दिल्ली यूनिवर्सिटी छात्रसंघ चुनाव में एबीवीपी ने बाज़ी मारते हुए यूनिवर्सिटी के अध्यक्ष पद पर फिर अपना दबदबा कायम किया. आर्यन मान दिल्ली यूनिवर्सिटी ने नए अध्यक्ष (प्रेसिडेंट) होंगे. इस साल अध्यक्ष पद पर जीत दर्ज करने के बाद एबीवीपी ने फिर से अपना किला अपने पास ले लिया है. दरअसल, पिछले चुनाव में कई साल बाद एनएसयूआई जीतने में सफल रही थी, लेकिन एबीवीपी ने फिर से इस सीट पर अपना कब्जा कर लिया है.
वैसे तो दस साल से अध्यक्ष पद के लिए भारतीय राष्ट्रीय छात्र संघ (एनएसयूआई) और अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) में ही मुकाबला रहा है. साल 2011 से 2025 तक का रिकॉर्ड देखें तो अध्यक्ष की कुर्सी पर एबीवीपी का दबदबा रहा. 12 में से 8 चुनाव जीतकर यह बड़ी पार्टी बनकर उभरी है. साल 2024 में NSUI के प्रत्याशी रौनक खत्री ने यूनिवर्सिटी के अध्यक्ष का पद संभाला. इससे पहले 2017 में रॉकी तुसीद ने अध्यक्ष पद का चुनाव जीता था.
साल 2020 से लेकर 2023 तक कोविड महामारी के कारण डीयूएसयू चुनाव नहीं हुए. जानते हैं कि पिछले दस सालों में दिल्ली यूनिवर्सिटी के अध्यक्ष का पद किस पार्टी के प्रत्याशी ने संभाला है.
दिल्ली यूनिवर्सिटी के प्रेसिडेंट्स की लिस्ट
| साल | प्रेसिडेंट का नाम | पार्टी |
| 2011-12 | अजय चिकारा | NSUI |
| 2012-13 | अरुण हुड्डा | NSUI |
| 2013-14 | अमन अवाना | ABVP |
| 2014-15 | मोहित नागर | ABVP |
| 2015-16 | सतिंदर अवाना | ABVP |
| 2016-17 | अमित तंवर | ABVP |
| 2017-18 | रॉकी तुसीद | NSUI |
| 2018-19 | अंकिव बैसोया | ABVP |
| 2019-20 | अक्षित दहिया | ABVP |
| 2023-24 | तुषार डेढ़ा | ABVP |
| 2024-25 | रौनक खत्री | NSUI |
| 2025-26 | आर्यन मान | ABVP |
कब हुई डीयूएसयू चुनाव की शुरुआत?
दिल्ली विश्वविद्यालय छात्रसंघ (स्टूडेंट्स यूनियन) साल 1949 में वी.के.आर.वी राव की अध्यक्षता में शुरू हुआ. पिछले 76 सालों में ये देश के प्रमुख नेताओं की राजनीति में शुरुआत का मंच रहा है. यह विश्व का सबसे बड़ा छात्र संगठन है, जो 91 संबद्ध कॉलेजों और 16 डिपार्टमेंट्स के 7 लाख से ज़्यादा छात्रों का प्रतिनिधित्व करता है. यह एक छत्र संगठन (umbrella organization) के रूप में काम करता है, जिसमें चुनाव के जरिए प्रेसिडेंट, वाइस प्रेसिडेंट, सेक्रेट्री, ज्वाइंट सेक्रेट्री और हर कॉलेज के सेंट्रल काउंसलर चुने जाते हैं.