बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण को लेकर विपक्षी दलों ने पहले तो जमकर सवाल उठाए और बवाल मचाया, लेकिन तीसरे दिन भी वे कोई ठोस दावा या प्रमाण लेकर निर्वाचन आयोग के पास नहीं पहुंचे. आयोग ने साफ किया है कि अब तक किसी भी राजनीतिक दल की ओर से अवैध वोटर जोड़े जाने या वैध वोटर को हटाए जाने को लेकर कोई आपत्ति या सुझाव प्राप्त नहीं हुआ है.
निर्वाचन आयोग ने शुक्रवार को ही बूथवार पूरी मतदाता सूची सभी राजनीतिक दलों को उपलब्ध करा दी थी. साथ ही इसे वेबसाइट पर भी डाल दिया गया, ताकि सभी बूथ लेवल एजेंट्स (BLA) सूची की गहन जांच कर सकें.
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आयोग के आंकड़ों के अनुसार, भारतीय जनता पार्टी के पास 53338, राष्ट्रीय जनता दल के 47506, जनता दल यूनाइटेड के 36550, और कांग्रेस के पास 17549 बूथ लेवल एजेंट्स हैं. इन सभी बीएलए को मतदाता सूची की समीक्षा और आपत्तियों के लिए ज़िम्मेदारी दी गई थी.
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60 हजार बीएलए में किसी ने आपत्ति दर्द नहीं कराई
पुनरीक्षण प्रक्रिया का रविवार को तीसरा दिन था, लेकिन आयोग को अब तक एक भी आपत्ति या सुधार का अनुरोध नहीं मिला है. इससे आयोग का यह मानना है कि शायद विपक्षी दलों के लगभग 60 हजार बीएलए अब तक कोई आपत्तिजनक नाम या गड़बड़ी सूची में नहीं खोज पाए हैं.
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नाम हटाए जाने की शिकायत को दुरुस्त किया जाएगा!
निर्वाचन आयोग का कहना है कि सभी निर्वाचन अधिकारी अब भी ऐसे दावों का इंतजार कर रहे हैं, जिनके आधार पर किसी मतदाता का नाम हटाने या जोड़ने की तस्दीक कर आवश्यक संशोधन और परिवर्द्धन किया जा सके.