scorecardresearch
 

पहले लोग सोना पिघलाकर क्यों पीते थे? ऐसा करने के पीछे ये थी बड़ी वजह

हजारों साल पहले लोग सोना पिघला कर पीते थे. मध्य काल में भी कई कुलीन और राजा-महाराजाओं के बीच यह प्रथा प्रचलन में थी. क्योंकि उस वक्त लोगों का मानना था कि इस महंगे धातु के प्रभाव से लोग अमर हो सकते हैं.

Advertisement
X
हजारों साल पहले बढ़ती उम्र को रोकने के लिए लोग सोना पिघलाकर पीते थे (Photo - Pexels)
हजारों साल पहले बढ़ती उम्र को रोकने के लिए लोग सोना पिघलाकर पीते थे (Photo - Pexels)

आयु बढ़ाने के लिए और बुढ़ापे को रोकने के लिए लोग क्या कुछ नहीं करते हैं. ऐसे कई उपाय आज लोग करते हैं, जिससे वो हमेशा जवान दिखे. इस पर कई रिसर्च भी हो रहे हैं कि बढ़ती उम्र में भी लोग युवा की तरह स्वस्थ्य रहें और फिट दिखें. आज से हजारों साल पहले भी लोग हमेशा जवान दिखने का प्रयास करते थे. इसके लिए कई तरह की तरकीब थी. इन्में से एक था सोना पिघलाकर पीना.  

16वीं शताब्दी के फ्रांस के राज दरबार में डायने डी पोइटियर्स नाम की राजा की प्रेमिका ने सामंतों और दरबार के दूसरे अधिकारियों को सोना की थोड़ी-थोड़ी मात्रा पिघलाकर पीने के लिए प्रोत्साहित किया. उस वक्त लोगों का मानना था कि सोने को पिघलाकर उसका सेवन करना बुढ़ापे को रोकने में मदद करता है. यह काफी प्रचलित चलन था.

प्राचीन चीन और मिस्र में प्रचलित थी ये प्रथा
बुढ़ापे को रोकने के लिए और आयु बढ़ाने के लिए सोने के सेवन की प्रथा प्राचीन चीन और मिस्र में भी प्रचलित थी. वहीं से ये चलन यूरोपीय देशों तक आया. हिस्ट्री.कॉम के मुताबिक, अमरता पर किताब लिखने वाले लेखक स्टीफन केव बताते हैं कि कीमियागिरी पश्चिम और पूर्व दोनों जगह मौजूद थी, जिसका प्राथमिक लक्ष्य अमरता के उपाय में देखने को मिलते हैं. 

Advertisement

केव के मुताबिक, सोने को अविनाशी और सभी धातुओं में सबसे शुद्ध माना जाता था. इसलिए उस वक्त लोगों का मानना था कि ऐसी अविनाशी या अमर पदार्थों की थोड़ी मात्रा का सेवन करने से लोग लंबे तक जीवित रह सकते हैं.  

कीमियागरों ने ऐसे सिद्धांतो को जन्म दिया था
इलिनोइस विश्वविद्यालय में महामारी विज्ञान और जैव सांख्यिकी के प्रोफेसर एस जे ओल्शांस्की बताते हैं कि  2500 ईसा पूर्व में चीनी कीमियागर (रसायनशास्त्री)वेई बोयांग ने इस सिद्धांत को बढ़ावा दिया था कि अमर पदार्थों की थोड़ी मात्रा का सेवन करने से लोग लंबे समय तक जीवित रहेंगे.

यह भी पढ़ें: छह दिन- सात रात न सोकर हो जाता अमर... ऐसी थी राजा गिलगमेश की हमेशा जिंदा रहने की तरकीब

इस वजह से कई शासकों ने अपनी संपत्ति बढ़ाने के लिए काफी मात्रा में सोना खरीदा और इसे जमा किया. इसलिए रसायनशास्त्रियों के पास पिघलाकर परोसने के लिए पर्याप्त मात्रा में सोना मौजूद था.

फ्रांस के राजा के प्रेमिका के बालों में मिली थी सोने की मात्रा
फ्रांस के राजा हेनरी द्वितीय की प्रेमिका होने के नाते, डी पोइटियर्स को अपनी मृत्यु 66 वर्ष की आयु में हो गई थी. इस उम्र तक  उन्होंने थोड़ी-थोड़ी मात्रा में प्रचुर मात्रा में सोने का सेवन किया था.  ऐसा प्रतीत होता है कि उन्होंने इसका भरपूर सेवन भी किया. जब 2008 में जब उनका शव मिला , तो उनके बालों में सोने का स्तर सामान्य से 500 गुना अधिक था, जबकि उनकी हड्डियों में पारे के अंश भी पाए गए. 

---- समाप्त ----
Live TV

Advertisement
Advertisement