच्च न्यायालय में वकालत भी की है.

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बीजेपी नेता और दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए कालकाजी सीट से पार्टी के उम्मीदवार रमेश बिधूड़ी. (Photo: X/@BJP4Delhi)
बीजेपी नेता और दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए कालकाजी सीट से पार्टी के उम्मीदवार रमेश बिधूड़ी. (Photo: X/@BJP4Delhi)

भारतीय जनता पार्टी के नेता रमेश बिधूड़ी एक बार फिर अपने विवादित बयानों को लेकर चर्चा में हैं. आगामी दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा ने उन्हें कालकाजी सीट से अपना उम्मीदवार बनाया है. रमेश बिधूड़ी का जन्म 18 जुलाई, 1961 को दक्षिण दिल्ली स्थित ऐतिहासिक गांव तुगलकाबाद में रामरिख और चरतो देवी के घर हुआ था. वह गुर्जर समुदाय से आते हैं. आइए एक नजर डालते हैं रमेश बिधूड़ी के राजनीतिक सफर पर...

रमेश बिधूड़ी और उनके परिवार के सदस्य शुरुआत से ही राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के सक्रिय सदस्य रहे हैं. बिधूड़ी ने अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत एक छात्र नेता के रूप में की जब उन्हें शहीद भगत सिंह कॉलेज का सेंट्रल काउंसलर और दिल्ली विश्वविद्यालय की कार्यकारी परिषद के लिए चुना गया. एक छात्र नेता के रूप में उन्होंने 1983 से एबीवीपी के लिए लगन और समर्पण के साथ काम किया. बिधूड़ी ने दिल्ली विश्वविद्यालय के शहीद भगत सिंह कॉलेज (एम) से बी.कॉम में स्नातक की पढ़ाई पूरी की. इसके बाद मेरठ स्थित चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय से LAW (LLB) में अपनी डिग्री पूरी की. उन्होंने दिल्ली उच्च न्यायालय में वकालत भी की है.

पहली बार 2003 में MLA बने रमेश बिधूड़ी

रमेश बिधूड़ी ने 1993 से ही कई धार्मिक और राजनीतिक संगठनों में प्रतिष्ठित पदों पर रहते हुए राजनीति में सक्रिय रूप से काम किया है. उन्होंने वर्ष 1996 में महरौली जिले के जिला महासचिव के रूप में काम किया और महासंघ धर्म यात्रा के प्रदेश सचिव रहे. वह 1997 से 2003 तक भाजपा के महरौली जिला अध्यक्ष रहे. उन्होंने 2003 से 2008 तक भाजपा दिल्ली प्रदेश के उपाध्यक्ष के रूप में भी सक्रिय रूप से काम किया. वर्तमान में रमेश बिधूड़ी भाजपा दिल्ली प्रदेश के महासचिव हैं और इस पद पर 2008 से ही कार्यरत हैं. वह 2003 में पहली बार तुगलकाबाद से बीजेपी के टिकट पर विधायक चुने गए. 2008 में परिसीमन के बाद, तुगलकाबाद निर्वाचन क्षेत्र को दो भागों में विभाजित कर दिया गया और ओखला नई विधानसभा बनी. ओखला की जनता ने रमेश बिधूड़ी को अपना विधायक चुना. उन्होंने 2013 का विधानसभा चुनाव एक बार फिर तुगलकाबाद से लड़ा और लगातार तीसरी बार विधायक बने. 

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दक्षिण दिल्ली से 2 बार सांसद रहे हैं बिधूड़ी

भाजपा ने उन्हें 2014 के लोकसभा चुनाव में दक्षिण दिल्ली निर्वाचन क्षेत्र से अपना उम्मीदवार बनाया और वह पहली बार सांसद बने. इसके बाद 2019 के चुनाव में उन्होंने दक्षिण दिल्ली की सीट बरकरार रखी. बीजेपी ने 2024 के लोकसभा चुनाव में रमेश बिधूड़ी की जगह रामवीर सिंह बिधूड़ी को दक्षिण दिल्ली सीट से अपना उम्मीदवार बनाया और वह जीतने में सफल रहे. रमेश बिधूड़ी केंद्र से एक बार फिर राज्य की सियासत में वापसी कर रहे हैं. वह कालकाजी सीट से दिल्ली विधानसभा का चुनाव लड़ेंगे, जहां उनका मुकाबला दो महिला उम्मीदवारों से होगा. इस सीट से AAP नेता और दिल्ली की मौजूदा मुख्यमंत्री आतिशी वर्तमान विधायक हैं. वह फिर यहीं से चुनाव लड़ेंगी. वहीं कांग्रेस ने अलका लांबा को कालकाजी से अपना उम्मीदवार बनाया है. यह देखना दिलचस्प होगा कि रमेश बिधूड़ी त्रिकोणीय मुकाबले में अलका लांबा और आतिशी से कैसे निपटते हैं.

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रमेश बिधूड़ी का कंट्रोवर्सी से रहा है पुराना नाता

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कालकाजी से टिकट फाइनल होने के बाद एक चुनावी सभा को संबोधित करते हुए रमेश बिधूड़ी ने प्रियंका गांधी को लेकर विवादित टिप्पणी की. इसके 24 घंटे बाद ही उन्होंने एक और चुनावी सभा को संबोधित करते हुए दिल्ली की मुख्यमंत्री और कालकाजी से AAP की अपनी प्रतिद्वंद्वी आतिशी के सरनेम को लेकर कुछ ऐसा कह दिया, जिसने उन्हें विवादों के केंद्र में ला दिया. रमेश बिधूड़ी ने अपनी पहली रैली के दौरान कहा था, 'लालू ने कहा था कि वह बिहार में हेमा मालिनी के गालों जैसी सड़कें बनाएंगे लेकिन वह ऐसा नहीं कर सके. उन्होंने झूठा वादा किया था. लेकिन मैं आपको विश्वास दिलाता हूं कि हम कालकाजी की सभी सड़कों को प्रियंका गांधी के गालों जैसी बना देंगे.' इसके 24 घंटे बाद एक और रैली को संबोधित करते हुए बिधूड़ी ने कहा, 'यह मार्लेना (आतिशी द्वारा पहले इस्तेमाल किया गया उपनाम) अब सिंह बन गई, उसने अपना सरनेम बदल लिया. केजरीवाल ने भ्रष्ट कांग्रेस के साथ नहीं जाने के लिए अपने बच्चों की कसम खाई थी, मार्लेना ने तो बाप बदल लिया. पहले वह मार्लेना थीं, अब वह सिंह बन गई हैं. यही उनका चरित्र है.' हालांकि, आलोचना होने के बाद बिधूड़ी ने अपने विवादित बयानों के लिए खेद प्रकट किया.

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बिधूड़ी के बयानों से संसद में भी मच चुका है बवाल

रमेश बिधूड़ी पहली बार अपने बयानों को लेकर विवादों में नहीं घिरे हैं. 21 सितंबर 2023 को संसद में चर्चा के दौरान बिधूड़ी ने बहुजन समाज पार्टी के सांसद कुंवर दानिश अली को आतंकवादी कहते हुए गाली दी थी. इन टिप्पणियों की सभी पार्टियों के सांसदों और राजनीतिक नेताओं ने निंदा की. उनकी इस टिप्पणी के लिए बीजेपी ने उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी किया है. हालांकि, स्पीकर ओम बिरला द्वारा उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई. बाद में रमेश बिधूड़ी ने अपनी आपत्तिजनक टिप्पणी के लिए खेद व्यक्त किया. इससे पहले 2015 में विपक्ष की 5 महिला सांसदों ने तत्कालीन अध्यक्ष सुमित्रा महाजन को एक शिकायत में, दक्षिण दिल्ली के तत्कालीन भाजपा सांसद बिधूड़ी पर सदन में 'अपमानजनक व्यवहार करने और अनुचित भाषा' का इस्तेमाल करने का आरोप लगाया था. शिकायत करने वाली सांसदों में कांग्रेस की रंजीता रंजन, सुष्मिता देव (अब टीएमसी में हैं), एनसीपी की सुप्रिया सुले, टीएमसी की अर्पिता घोष और सीपीएम की पीके श्रीमति शामिल थीं.

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