दिल्ली हाईकोर्ट ने आईआईटी संयुक्त प्रवेश परीक्षा के टॉपर के दावों को निपटाने की इच्छा नहीं जताने पर प्रसिद्ध कोचिंग संस्थान फिट-जी की खिंचाई की है. इससे पहले टॉपर ने संस्थान द्वारा अपने प्रचार विज्ञापनों में उसके नाम और उपलब्धियेां का कथित रूप से दुरूपयोग करने पर संस्थान से पांच करोड़ रुपये से अधिक का मुआवजा मांगा था.
जज राजीव सहाय एंडलॉ 2009 के आईआईटी जेईई के टॉपर नितिन जैन द्वारा दायर वाद पर सुनवाई कर रहे थे. इसमें वीडियो और फोटो का दुरूपयोग करके प्रवेश के लिए छात्रों को लुभाने के लिए कोचिंग संस्थान से 5.85 करोड़ रुपये की क्षतिपूर्ति की मांग की गई. छात्र का कहना है कि ऐसा करके कोचिंग सेंटर ने उसके तथा उसके परिवार के निजता के अधिकार का उल्लंघन किया.
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जज ने फिटजी से पूछा कि क्या आपकी मामले को निपटाने की कोई मंशा है? प्रस्ताव क्या है' फिटजी ने नितिन के साथ मुद्दा सुलझाने या उसे क्षतिपूर्ति का भुगतान करने से मना कर दिया. नितिन अमेरिका के सैन फ्रांसिस्को में गूगल में काम कर रहे हैं.
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हाईकोर्ट ने कहा कि आपकी (फिटजी) न तो मामले को सुलझाने की मंशा है, ना ही धोखाधड़ी पर कोई नियंत्रण है. क्या आपने राष्ट्रीय अखबारों में उसकी तस्वीरें छापने के लिए उसे कुछ भुगतान किया या भुगतान का वादा किया.'