जूलॉजी और लाइफ साइंस की शिक्षा दे रहे शैक्षिक संस्थानों में एनिमल एक्सपेरिमेंट और डाइसेक्शन पर यूजीसी ने पूरी तरह से बैन लगा दिया है.
तीन साल पहले यूजीसी ने यह बैन सिर्फ अंडरग्रैजुएट कोर्सेज में लगाया था लेकिन अब इसे पीजी कोर्सेज के लिए भी लागू कर दिया गया है.
यूजीसी ने शैक्षणिक संस्थानों का सलाह दी है कि जीवित पशुओं की चीर-फाड़ करने की बजाय छात्रों को यह शिक्षा कंप्यूटर, इंट्रेक्टिव सीडी रोम, फिल्म और एनिमल चार्ट की मदद से दी जाए.
मानव संसाधन और विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने राज्यसभा के एक लिखित सवाल के जवाब में यह जानकारी दी.
बताया जा रहा है कि राज्य सभा सदस्य ईश्वरलाल शंकर लाल जैन के सवाल, ' जानवरों का डाइसेक्शन रोकने की गाइडलाइंस का कई कॉलेज में उल्लंघन हो रहा है इस पर सरकार क्या कोई कदम उठाएगी के जवाब में एचआरडी मिनिस्टर ने इस बाबत जानकारी दी.
यूजीसी मीटिंग में यह रिजॉल्यूशन लिया गया है कि किसी भी स्पीसीज के जानवर का डाइसेक्शन कोई स्टूडेंट या टीचर नहीं करेंगें. यूजीसी ने सभी यूनिवर्सिटी को लेटर लिख कर कहा है कि वे वाइल्डलाइफ प्रोटेक्शन एक्ट 1972, प्रिवेंशन ऑफ क्रूएलिटी टू एनिमल एक्ट 1960 के तहत गाइडलाइंस का सख्ती से पालन करवांए.