अगले साल होने वाले पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के लिए बीजेपी ने अपनी रणनीति में बड़ा बदलाव किया है. पिछले विधानसभा चुनाव में मिली हार से सबक लेते हुए पार्टी इस बार नए अंदाज में मैदान में उतरने की तैयारी कर रही है. बीजेपी ने फैसला किया है कि वह ममता बनर्जी पर व्यक्तिगत रूप से टिप्पणी नहीं करेगी. इसके बजाय वह टीएमसी सरकार की नाकामियों, भ्रष्टाचार और कानून-व्यवस्था के मुद्दे को उठाएगी.
दरअसल, पिछले विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने पूरा चुनाव मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के इर्द-गिर्द केंद्रित कर दिया था. प्रचार के दौरान पीएम मोदी समेत कई बीजेपी नेताओं ने ममता बनर्जी पर व्यक्तिगत टिप्पणियां कीं जो बंगाल के मतदाताओं को पसंद नहीं आईं. खासकर एक महिला मुख्यमंत्री के खिलाफ व्यक्तिगत हमले का असर उलटा पड़ा और इसका सीधा फायदा ममता बनर्जी और तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) को मिला.
भ्रष्टाचार और कानून-व्यवस्था पर जोर
इस बार पार्टी ने तय किया है कि ममता बनर्जी पर कोई निजी टिप्पणी नहीं की जाएगी. बीजेपी अब ममता बनर्जी को बतौर मुख्यमंत्री उनके शासन की नाकामियों, भ्रष्टाचार और कानून-व्यवस्था की खराब स्थिति को लेकर घेरने की रणनीति पर काम करेगी.
बीजेपी राज्य में भ्रष्टाचार को बड़ा चुनावी मुद्दा बनाने जा रही है. पार्टी जल्द ही उन टीएमसी नेताओं और मंत्रियों के खिलाफ अभियान शुरू करेगी, जिन पर भ्रष्टाचार के आरोप हैं या जो फिलहाल जेल में हैं. इसके साथ ही, हाल में सामने आए बलात्कार के मामलों और आर.जी. कर अस्पताल की घटना को महिला सुरक्षा और कानून-व्यवस्था के तौर पर उठाया जाएगा.
पुराने कार्यकर्ताओं पर भरोसा
इस बार बीजेपी बाहरी नेताओं के बजाय अपने पुराने और वफादार कार्यकर्ताओं पर भरोसा करेगी. पार्टी उन नेताओं से दोबारा संपर्क साधेगी, जिन्होंने कठिन दौर में भी पार्टी का साथ नहीं छोड़ा. टिकट वितरण और प्रचार रणनीति भी कार्यकर्ताओं से मिले जमीनी इनपुट के आधार पर तय की जाएगी. इसके लिए बीजेपी ने राज्य के सभी बूथों पर संगठनात्मक सक्रियता शुरू करने का फैसला लिया है.
बंगाल की संस्कृति और भावनात्मक जुड़ाव
चुनाव प्रचार में बीजेपी बंगाल की समृद्ध संस्कृति और परंपराओं को भी प्रमुखता से शामिल करेगी, ताकि स्थानीय मतदाताओं से भावनात्मक जुड़ाव बढ़ाया जा सके. पार्टी अपने प्रचार में केंद्र और राज्य में ‘डबल इंजन सरकार’ के फायदों को महिलाओं और युवाओं तक पहुंचाने पर विशेष फोकस करेगी. ये रणनीति टीएमसी के मजबूत गढ़ों में सेंध लगाने के लिे बनाई गई है.
मुस्लिम बहुल सीटों पर नई रणनीति
इसके अलावा बीजेपी पश्चिम बंगाल की 83 मुस्लिम बहुल सीटों पर बीजेपी ज्यादा ताकत झोंकने के बजाय, वहां टीएमसी सरकार के खिलाफ माहौल बनाने की रणनीति पर काम करेगी. इसकी शुरुआत बिहार चुनावों के बाद टीएमसी के मजबूत गढ़ों से की जाएगी.
बीजेपी का सबसे ज्यादा ध्यान कोलकाता और दक्षिण 24 परगना पर रहेगा ये वो क्षेत्र हैं, जहां से टीएमसी के कई शीर्ष नेता आते हैं और जहां पार्टी को अपनी पकड़ मजबूत करनी है.
इस बार मुद्दों पर होगा जोर
बीजेपी के रणनीतिकारों का कहना है कि इस बार पार्टी टकराव की राजनीति से बचते हुए मुद्दों पर आधारित जंग लड़ेगी. व्यक्तिगत हमलों के बजाय, ममता बनर्जी और उनकी सरकार को भ्रष्टाचार, कुप्रबंधन और कानून-व्यवस्था की विफलता के आधार पर घेरने की तैयारी है.