सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को पेपर लीक और फिजिक्स के एक प्रश्न के सही जवाब की पहचान को लेकर चिंताओं के बीच NEET-UG 2024 परीक्षा के संबंध में एक अहम फैसला सुनाया है. नेशनल टेस्टिंग एजेंसी से कोर्ट ने कहा है कि फिजिक्स के क्वेश्चन पेपर में आईआईटी दिल्ली की एक्सपर्ट टीम द्वारा बताए गए जवाब को ही सही मानने को कहा है और इसी के मुताबिक, चार लाख स्टूडेंट्स के रिजल्ट को रिवाइज करने का आदेश दिया.
आईआईटी दिल्ली की एक्सपर्ट टीम को सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को फिजिक्स के पेपर में गलत प्रश्न को लेकर सही जवाब बताने को का था. शुरू में, NTA ने पुरानी और नई NCERT बुक के बीच विसंगतियों की वजह से दो विकल्पों को सही उत्तर के रूप में मानने को कहा था और इस हिसाब से ही स्टूडेंट्स को ग्रेस मार्क्स दिए गए थे. कोर्ट ने एक्सपर्ट टीम की रिपोर्ट के बाद स्पष्ट किया कि एक सवाल के दो ऑप्शन को सही जवाब नहीं माना जा सकता.
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61 की जगह अब 17 स्टूडेंट्स माने जाएंगे टॉपर
सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला 420,000 से ज्यादा स्टूडेंट्स के अंकों को प्रभावित करेगा, जिन्होंने पहले सही माने जाने वाले ऑप्शन को चुना था. इनमें से प्रत्येक छात्र के पांच अंक कटेंगे, जिसके परिणाम ये होगा कि उनकी कुल रैंकिंग पर काफी प्रभाव पड़ेगा. इस फैसले में इस बात पर जोर दिया गया है कि सही उत्तरों के नए वर्गीकरण के मुताबिक, पहले बताए गए टॉपर्स का दोबारा से मुल्यांकन किया जाएगा, जिसके बाद 61 की जगह सिर्फ 17 स्टूडेंट्स ही टॉपर्स माने जाएंगे.
क्या था विवाद?
याचिकाकर्ताओं ने तर्क दिया था कि NTA के अपने निर्देशों के आधार पर, नई NCERT किताब को संदर्भ के रूप में इस्तेमाल किया जाना चाहिए, जिससे विकल्प 4 को सही उत्तर को सही माना जा सके, जबकि पुरानी किताब के हिसाब से विकल्प 2 को सही माना गया था. सुप्रीम कोर्ट के फैसले से ये स्पष्ट हुआ कि विकल्प 2 और विकल्प 4 म्यूचुअल हैं और दोनों को सही जवाब नहीं माना जा सकता.
एनटीए के मुताबिक, 420,774 कैंडिडेट्स ने विकल्प 2 में टिक किया था, जो कि पुराने एनसीईआरटी किताब के हिसाब से सही उत्तर था, जबकि 928,379 कैंडिडेट्स ने विकल्प 4 को सही माना था.
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सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को एक विशेषज्ञ कमेटी बनाने को कहा है, जो भविष्य में NEET-UG परीक्षा की प्रक्रिया को सुधार करेंगे. कोर्ट ने सात सदस्यीय समिति बनाने का निर्देश जारी किया है, जो परीक्षाओं में यह सुनिश्चित करेंगे कि भविष्य में इस तरह की समस्याएं पैदा न हों.