70वें गणतंत्र दिवस के मौके पर आजाद हिंद फौज के 4 सैनिकों ने परेड में हिस्सा लिया. ये सभी सैनिक चार अलग-अलग जीपों में सवार दिखें. खास बात ये है कि सभी सैनिकों की उम्र 90 वर्ष से ज्यादा है. ऐसा पहली बार हुआ है जब परेड में इतनी ज्यादा उम्र के सैनिक दिखाई दिए.
नेताजी सुभाष चंद्र बोस की आजाद हिंद फौज (INA) के 4 सैनिकों का नाम लालतीराम (98 वर्ष), परमानंद (99 वर्ष ), हीरा सिंह (97 वर्ष), और भागमल (95 वर्ष) है. इन चारों सैनिकों ने दूसरे विश्व युद्ध में हिस्सा लिया था.
विदेश में हुआ था आजाद हिंद फौज का जन्म, 85 हजार सैनिक थे शामिल
अंग्रेजों के खिलाफ लड़ाई लड़ने के लिए आजाद हिंद फौज की स्थापना की गई थी. खास बात यह है कि इस फौज की स्थापना भारत में नहीं, बल्कि जापान में की गई थी. आजाद हिंद फौज की स्थापना टोक्यो (जापान) में 1942 में रासबिहारी बोस ने की थी. फौज के गठन पर विचार के लिए एक बैठक बुलाई गई और इसकी स्थापना हुई. इसका उद्देश्य दूसरे विश्व युद्ध के दौरान अंग्रेजों के खिलाफ लड़ना था. आजाद हिंद फौज का जापान ने काफी सहयोग दिया और इसमें देश के बाहर रह रहे लोग इस सेना में शामिल हो गए. कहा जाता है कि आजाद हिंद फौज की स्थापना का विचार सबसे पहले मोहन सिंह के मन में आया था.
Delhi: Indian National Army veterans Bhagmal, Lalti Ram, Hira Singh and Parmanand Yadav took part in the #RepublicDay2019 parade today. pic.twitter.com/DjtcMtj3NJ
— ANI (@ANI) January 26, 2019
इस फौज में 85000 सैनिक शामिल थे और कैप्टन लक्ष्मी स्वामीनाथन के नेतृत्व वाली महिला यूनिट भी थी. पहले इस फौज में उन भारतीय सैनिकों को लिया गया था, जो जापान की ओर बंदी बना लिए गए थे. बाद में इसमें बर्मा और मलाया में स्थित भारतीय स्वयंसेवक भी भर्ती किए गए.
अशोक चक्र से सम्मानित हुए नजीर वानी
लांस नायक नजीर वानी को मरणोपरांत अशोक चक्र अवॉर्ड से सम्मानित किया गया. 25 नवंबर 2018 में नजीर वानी शोपियां में आतंकियों से लड़ते हुए शहीद हुए थे.
Delhi: Lance Naik Nazir Ahmed Wani, who lost his life while killing 6 terrorists in an operation in Kashmir, awarded the Ashok Chakra. Award was received by his wife and mother #RepublicDay2019 pic.twitter.com/3bjYdiwTLp
— ANI (@ANI) January 26, 2019
इस एनकाउंटर के दौरान उन्हें गोली लगी थी इसके बावजूद उन्होंने आतंकियों को मार गिराया था. बताया जाता है कि नजीर वानी की बदौलत ही सेना ने आतंकियों के खिलाफ कई सफल ऑपरेशन किए गए. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने उनकी मां और पत्नी महजबीन को अशोक चक्र सम्मान सौंपा.