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UPSC IAS नियमों में बड़ा बदलाव! कोचिंग सेंटर्स के साथ विज्ञापन पर लगी रोक, जानें वजह

संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) परीक्षाओं के टॉपर्स समेत सभी सफल उम्मीदवारों को परिणामों की घोषणा के बाद ज्वॉइनिंग लेटर पर हस्ताक्षर करने के बाद कोचिंग संस्थानों के साथ अपने कॉन्ट्रेक्ट रद्द करने होंगे.

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सांकेतिक तस्वीर
सांकेतिक तस्वीर

यूपीएससी सिविल सर्विस परीक्षा पास करने वाले IAS, सिविल सर्वेंट अब कोचिंग इंस्टिट्यूट के साथ किसी तरह की एडवरटाइजिंग डील नहीं कर पाएंगे. सेंट्रल कंज्यूमर प्रोटेक्शन अथॉरिटी (CCPA) ने सिविल सेवा परीक्षा पास करने वाले उम्मीदवारों को उन संस्थानों से सालभर विज्ञापन राजस्व का आनंद लेने से रोक दिया है जो उनकी तैयारी कराते हैं और भविष्य के छात्रों को आकर्षित करने के लिए इन विज्ञापनों का उपयोग करते हैं. उपभोक्ता मंत्रालय के अधीन आने वाले सीसीपीए ने नवंबर महीने की आखिरी सप्ताह में डीओपीटी को चिट्ठी लिखी थी.

सीसीपीए ने चिट्ठी में मांग की है कि आईएएस बनकर सेवा में शामिल होने के बाद यूपीएससी टॉपर किसी भी तरीके से कोचिंग संस्थानों के साथ किसी तरह का करार ना करें और कोचिंग इंस्टिट्यूट के साथ एडवर्टाइजमेंट डील साइन न करें. साथ ही आईएएस बनने के बाद भी अगर किसी कोचिंग इंस्टिट्यूट के साथ एडवर्टाइजमेंट डील की है तो उसे रद्द कर दें.

ज्वॉइनिंग लेटर पर करनी होगी ये घोषणा
संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) परीक्षाओं के टॉपर्स समेत सभी सफल उम्मीदवारों को परिणामों की घोषणा के बाद ज्वॉइनिंग लेटर पर हस्ताक्षर करने के बाद कोचिंग संस्थानों के साथ अपने कॉन्ट्रेक्ट रद्द करने होंगे. इस संबंध में, सीसीपीए ने डिपार्टमेंट ऑफ पर्सनल एंड ट्रेनिंग (DoPT) को एक लेटर भेजा, जो यूपीएससी द्वारा आयोजित विभिन्न प्रतिस्पर्धी परीक्षाओं के माध्यम से चयनित सभी अधिकारियों के कैडर-नियंत्रण प्राधिकरण है.

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कोचिंग सेंटर्स के साथ विज्ञापन पर रोक क्यों?
दरअसल, ये फैसला विशेष रूप से सीसीपीए द्वारा एक जांच के बाद लिया गया है कि कोचिंग संस्थान विज्ञापनों में आईएएस टॉपर्स की तस्वीरों का उपयोग कैसे करते हैं, जो उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 2019 के 'भ्रामक विज्ञापन' और 'अनुचित व्यापार प्रथाओं' की धाराओं के अंतर्गत आता है.

IAS कोचिंग संस्थानों का फर्जीवाड़ा
आईएएस कोचिंग संस्थानों द्वारा बड़े पैमाने पर इस तरह की अनियमिताओं की शिकायत मिली थी.उपभोक्ता मंत्रालय और सीपीए ने हाल ही में आईएएस कोचिंग इंस्टीट्यूट द्वारा बड़े पैमाने पर फर्जीवाड़े का पर्दाफाश किया है और कई कोचिंग इंस्टीट्यूटों पर जुर्माना भी लगाया है. परीक्षा पास होने वाले उम्मीदवारों को कोचिंग इंस्टिट्यूट मॉक इंटरव्यू के लिए बुलाते थे और अपने बलबूते चयन होने वाले अफसर के नाम पर भी कोचिंग इंस्टिट्यूट श्रेय लेते हुए इश्तहार देते थे.  उपभोक्ता मंत्रालय चाहता है कि आईएएस कोचिंग संस्थान यूपीएससी टॉपर या भारतीय प्रशासनिक सेवा में शामिल होने वाले यूपीएससी अभ्यर्थियों के नाम लेकर या उनकी तस्वीर छाप कर श्रेय लेने की कोशिश न करें और उनके नाम पर दूसरे छात्रों को भ्रमित ना करें.

कोचिंग संस्थानों पर लगा जुर्माना
सीसीपीएन हाल ही में ऐसे कोचिंग इंस्टिट्यूट के खिलाफ मिली शिकायत पर जांच बिठाई थी और इन दावों को गलत पाया था. सीसीपीए ने दिल्ली समेत देश के अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग आईएएस कोचिंग इंस्टिट्यूट पर तगड़ा जुर्माना भी लगाया था.

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