इन दिनों कोटा से दर्द से डूबी खबरें आ रही हैं. यहां प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे छात्रों का जिंदगी से उम्मीद खोना एक समाज के तौर पर हम सबके सामने बहुत बड़े सवाल खड़े कर रहा है. इन दिनों जेईई का एग्जाम करीब है. इससे पहले तैयारी कर रहे अभ्यर्थियों को लगातार सोशल मीडिया पर एग्जाम या 75 पर्सेंट क्राइटेरिया पोस्टपोन जैसी अपनी मांगें रखते देखती हूं.
छात्र कहते हैं कि उनके सामने परीक्षा के लिए कम समय है, माता-पिता की उम्मीद भरे नजरे हैं और दूसरे शहर में इस टीनेज में अकेले रहने की विडंबना तो है ही. साथ ही एक बड़ा प्रेशर है लाखों रुपये की फीस का, जो उनके परिजनों ने इस उम्मीद से भरी है कि बेटा/बेटी इंजीनियर बनकर इससे ज्यादा कमाएंगे. अपने हालातों से घिरे ये करीब 17 से 19 साल के युवा बड़े होते ही अपने को एक झंझावात में घिरा पाते हैं.
aajtak.in ने कुछ छात्रों से बातचीत करके ये जाना कि आखिर उनके सामने ऐसे क्या हालात हैं जो उन्हें लगातार तनाव दे रहे हैं. ठीक उनके हालातों की तरह उनकी कहानियां मिलती जुलती है. आइए- कुछ छात्रों की जिंदगी के बारे में यहां जानते हैं ताकि हम भी उन हालातों से रूबरू होकर कुछ संवेदनशीलता से कुछ सोच सकें.
मैं और मेरे तीन दोस्त जिंदगी में 'कुछ' करना चाहते थे...
मैं आर्यन शर्मा रांची झारखंड का रहने वाला हूं. साल 2020 से कोटा में तैयारी कर रहा हूं. कहने को मेरे तीन साल हो गए हैं लेकिन कोरोना का वो दौर याद कीजिए, जब मैंने यहां दाखिला लिया था. मैं इन तीन सालों में गिनती की ऑफलाइन क्लास ले सका हूं. बाकी ऑनलाइन रिकॉर्डेड कई घंटे के लेक्चर सुनकर कैसी तैयारी होती है, ये आप समझते ही होंगे. मेरे घर में मम्मी-पापा के अलावा हम दो भाई और एक बड़ी बहन है. पापा सरकारी स्कूल में शिक्षक हैं और मां गृहणी. मैंने साल 2022 में 12वीं में की बोर्ड परीक्षा दी है और अब घर जून में जेईई एडवांस परीक्षा देकर जाऊंगा.
कोरोना का दौर और पढ़ाई
मैं यहां कोटा की नामी कोचिंग में ड्राप बैच का छात्र हूं. मेरे घर वाले 11वीं-12वीं के दौरान छह लाख फिर ड्राप इयर में 4 लाख , इस तरह टोटल 10 लाख रुपये तक फीस दे चुके हैं. जेईई की तैयारी लोग 40 साल से करते आए हैं, लेकिन साल 2020 से अभी 2023 के बीच वाले छात्रों के सामने आए संकट को कोई नहीं समझ पा रहा. मैं आपको अपनी बात साल 2020 की मार्च से बताता हूं. जब 18 मार्च को एग्जाम कैंसिल हो गया था. उसी साल मैंने 2020 की 10वीं की परीक्षा पास की थी. मेरे दसवीं में 97 पर्सेंट थे यानी मैं स्कूल टॉपर था. 10वीं से पहले क्लास छह से मैं और मेरे तीन दोस्त साथ-साथ तैयारी कर रहे थे कि 10वीं में अच्छे नंबर लाने हैं और 11वीं से कोटा जाना है, तैयारी करना है. लेकिन मार्च 2020 में पहला लॉकडाउन लगा, तब पता चला कि एक महीने का ब्रेक होगा, फिर कोटा चले जाएंगे.लेकिन हुआ ये कि लॉकडाउन बढ़ गया जो 21 दिन में खत्म नहीं हआ. लेकिन हमने कोटा में दाखिला ले लिया, कोचिंग में भी और 11वीं क्लास में भी. फिर मई 2020 से क्लास शुरू हो गए.
फीस के साथ ही उम्मीदें भी
अब आप देखिए कि डेढ़ लाख फीस दी है तो परिवार की उम्मीदें होंगी ही, भई, 10वीं में अच्छे नंबर आए थे तो कई उम्मीदें तो हमने खुद ही उनमें जगा दी थीं कि हम कुछ करके ही दिखाएंगे. लेकिन ऑनलाइन में पढ़ाई अलग ही होती है, वहां बिना इंट्रेस्ट रिकॉर्डेड लेक्चर सुना और खुद ही पढ़ते रहे. फिर 11वीं में फर्स्ट टेस्ट हुए. टेस्ट हुआ तो 100 मार्क्स आए 180 में, घरवालों के लिए ये दिल तोड़ने वाला था. खैर हमको टीचर ने समझाया कि परेशान न हो, तुम लोग बहुत अच्छे स्टेज में हो, आगे की तैयारी आसानी से हो जाएगी. खैर, लॉकडाउन सितंबर 2020 में हटा और हम चारों वहां पहुंचे. मेरे दोस्तों के नंबर भी 10वीं 95% या ज्यादा ही थे. घरवालों को उम्मीद बंधाकर और खुद के लिए मन ही मन टारगेट लेकर हम लोग सितंबर 2020 में आ गए. चार पांच माह जो ऑनलाइन पढ़ा था, अब वो ऑफलाइन में पढ़ना सब टफ लग रहा था. यहां फिर टीचर्स ने समझाया कि बैक अप क्लास करके सब नॉर्मल कर देंगे.
लॉकडाउन 2.O और वो हालात
उस वक्त लग रहा था कि हम थोड़ी मेहनत करके सब कवर कर लेंगे. लेकिन तभी लॉकडाउन टू प्वाइंट ओ यानी दूसरी बार लॉकडाउन की घोषणा हो गई. घरवालों को या किसी को कुछ पता नहीं था कि हम कैसे स्ट्रगल कर रहे हैं, फिर सितंबर से जनवरी आ गया और पूरा 11वीं ऑनलाइन में चला गया. तब हम किसी के गाइडेंस में नहीं थे. उस दौरान 11वीं में एग्जाम नहीं हुए और पास कर दिया गया. अब 12वीं स्टार्ट हुआ 5 मार्च 2021 से. तब भी कोविड का सीन था तो अलग. दो महीने ब्रेक दिया गया कि जिसका 11वीं में अच्छी तैयारी नहीं है तो उनकी बैकअप क्लास होगी, मैंने सोचा कि बैक अप क्लास लूंगा फिर अच्छे से तैयारी करूंगा. उस दौरान मैंने ये भी देखा कि मैंने कोचिंग फीस पूरी दी थी लेकिन एक पूरे साल ऑफलाइन नहीं पढ़ा था. वहीं कुछ बच्चों ने सिर्फ फर्स्ट इंस्टालमेंट दिया था बाकी के सेव कर लिए. फीस न देने पर एकाउंट बंद कर देने का नियम था.
अब 12वीं में मैंने सोचा कि हम फर्स्ट इंस्टालमेंट देंगे. हमें ये पता था कि एक महीने में चाहे तो रीफंड ले सकते हैं 20 हजार भर देकर. पांच मार्च से अच्छे से तैयारी शुरू हो गई. पांच मार्च से 5 अप्रैल अच्छी तैयारी चल रही थी. देश भर से खबरें आ रही थीं कि सब जगह कोचिंग बंद हो रहे थे, लेकिन कोटा में नहीं बंद हो रहे थे. पता चला कि एक हफ्ते का लॉकडाउन लगेगा, सब ठीक हो जाएगा. मुझे लगा कि फीस वापस न लूं, एक हफ्ते बाद फिर पढ़ाई शुरू होगी. लेकिन 11 अप्रैल को ही नोटिस मिल गया कि अब ऑनलाइन तैयारी करो. इस तरह अप्रैल बीता, मई से अगस्त तक बीत गया और सितंबर 2021 में कोचिंग खुली. इस सेकेंड वेव ने मुझे हिलाकर रख दिया था.
कोविड ने मुझे दर्द से डुबो दिया था...
मुझे खबर मिली कि मेरे सिर से मेरी दादी का साया छिन गया है. कोविड में उनकी डेथ हो गई थी. दादी के जाने का गम दिमाग पर तारी था और इधर, कोटा में मुझे खुद भी कोविड हो गया था. एक तो 11वीं का प्रेशर, ऊपर से इतनी मोटी फीस और फिर बीमारी का डर, इन सबने मिलाकर मेरे दिमाग को जैसे निचोड़ दिया था.
आपको बताऊं कि जेईई की तैयारी में निरंतरता और अनुशासन चाहिए होता है तो निरंतरता इन दो सालों में आ ही नहीं पाई. फिर चार महीने बचे तो सोचा कि बोर्ड की तैयारी ही कर लूं, वरना जेईई निकालने का ही क्या फायदा अगर बोर्ड में अच्छे पर्सेंटेज नहीं आए तो. मैंने घरवालों को समझाया कि देखिए, हमसे दोनों एकसाथ नहीं हो पाएंगे, अब आगे ड्रॉप लेकर तैयारी कर लेंगे.
इस तरह 12वीं की पढ़ाई सितंबर अक्टूबर नवंबर बस तीन महीने ऑफलाइन पढ़ाई करके पास की. बोर्ड में 87 पर्सेंट नंबर आए, ये रिजल्ट घरवालों को फेस करने लायक नहीं था, मैक्सिमम बच्चों के साथ यही हुआ था. इसके बाद फिर मई 2022 में बोर्ड खत्म हुआ, और जून में जेईई का एग्जाम था.
इस परीक्षा में मेरे एक दोस्त ने अटेंप्ट किया था और उसके जेईई में 67 पर्सेंटाइल आया यानी 30 40 नंबर? सोचिए 300-400 में 30-40 नंबर. वहीं 12वीं में 73 प्रतिशत आए थे. जो हमेशा टॉप किया है वो ऐसे नंबर लाया था. वहीं मेरे इस परीक्षा में करीब 90 नंबर आए. 28 अगस्त से एडवांस थे. फिर सितंबर 2022 में कोटा आ गए, 14 सितंबर से क्लासेस शुरू हुए. अब मुझे ड्रॉप में कम से आठ या 10 महीने मिलने की उम्मीद थी जबकि इसके लिए मुझे प्रॉपर तैयारी के तीन महीने ही मिले. करीब एक महीने मिलेंगे. अगर ये परीक्षा मिड अप्रैल में होती तो मुझे 12वीं के बाद सिर्फ जेइई पर फोकस करने के लिए अच्छा वक्त मिल जाता.
हम मौज नहीं मार रहे, चार घंटे सोते हैं
अब ड्रॉप बैच में हूं और जेईई निकालने का सपना पूरा करना चाहता हूं. इसके लिए हम लोग दिन में 12 से15 घंटे पढ़ते हैं, बस चार घंटे की नींद लेते हैं. खुद को मेंटली फिट रखने के लिए सुबह 10 से 20 मिनट मेडिटेशन करते हैं, वो भी जरूरी नहीं कि नियम से रोज कर पाते हों. अक्सर जो बच्चे बाहर रहकर तैयारी करने आते हैं, उनके रिश्तेदार या आस पास के लोग सोचते हैं कि वो तीन साल से कोटा से तैयारी कर रहा, अगर नहीं हुआ तो इसका मतलब जरूर वहां मौज मार रहा होगा. लेकिन हम कोरोना के दौर के वो बैच हैं जो लगातार मानसिक परेशानी झेल रहे हैं.
समझ नहीं आ रहा कि बोर्ड पर फोकस करूं या JEE में
मैं शुभम जाजू, मैंने JEE की प्रिपरेशन 2021 से शुरू की थी. तब मैं 11वीं में था. हमको सबसे बड़ा झटका एग्जाम कराने वाली एजेंसी एनटीए की तरफ से अचानक आए नोटिस से लगा है. हम लोग तैयारी के लिहाज से अप्रैल का स्ट्रेटजी प्लान बनाए थे. तभी इस साल 31 अक्टूबर को नोटिस आया कि आपकी एग्जाम प्री कोविड कैलेंडर के हिसाब से जनवरी 2023 से होगा, जबकि ये नोटिस बहुत पहले आ जानी चाहिए थी. ये खबर अखबार में आई थी, पुष्टि के लिए एनटीए से पूछा तो जवाब मिला कि अभी कुछ फिक्स नहीं है.
उस पर बहुत-सी अफवाहें फैलने लगीं. एनटीए ने इस पर 14 दिसंबर को नोटिस दिया कि फेक सूचनाओं में मत पड़िए. फिर लेकिन अगले दिन 15 दिसंबर को दूसरा नोटिस आ गया कि 24 जनवरी 2023 से एग्जाम हैं. अब समझ नहीं आ रहा कि बोर्ड एग्जाम की तेयारी करें या जेईई की, और तो और इसी दौरान हमारे प्री बोर्ड हैं, प्रैक्टिकल एग्जाम हैं. बहुत से लोगों की डायरेक्ट डेट क्लैश कर रही है. एक तरफ मजबूरी है कि हम प्री बोर्ड नहीं छोड़ सकते हैं क्योंकि उसके मार्क्स बहुत मैटर करते हैं. 12वीं में 75 पर्सेंट का क्राइटेरिया भी है.
वहीं बिहार बोर्ड, यूपी बोर्ड की डेट भी डायरेक्ट क्लैश हो रही है. अधिकारी कह रहे कि स्टेट बोर्ड से बात करें, कहीं हमें सुना नहीं जा रहा है. अब सोचिए 17-18 साल की उम्र के हम बच्चे सिर्फ ट्वीट ही कर सकते हैं या मेल कर सकते हैं. अभी एडमिट कार्ड तो नहीं आया, बहुत सारे बच्चे इसे लेकर परेशान कि 1500 या 2000 किमी दूर के सेंटर आए हैं. बोर्ड एग्जाम के साथ कैसे ये परीक्षा देंगे.