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कोचिंग सेंटर्स में 10वीं तक के स्टूडेंट्स की एंट्री बंद सही या गलत? जानिए क्या कहना है पेरेंट्स का

Coaching Centre Guidelines 2024: छात्र की उम्र 16 साल से कम हो या सेकेंड्री स्कूल (माध्यमिक विद्यालय) परीक्षा के बाद ही छात्र का रजिस्ट्रेशन होना चाहिए. इसके अलावा कोचिंग सेंटर संस्थान की क्वालिटी-सुविधाओं के कारण स्टूडेंट के अच्छे परिणाम का दावा करने वाले भ्रामक विज्ञापन नहीं दे सकते.

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कोचिंग सेंटर्स में 16 साल से कम उम्र के बच्चों की नो एंट्री (सांकेतिक तस्वीर)
कोचिंग सेंटर्स में 16 साल से कम उम्र के बच्चों की नो एंट्री (सांकेतिक तस्वीर)

Coaching Centre Guidelines 2024: केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने देशभर में चल रहे कोचिंग सेंटर्स के लिए नई गाइडलाइंस जारी की है. मंत्रालय ने नई गाइडलाइंस के जरिये कोचिंग सेंटर्स पर भ्रामक वादे करने और अच्छे नंबरों की गांरटी देने वाले वादों पर पाबंदी लगा दी है. कोचिंग शिक्षकों की योग्यता, नियुक्ति, कोचिंग का फीस स्ट्रक्चर, विज्ञापनों में किए जाने वाले वादे समेत कई चीजों को दिशानिर्देशों में बांध दिया है, लेकिन इनमें सबसे बड़ा फैसला कोचिंग सेंटर्स में 16 साल से कम उम्र के स्टूडेंट्स एडमिट न करना है.

कोचिंग लेने के लिए छात्र की उम्र 16 साल से कम हो या सेकेंड्री स्कूल (माध्यमिक विद्यालय) परीक्षा के बाद ही छात्र का रजिस्ट्रेशन होना चाहिए. इस फैसले पर देशभर में चर्चा शुरू हो गई है. आजतक ने इस पर पेरेंट्स से खास बातचीत की.

क्या कहते हैं पेरेंट्स?
आजतक से बात करते हुए पेरेंट्स ने कहा, 'आजकल बच्चों को कोचिंग की जरूरत है. कुछ विषयों को पढ़ाने के लिए एक्सपर्ट्स की जरूरत होती है, जो माता-पिता पूरी नहीं कर सकते. वर्किंग पेरेंट्स के लिए बच्चों को पढ़ाने के लिए वो खास समय देना मुश्किल होता है. अगर बच्चे अलग से कोई हेल्प ले रहे हैं तो उसमें कोई गलत बात नहीं है.'

वहीं अन्य कृति मेहरा (अभिभावक) का कहना है कि किसी एक उम्र (16 साल) तक बच्चों को कोचिंग ना भेजने का फैसला नहीं होना चाहिए, क्योंकि हर बच्चा अलग होता है, इसके बारे में और सोचना चाहिए, इसे और आसान किया जा सकता है. क्योंकि कई ऐसे टॉपिक्स भी होते हैं जो पेरेंट्स नहीं समझा सकते, उसके लिए एक्सपर्ट की जरूरत पड़ती ही है.'

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दरअसल, केंद्र सरकार ने ये गाइलाइन देश भर में NEET या JEE की तैयारी कर रहे छात्रों के बढ़ते सुसाइड मामलों और देश में बेलगाम कोचिंग सेंटर्स की मनमानी को लेकर दिया है. इनमें ज्यादातर 10वीं और 12वीं के छात्र शामिल होते हैं, जो हाईस्कूल या इंटरमीडिएट से ही मेडिकल या इंजीनियरिंग की पढ़ाई के लिए जेईई-नीट की तैयारी शुरू कर देते हैं. इसे देखते हुए जारी गाइडलाइंस में परीक्षा और सफलता के दबाव को लेकर छात्रों की परेशानी दूर करने के लिए उन्हें मनोवैज्ञानिक और मानसिक स्वास्थ्य संबंधी सहायता भी उपलब्ध कराई जाए.

उल्लंघन किया तो लगेगा 1 लाख रुपये का जुर्माना
केंद्र द्वारा जारी कोचिंग सेंटर विनियमन 2024 के लिए प्रस्तावित दिशानिर्देश सुझाव देते हैं कि 16 वर्ष से कम उम्र के छात्रों को कोचिंग सेंटरों में नामांकित नहीं किया जाना चाहिए. दिशानिर्देश यह भी सुझाव देते हैं कि कोचिंग सेंटरों को माता-पिता और छात्रों से भ्रामक वादे या रैंक की गारंटी नहीं देनी चाहिए. पहली बार नियम का उल्लंघन करने पर 25,000 रुपये का जुर्माना लगेगा और दूसरी बार भी अगर उल्लंघन किया जाता है तो 1 लाख रुपये भरने होंगे.

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