बिहार की राजनीति में गुरुवार को तब हलचल मच गई जब चुनाव आयोग ने वैशाली से लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) की सांसद वीणा देवी और उनके पति, जनता दल (यूनाइटेड) के एमएलसी दिनेश सिंह को दो-दो वोटर आईडी कार्ड रखने के मामले में नोटिस जारी कर दिया.
तेजस्वी यादव ने साधा निशाना
न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट के मुताबिक चुनाव आयोग की कार्रवाई ठीक उस समय हुई जब इससे कुछ घंटे पहले ही आरजेडी नेता और नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने सोशल मीडिया पर दावा किया कि वीणा देवी और उनके पति के पास दो-दो वोटर कार्ड हैं. उन्होंने विशेष गहन पुनरीक्षण (Special Intensive Revision) के तहत प्रकाशित ड्राफ्ट वोटर लिस्ट के स्क्रीनशॉट साझा करते हुए कहा कि यह "धोखाधड़ी, हेरफेर और चुनाव आयोग की मिलीभगत" का मामला है, जिससे भाजपा-एनडीए को चुनाव में फायदा पहुंचाया जा सके.
16 अगस्त तक जवाब देने का निर्देश
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आधिकारिक जानकारी के अनुसार, मुजफ्फरपुर विधानसभा क्षेत्र के निर्वाचन पंजीकरण अधिकारी (ERO) ने सांसद और एमएलसी को नोटिस भेजकर 16 अगस्त तक अपना जवाब देने को कहा है.
मीडिया से बात करते हुए वीणा देवी ने इन आरोपों को बेबुनियाद बताया. उन्होंने कहा, 'मुझे नहीं पता कि मेरा नाम मुजफ्फरपुर विधानसभा क्षेत्र की मतदाता सूची में कैसे आ गया, मैं केवल साहेबगंज विधानसभा क्षेत्र की पंजीकृत मतदाता हूं. मुझे इस बारे में मीडिया से ही पता चला.'
वीणा देवी ने किया पलटवार
उन्होंने आगे कहा कि यह गलती चुनाव अधिकारियों की लापरवाही से हुई है और उन्होंने अपना नाम मुजफ्फरपुर की सूची से हटाने के लिए आवेदन भी दे दिया है. वहीं, तेजस्वी यादव के आरोपों पर उन्होंने कहा, 'वह विपक्ष में हैं, इसलिए सत्ता पक्ष के नेताओं पर ऐसे ही आरोप लगाएंगे.'

इस घटना ने बिहार की राजनीति में नए विवाद को जन्म दे दिया है. विपक्ष ने इसे चुनावी प्रक्रिया की पारदर्शिता पर गंभीर सवाल बताया है, जबकि सत्ता पक्ष इसे महज तकनीकी त्रुटि करार दे रहा है. अब सभी की निगाहें 16 अगस्त को मिलने वाले जवाब और चुनाव आयोग की आगे की कार्रवाई पर टिकी हैं.