UPSC Annual Report 2022-23: यूपीएससी की सिविल सेवा परीक्षा देश की सबसे प्रतिष्ठित और कठिन परीक्षाओं में से एक है. इस परीक्षा की तैयारी में उम्मीदवार कई साल लगा देते हैं. संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) की 2022-23 वार्षिक रिपोर्ट में भी यह साबित हुआ कि पहली बार में मुश्किल से 8 प्रतिशत उम्मीदवार ही यूपीएससी की सिविल सेवा परीक्षा पास करके भारतीय प्रशासनिक सेवाओं के लिए चयनित हो पाते हैं.
तीसरी बार में पास होते हैं सबसे ज्यादा उम्मीदवार
आयोग ने साल 2022-23 में कुल 15 भर्ती परीक्षाएं आयोजित कीं. इनमें 11 परीक्षाएं सिविल सेवाओं/पदों पर भर्ती के लिए और 4 परीक्षाएं रक्षा सेवाओं के लिए आयोजित की गईं. यूपीएससी की इस सालाना रिपोर्ट के अनुसार, सिविल सेवा के लिए तीसरा अटेंप्ट देने वाले उम्मीदवार सबसे ज्यादा सफल होते हैं.
तीसरे अटेंप्ट के बाद ज्यादातर युवा मान लेते हैं हार
अगर सिविल सेवा परीक्षा करके सपना पूरा करने है तो मेहनत और जुनून के साथ सब्र का होना भी जरूरी है. लेकिन यूपीएससी की रिपोर्ट के अनुसार अधिकतर उम्मीदवार तीसरे अटेंप्ट के बाद हार मानकर आगे प्रयास नहीं करते हैं. 2022-23 में तीसरे अटेंप्ट में 22.5% सबसे ज्यादा उम्मीदवार बैठे थे. इनमें 20.3% पुरुष और 28.4% महिला उम्मीदवार शामिल हैं. इसके बाद उम्मीदवारों की संख्या तेजी से घटी और छठे अटेंप्ट तक 11% उम्मीदवार ही रुके. जनरल कैटेगरी के उम्मीदवारों को केवल 6 अटेंप्ट ही दिए जाते हैं, जबकि PwD के उम्मीदवारों को अतिरिक्त तीन अवसर दिए जाते हैं. 2021 में सामान्य वर्ग से 668 उम्मीदवारों ने सिविल सेवा मुख्य परीक्षा दी. इनमें से 290 अभ्यर्थी पास हुए. सामान्य वर्ग में परीक्षा देने वाले कुल उम्मीदवारों में पुरुष 189 और महिला उम्मीदवार 101 सफल रहीं.
24 से 26 वर्ष के उम्मीदवार सबसे ज्यादा सफल
यूपीएससी की रिपोर्ट कहती है कि सिविल सेवा में सबसे ज्यादा चयनित होने वाले उम्मीदवारों की आयु सीमा 24 से 26 वर्ष होती है. इस आयु वर्ग के पुरुषों की सफलता दर 29.4% और महिला उम्मीदवारों की सफलता दर 33.3% है. वहीं 30 वर्ष से अधिक आयु वर्ग में पुरुषों की सफलता का दर 14.6% और महिलाओं की सफलता का दर 12.5% है. पूरी रिपोर्ट पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें-PDF देखें