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कर्नाटक में सरकारी इंजीनियरिंग कॉलेजों की फीस 5% बढ़ी, इन छात्रों को मिलेगी छूट

कर्नाटक सरकार ने शैक्षणिक वर्ष 2025-26 के लिए इंजीनियरिंग और वास्तुकला पाठ्यक्रमों को लेकर एक अधिसूचना जारी की है. राजपत्र अधिसूचना के अनुसार, राज्य के सरकारी, सहायता प्राप्त और गैर-सहायता प्राप्त संस्थानों में सीटों के बंटवारे और शुल्क संरचना को लेकर विस्तृत दिशा-निर्देश दिए गए हैं.

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Karnataka Govt has revised engineering admission fees for 2025–26 (Image: AI Generated, Meta)
Karnataka Govt has revised engineering admission fees for 2025–26 (Image: AI Generated, Meta)

Fee Hike Karnataka Universities: कर्नाटक सरकार ने 2025-26 के लिए इंजीनियरिंग प्रवेश शुल्क में संशोधन किया है. सरकारी कॉलेजों की फीस में 5 प्रतिशत की वृद्धि होगी, जबकि निजी गैर-सहायता प्राप्त कॉलेजों में 7.5% की वृद्धि होगी. सरकारी कॉलेजों में नई फीस 44 हजार 200 रुपये है. 

कर्नाटक सरकार ने शैक्षणिक वर्ष 2025-26 के लिए इंजीनियरिंग और वास्तुकला पाठ्यक्रमों को लेकर एक अधिसूचना जारी की है. राजपत्र अधिसूचना के अनुसार, राज्य के सरकारी, सहायता प्राप्त और गैर-सहायता प्राप्त संस्थानों में सीटों के बंटवारे और शुल्क संरचना को लेकर विस्तृत दिशा-निर्देश दिए गए हैं.

सरकारी और सहायता प्राप्त कॉलेजों में पढ़ने वाले छात्रों की ट्यूशन फीस 5 प्रतिशत बढ़ा दी गई है. निजी गैर-सहायता प्राप्त कॉलेजों में यह फीस 7.5 प्रतिशत बढ़ाई गई है. KUPECA, KRLMPCA और AMPCK जैसे संगठनों के साथ हुए समझौतों के हिसाब से CET के माध्यम से 45% सीटें, COMED-K से 30%, NRI/NRI प्रायोजित के लिए 15% और प्रबंधन कोटे के तहत 10% सीटें रिजर्व की गई हैं.

आर्थिक रूप में कमजोर छात्रों के लिए स्पेशल कोटा

इसके अलावा, सरकार ने आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के मेधावी छात्रों के लिए "विशेष कोटा (SNQ)" देने की बात कही है. जिन परिवारों की सालाना इनकम आठ लाख से कम है. उनके लिए AICTE-अनुमोदित कॉलेजों में 5% अतिरिक्त सीटें रिजर्व की गई हैं. इन छात्रों को ट्यूशन फीस नहीं जमा करनी होगी. केवल 10 हजार 610 रुपये का विश्वविद्यालय शुल्क भरना होगा.

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कितनी होगी फीस?

फीस की बात करें तो सरकारी इंजीनियरिंग कॉलेजों में सालाना फीस 44 हजार 200 है और (विश्वेश्वरैया विश्वविद्यालय इंजीनियरिंग कॉलेज) यूवीसीई में 49 हजार 600 (जिसमें ₹32,000 ट्यूशन फीस शामिल है) फीस तय की गई है. निजी कॉलेजों में सहायता प्राप्त पाठ्यक्रमों के लिए 44 हजार 200 और गैर-सहायता प्राप्त पाठ्यक्रमों के लिए COMED-K के स्लैब के अनुसार 81 हजार 800 या 91 हजार 000 सालाना शुल्क देने का प्रावधान बनाया है. इसके अलावा निजी कॉलेजों को "अन्य शुल्क" 20 हजार रुपये प्रतिवर्ष से अधिक नहीं लेने की अनुमति होगी और इसे सार्वजनिक रूप से पारदर्शी रूप में प्रकाशित करना जरूरी होगा.

सरकारी इंजीनियरिंग कॉलेजों में कम नामांकन वाले पाठ्यक्रमों जैसे मैकेनिकल इंजीनियरिंग, टेक्सटाइल टेक्नोलॉजी, ऑटोमोबाइल इंजीनियरिंग, सिल्क टेक्नोलॉजी और सिविल इंजीनियरिंग में छात्रों को 50% तक फीस में छूट दी जाएगी. वहीं, NRI और प्रबंधन कोटे के तहत सीटों की सीमा गैर-अल्पसंख्यक कॉलेजों में 25% और अल्पसंख्यक कॉलेजों में 30% से अधिक नहीं हो सकेगी.

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