अंग्रेजों ने भारत में सिविल सर्विस परीक्षा की शुरुआत वर्ष 1854 में की थी. लेकिन साल 1862 तक कोई भी ऐसा भारतीय नहीं था, जो इस परीक्षा को पास कर पाया हो. इसके बाद साल 1863 में एक शख़्स ऐसा आया, जिसने सिविल सर्विस परीक्षा में झंडे गाड़ दिए. हम बात कर रहे हैं सत्येन्द्रनाथ टैगोर की.