scorecardresearch
 

नेपाल अशांति के बीच गोरखा रेजिमेंट के नेपाली सैनिकों की छुट्टी बढ़ाई, यात्रा पर रोक

नेपाल में अशांति के कारण भारतीय सेना ने अपने नेपाली गोरखा सैनिकों की सुरक्षा के लिए त्वरित कदम उठाए हैं. छुट्टी पर गए सैनिकों की छुट्टी बढ़ाई गई है. नई छुट्टियों पर रोक लगा दी गई है. सेना अपने सैनिकों से लगातार संपर्क में है. उनकी सुरक्षा सुनिश्चित कर रही है.

Advertisement
X
भारतीय सेना के गोरखा रेजिमेंट में नेपाल के सैनिक भी हैं. उनकी सुरक्षा से संबंधित सभी जरूरी निर्देश सेना ने जारी किए हैं. (File Photo: PTI)
भारतीय सेना के गोरखा रेजिमेंट में नेपाल के सैनिक भी हैं. उनकी सुरक्षा से संबंधित सभी जरूरी निर्देश सेना ने जारी किए हैं. (File Photo: PTI)

नेपाल में चल रही अशांति के कारण भारतीय सेना ने अपने नेपाली गोरखा सैनिकों के लिए विशेष कदम उठाए हैं. सेना ने छुट्टी पर गए सैनिकों की छुट्टी बढ़ा दी है. नए सैनिकों की नेपाल यात्रा पर रोक लगा दी है. यह कदम सैनिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है.

नेपाल में अशांति और भारतीय सेना का कदम

नेपाल में सितंबर 2025 में भारी अशांति शुरू हुई, जब सरकार ने सोशल मीडिया पर प्रतिबंध लगाया. इससे नाराज युवाओं (जिन्हें ‘Gen Z’ प्रोटेस्टर्स कहा जा रहा है) ने काठमांडू और अन्य शहरों में प्रदर्शन किए. इन प्रदर्शनों में हिंसा भड़क गई, जिसमें 30 लोगों की मौत हो गई. 1033 लोग घायल हुए.

यह भी पढ़ें: अब आर्मी के हाथ में नेपाल, पूरे देश में कर्फ्यू... विद्रोह से निपटने का ये है प्लान

प्रदर्शनकारियों ने संसद भवन, सुप्रीम कोर्ट और नेताओं के घरों में आग लगा दी. इसके बाद नेपाल की सेना ने काठमांडू में कर्फ्यू लगा दिया और स्थिति को नियंत्रित करने की कोशिश की.

Nepali Gorkha Regiment Indian Army

इस अशांति के बीच भारतीय सेना ने अपने नेपाली गोरखा सैनिकों की सुरक्षा को प्राथमिकता दी. भारतीय सेना में करीब 30000 नेपाली गोरखा सैनिक हैं, जो 35 गोरखा बटालियनों में सेवा देते हैं. इन बटालियनों में 40% सैनिक नेपाल से हैं, जबकि 60% भारत के उत्तराखंड, सिक्किम और दार्जिलिंग जैसे क्षेत्रों से हैं.

Advertisement

छुट्टी पर गए सैनिकों की सुरक्षा

भारतीय सेना ने बताया कि नेपाल में छुट्टी पर गए सभी नेपाली गोरखा सैनिक पूरी तरह सुरक्षित हैं. सेना की मानक प्रक्रिया (Standard Operating Procedure - SOP) के अनुसार, छुट्टी पर गए सैनिकों से उनकी यूनिट नियमित संपर्क में रहती है. सभी गोरखा बटालियनों के कमांडिंग ऑफिसर ने अपने सैनिकों की स्थिति की जांच की और पुष्टि की कि वे सुरक्षित हैं.

यह भी पढ़ें: नेपाल में अशांति पर भारत की पैनी नजर... भारतीय खुफिया एजेंसियां सतर्क

सेना ने उन सैनिकों की छुट्टी बढ़ा दी है, जिनकी छुट्टी खत्म होने वाली थी. इससे वे नेपाल में अशांति के दौरान सुरक्षित रह सकें. जिन सैनिकों की छुट्टी मंजूर हो चुकी थी, उन्हें फिलहाल नेपाल न जाने की सलाह दी गई है. सेना ने यात्रा पर अस्थायी रोक लगा दी है. स्थिति सामान्य होने तक सैनिकों को इंतजार करने को कहा है.

क्यों लिया गया यह फैसला?

नेपाल में हिंसक प्रदर्शन और कर्फ्यू के कारण यात्रा करना जोखिम भरा हो गया है. काठमांडू का त्रिभुवन अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा बंद कर दिया गया. भारत-नेपाल सीमा पर भी सख्ती बढ़ा दी गई है. उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों ने सीमा पर निगरानी बढ़ा दी है ताकि कोई अपराधी या प्रदर्शनकारी भारत में न घुस सके.

Advertisement

Nepali Gorkha Regiment Indian Army

भारतीय सेना ने अपने सैनिकों को सलाह दी है कि वे नेपाल में सुरक्षित जगहों पर रहें और बेवजह बाहर न निकलें. सेना लगातार नेपाल की स्थिति पर नजर रख रही है और अपने सैनिकों को नियमित अपडेट दे रही है. भारतीय दूतावास ने भी नेपाल में फंसे भारतीय नागरिकों के लिए हेल्पलाइन नंबर (+977-9808602881, +977-9810326134) जारी किए हैं ताकि जरूरत पड़ने पर सहायता दी जा सके.

नेपाली गोरखा सैनिकों का महत्व

गोरखा सैनिक भारतीय सेना का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं. 1947 में भारत, नेपाल और ब्रिटेन के बीच हुए त्रिपक्षीय समझौते के तहत नेपाल के गोरखा सैनिकों को भारतीय सेना में भर्ती किया जाता रहा है. ये सैनिक अपनी बहादुरी और वफादारी के लिए मशहूर हैं. उन्होंने 1962 के भारत-चीन युद्ध, 1947, 1965 और 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्धों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है.

यह भी पढ़ें: तेजस और सुखोई फाइटर जेट बनाने वाला HAL अब बनाएगा इसरो के लिए रॉकेट

2020 से नेपाल से गोरखा सैनिकों की भर्ती रुकी हुई है. पहले कोविड-19 महामारी के कारण भर्ती रुकी. फिर 2022 में भारत की अग्निपथ योजना के कारण नेपाल ने अपने नागरिकों को इस योजना के तहत भर्ती होने से रोक दिया. अग्निपथ योजना के तहत सैनिकों को केवल चार साल की नौकरी मिलती है, जिसमें पेंशन या अन्य लंबे समय के लाभ नहीं हैं. नेपाल को डर है कि चार साल बाद लौटने वाले सैनिकों के लिए वहां रोजगार नहीं होगा, जिससे सामाजिक अशांति बढ़ सकती है.

Advertisement

Nepali Gorkha Regiment Indian Army

भारतीय सेना की स्थिति

भारतीय सेना के प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने कहा कि भर्ती रुकने से गोरखा बटालियनों में 14,000 से ज्यादा सैनिकों की कमी हो गई है, लेकिन इससे सेना की युद्ध तैयारियों पर कोई असर नहीं पड़ा है. उन्होंने नेपाल से भर्ती फिर शुरू करने की अपील की है. 2024 में जनरल द्विवेदी ने नेपाल का दौरा किया. नेपाल के सेना प्रमुख जनरल अशोक राज सिग्देल के साथ इस मुद्दे पर चर्चा की.

सेना का कहना है कि गोरखा सैनिकों की कमी को भरने के लिए भारत में रहने वाले गोरखा समुदाय (उत्तराखंड, सिक्किम और दार्जिलिंग) से भर्ती बढ़ाई जा सकती है. लेकिन नेपाल के गोरखा सैनिकों का भारत-नेपाल संबंधों में विशेष महत्व है. उनकी भर्ती का रुकना दोनों देशों के बीच ऐतिहासिक रिश्ते को प्रभावित कर सकता है.

नेपाल की स्थिति और भारत का रुख

नेपाल में अशांति का कारण सोशल मीडिया पर प्रतिबंध और भ्रष्टाचार के खिलाफ गुस्सा है. प्रदर्शनकारियों ने सरकार से इस्तीफा मांगा, जिसके बाद प्रधानमंत्री के.पी. शर्मा ओली ने इस्तीफा दे दिया. लेकिन हिंसा जारी रही. नेपाल की सेना ने स्थिति को नियंत्रित करने के लिए कर्फ्यू और सख्त कदम उठाए.

भारत सरकार ने नेपाल में फंसे भारतीय नागरिकों की सुरक्षा के लिए कदम उठाए हैं. उत्तर प्रदेश ने सीमा पर 24 घंटे निगरानी और हेल्पलाइन नंबर (0522-2390257, 0522-2724010, 9454401674) शुरू किए हैं.

---- समाप्त ----
Live TV

Advertisement
Advertisement