भारत ने अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के ऊपर आज और कल (23-24 मई 2025) हवाई क्षेत्र को बंद कर दिया है. एक नोटिस टू एयरमेन (NOTAM) के तहत बंगाल की खाड़ी और अंडमान सागर के ऊपर किसी भी विमान को उड़ान भरने की अनुमति नहीं होगी. ऐसा माना जा रहा है कि भारत एक बड़ा मिसाइल टेस्ट करने जा रहा है. यह टेस्ट सुबह 7 बजे से 10 बजे तक दोनों दिन होगा.
वायु क्षेत्र बंद होने के संदर्भ में, एक अधिकारी ने कहा कि आज हमने उच्च ऊंचाई वाले हथियार परीक्षण को सफलतापूर्वक पूरा कर लिया है और कल भी इसी तरह का एक परीक्षण किया जाएगा. यह अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में एक नियमित अभ्यास है, क्योंकि हमने पहले भी इसी तरह के परीक्षण किए हैं
आइए समझते हैं कि यह टेस्ट क्या है और इसका क्या मतलब है...
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NOTAM क्या होता है?
NOTAM यानी नोटिस टू एयरमेन एक तरह की कानूनी सूचना होती है, जो विमानों को किसी खास क्षेत्र में उड़ान न भरने की चेतावनी देती है. यह तब जारी किया जाता है, जब उस इलाके में कोई बड़ा सैन्य अभ्यास, मिसाइल टेस्ट या दूसरी गतिविधि होनी होती है.
India issues a NOTAM around the Andaman & Nicobar Islands for a likely, upcoming missile test
— Damien Symon (@detresfa_) May 16, 2025
Date: 23-24 May 2025 pic.twitter.com/b6sVIcFP4L
अंडमान और निकोबार में 23-24 मई को सुबह 7 से 10 बजे तक हवाई क्षेत्र बंद रहेगा. इसका मतलब है कि इस दौरान कोई भी नागरिक विमान इस इलाके में नहीं उड़ सकता. NOTAM के मुताबिक, यह क्षेत्र 510 किलोमीटर लंबा है, जो अंडमान सागर के ऊपर फैला हुआ है.
मिसाइल टेस्ट की संभावना
विशेषज्ञों का मानना है कि भारत इस दौरान एक मिसाइल टेस्ट करेगा. अंडमान और निकोबार में पहले भी कई बार मिसाइल टेस्ट हो चुके हैं. इस बार भी ऐसा ही कुछ होने की उम्मीद है. पिछली बार जनवरी 2025 में भारत ने यहां ब्रह्मोस सुपरसोनिक मिसाइल का टेस्ट किया था.
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ब्रह्मोस एक बहुत तेज और सटीक मिसाइल है, जो जमीन, समुद्र और हवा से लॉन्च की जा सकती है. इसकी रेंज अब 450 से 900 किलोमीटर तक है. कुछ लोगों का मानना है कि इस बार भी ब्रह्मोस का ही टेस्ट हो सकता है, शायद इसका कोई नया वर्जन.
ऑपरेशन सिंदूर का कनेक्शन
भारत ने 7 मई 2025 को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ चलाया था. इस ऑपरेशन में भारतीय सेना ने पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में आतंकी ठिकानों पर हमला किया था. ऑपरेशन सिंदूर में भारत ने ब्रह्मोस मिसाइल का इस्तेमाल कर कई आतंकी ठिकानों को तबाह किया था.
अभी भारत-पाकिस्तान सीमा पर शांति है, लेकिन सरकार का कहना है कि ऑपरेशन सिंदूर अभी खत्म नहीं हुआ है. ऐसे में अंडमान में मिसाइल टेस्ट को एक रणनीतिक कदम माना जा रहा है. यह टेस्ट भारत की सैन्य ताकत को दिखाने और दुश्मनों को चेतावनी देने का तरीका हो सकता है.

अंडमान में टेस्ट क्यों?
अंडमान और निकोबार द्वीप समूह भारत के लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं. ये हिंद महासागर में मलक्का स्ट्रेट के पास हैं, जो एक अहम समुद्री रास्ता है. यहां से भारत अपनी मिसाइलों का टेस्ट आसानी से कर सकता है, क्योंकि यह इलाका खुला और सुरक्षित है. साथ ही, अंडमान में ट्राई-सर्विस थिएटर कमांड है, जिसमें सेना, नौसेना और वायुसेना तीनों मिलकर काम करते हैं. इस टेस्ट में भी ट्राई-सर्विस कमांड की भूमिका है, जिससे लगता है कि यह एक बड़ा और जटिल टेस्ट होगा.
ब्रह्मोस मिसाइल की खासियत
अगर इस बार ब्रह्मोस का टेस्ट हो रहा है, तो यह भारत की ताकत को और बढ़ाएगा. ब्रह्मोस की कुछ खास बातें हैं...
इसका क्या मतलब है?
यह टेस्ट भारत के लिए कई मायनों में अहम है. सबसे पहले, यह भारत की सैन्य ताकत को दिखाता है. हिंद-प्रशांत क्षेत्र में चीन और पाकिस्तान जैसे देशों की हरकतों को देखते हुए भारत अपनी ताकत बढ़ा रहा है.
दूसरा, यह टेस्ट भारत की तकनीक और सेना की तैयारी को परखेगा. तीसरा, यह दुश्मनों को चेतावनी है कि भारत किसी भी खतरे का जवाब देने के लिए तैयार है.