DU Admission: दिल्ली विश्वविद्यालय के सेंट स्टीफेंस कॉलेज की दाखिले की प्रक्रिया डीयू के दूसरे कॉलेजों से एकदम अलग है. सेंट स्टीफंस एक माइनॉरिटी कॉलेज है जहां लिखित परीक्षा और इंटरव्यू के जरिए दाखिला दिया जाता है. बता दें, इस कॉलेज की आवेदन प्रक्रिया 22 मई से शुरू होगी. जानें- क्या होगी पूरी प्रक्रिया...
कैसे करें आवेदन
अगर आप सेंट स्टीफंस कॉलेज में बैचलर कोर्सेज के लिए आवेदन करना चाहते हैं तो आपके पास दो ऑप्शन हैं. आप सीधा कॉलेज की वेबसाइट या फिर डीयू की आधिकारिक वेबसाइट के जरिए कॉलेज की लिंक पर जा सकते हैं. यहां आप दिए गए फॉर्म को भर सकते हैं.
नैक में ए कैटेगरी में है कॉलेज
नैक National Assessment and Accreditation Council (NAAC) में सेंट स्टीफंस को वर्ष 2021 तक के लिए ए कैटेगरी का दर्जा प्राप्त है, कॉलेज MHRD, National Institute Ranking Framework (NIRF) रैंकिंग में इस साल सेंट स्टीफंस चौथे नंबर पर रहा है.
एडमिशन से पहले विवाद
दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) के सेंट स्टीफंस कॉलेज की दाखिला प्रक्रिया में शामिल इंटरव्यू की प्रोसेस में चर्च मेंबर को शामिल करने को लेकर विवाद उठा था. डीयू की अकादमिक परिषद के चार सदस्यों व कार्यकारी परिषद के एक सदस्य कुलपति को इस मामले में पत्र भी लिख चुके है. पत्र में कहा गया है कि वह सेंट स्टीफंस कॉलेज की सर्वोच्च परिषद के प्रयास के खिलाफ हस्तक्षेप करें. वहीं छात्रों ने भी प्राचार्य को खुला खत लिखा है.
यह था पूरा मामला
आजतक.इन से बातचीत में कॉलेज की गवर्निंग बाडी की सदस्य व गणित विभाग की शिक्षिका प्रो. नंदिता नारायण ने बताया कि स्टीफंस डीयू का यह अकेला कॉलेज है जिसे सुप्रीम कोर्ट ने दाखिले के साक्षात्कार की भी अनुमति दी है. पहले यहां इंटरव्यू पैनल में सिर्फ शिक्षक और शिक्षाविद शामिल रहते थे. दाखिले के लिए लिखित परीक्षा और इंटरव्यू की दोनेां की कुल वेटेज 15 फीसद होती है. इंटरव्यू से दाखिले में बहुत फर्क पड़ता है.
प्रो. नारायण ने बताया कि 13 मई को स्टाफ काउंसिल की बैठक में बताया गया कि अब साक्षात्कार पैनल में सुप्रीम काउंसिल के सदस्य भी रहेंगे. जो कि कॉलेज संविधान के पूरी तरह खिलाफ है. कॉलेज में दाखिले के लिए साक्षात्कार पैनल में सिर्फ शैक्षणिक क्षेत्र से जुड़े लोगों को ही रखा जा सकता है. प्रो नारायण ने सवाल उठाया कि जिनका धार्मिक शिक्षा में रोल है. वे यहां दखल कैसे दे सकते हैं भला. प्रो. नंदिता ने बताया कि बीते कुछ सालों से कॉलेज का माहौल काफी बदल रहा है.