बंगलुरू के नेशनल लॉ स्कूल (एनएलएस) में दो साल के रेजिडेंशियल कोर्स का मकसद स्टूडेंट्स को भारतीय समाज में विभिन्न सत्ता-तंत्र और अधिकारों के वितरण की व्यवस्था का व्यापक नॉलेज देना है. इसमें नागरिकता तथा राज्य के सिद्धांत और नीति निर्माताओं से सामाजिक संस्थाओं के बीच संपर्क के तरीकों की जानकारी भी दी जाती है.
बेसिक कोर्स दो हिस्सों में बंटा है, पब्लिक पॉलिसी के सिद्धांत और उसके व्यावहारिक पहलू. इसमें दो अनिवार्य फील्डवर्क मॉड्यूल भी हैं जिसके तहत स्टुडेंट्स को चार हफ्ते तक किसी समुदाय के साथ रहना होता है. यह फील्डवर्क दो-तीन स्टुडेंट्स के ग्रुप में होगा और उन्हें उन सोशल और पॉलिटिकल इंस्टीट्यूशंस की जानकारी जुटानी होगी जो नीतियों के निर्माण में मददगार या रुकावट बनते हैं.
स्टुडेंट्स को ग्रुप में किसी वास्तविक व्यक्ति की नीतिगत समस्याएं सुलझने का भी मौका मिलेगा. हैदराबाद के 28 वर्षीय स्टुडेंट कार्तिक जैन कहते हैं, ''इस कोर्स की खासियत यह है कि आप सिर्फ पॉलिसी को सिद्धांत रूप में ही नहीं पढ़ते, बल्कि प्रैक्टिकल डायलॉग में भी उतारते हैं.”