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दिल्ली के 799 सरकारी स्कूलों में पानी-बिजली की समस्या, शिक्षा विभाग ने मांगी रिपोर्ट

दिल्ली के सरकारी स्कूलों में पानी और बिजली की किल्लत ने शिक्षा विभाग की चिंता बढ़ा दी है. हालिया सर्वे ने कई चौंकाने वाले तथ्य सामने रखे हैं.

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राजधानी के 799 सरकारी स्कूलों में पानी और बिजली की गंभीर समस्याएं मौजूद हैं-(Representative image: Getty Images)
राजधानी के 799 सरकारी स्कूलों में पानी और बिजली की गंभीर समस्याएं मौजूद हैं-(Representative image: Getty Images)

दिल्ली के सरकारी स्कूलों की बुनियादी सुविधाओं पर बड़ा सवाल उठ गया है. शिक्षा निदेशालय के हालिया सर्वे में खुलासा हुआ है कि राजधानी के 799 सरकारी स्कूलों में पानी और बिजली की गंभीर समस्याएं मौजूद हैं. कई स्कूल आज भी अनियमित जल आपूर्ति और बार-बार बिजली कटौती से जूझ रहे हैं. स्थिति को गंभीर मानते हुए विभाग ने सभी डिप्टी डायरेक्टर्स ऑफ एजुकेशन (DDEs) को आदेश दिया है कि वे 15 दिनों के भीतर विस्तृत रिपोर्ट मुख्यालय को सौंपें.

पानी की समस्या

सर्वे के मुताबिक, 703 स्कूल दिल्ली जल बोर्ड (DJB) या MES से जुड़े हुए हैं. इनमें से 59 स्कूलों ने अनियमित जलापूर्ति और 48 स्कूलों ने पानी बिल्कुल न मिलने की शिकायत दर्ज की है. 22 स्कूल पूरी तरह टैंकर पर निर्भर हैं, जिनमें से 4 स्कूलों ने DJB कनेक्शन के लिए आवेदन किया है. 10 स्कूलों में बिल्कुल पानी नहीं है जिनमें 3 पुनर्निर्माणाधीन हैं और 7 पड़ोसी स्कूलों या टैंकरों से पानी की व्यवस्था कर रहे हैं. इसके अलावा, 64 स्कूल बोरवेल और सबमर्सिबल से पानी की आपूर्ति कर रहे हैं.

बिजली की स्थिति

सर्वे में यह भी सामने आया कि 6 स्कूलों में पुनर्निर्माण कार्य के कारण बिजली उपलब्ध नहीं है. वहीं, 793 बिजली वाले स्कूलों में से 17 स्कूल बार-बार बिजली कटौती की समस्या से जूझ रहे हैं.

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विभाग के आपात निर्देश

शिक्षा विभाग ने इस स्थिति को आपातकालीन मानते हुए तुरंत कदम उठाने के निर्देश दिए हैं. जिन स्कूलों में DJB कनेक्शन नहीं है, उन्हें तुरंत आवेदन करने का आदेश दिया गया है. टैंकर पर निर्भर स्कूलों के लिए DJB से विशेष आपूर्ति व्यवस्था सुनिश्चित करने की बात कही गई है. बोरवेल और सबमर्सिबल वाले स्कूलों में पानी की गुणवत्ता की नियमित जांच करने का निर्देश दिया गया है. प्रभावित स्कूलों की बिजली समस्या दूर करने के लिए DISCOMs से संपर्क करने का आदेश भी जारी किया गया है. 16 स्कूलों में सोलर पैनल लगाने की संभावना पर विचार करने और साझा प्रांगण वाले स्कूलों को अलग-अलग मीटरिंग व्यवस्था देने की सिफारिश की गई है.

शिक्षा विभाग का संदेश

विभाग ने साफ कहा है कि किसी भी हाल में बच्चों की पढ़ाई प्रभावित नहीं होनी चाहिए. इसलिए सभी DDEs को निर्देश दिए गए हैं कि वे स्कूलवार कार्रवाई की रिपोर्ट तय समयसीमा के भीतर सौंपें.

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