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प्रिया, पूजा, रश्मि बनकर वीडियो कॉल पर फंसाते थे 'शिकार', मेवात से साद, अमीन, दिलशाद को उठाकर लाई पुलिस

Crime News: नूंह पुलिस ने बताया कि अश्लील वीडियो में फंसाकर लोगों को धमकियां दी जाती थीं कि उनके वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर कर दिए जाएंगे. बदनामी के डर से तमाम लोग आरोपियों को पैसे भी भेज देते थे.

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(सांकेतिक तस्वीर)
(सांकेतिक तस्वीर)

हरियाणा के नूंह में वीडियो कॉल के जरिए लोगों को अश्लील चैट में फंसाकर पैसे ऐंठने के आरोप में 5 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. आरोपी लड़कियों के नाम पर सोशल मीडिया साइट्स पर अकाउंट बनाते थे, लोगों को वीडियो कॉल करते थे और फिर उन्हें अश्लील चैट में फंसाते थे.

नूंह पुलिस ने बताया कि अश्लील वीडियो में फंसाकर लोगों को धमकियां दी जाती थीं कि उनके वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर कर दिए जाएंगे. बदनामी के डर से तमाम लोग आरोपियों को पैसे भी भेज देते थे.

वीडियो कॉल पर ब्लैकमेलिंग करने वाले आरोपियों की पहचान मोहम्मद साद, अमीन, दिलशाद, हुसैन और जाहिद के रूप में हुई है. पुलिस ने उनके पास से 8 मोबाइल फोन और 10 सिम कार्ड भी जब्त किए हैं. 

बुजुर्ग से 36 लाख रुपये ठगे

इससे पहले भिवानी शहर के सेक्टर-13 चौकी इलाके में एक बुजुर्ग का अश्लील वीडियो बनाकर उससे करीब 36 लाख रुपये ठगने के मामले में राजस्थान से 8 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया था. 

पुलिस ने बताया कि आरोपी राजस्थान के डीग, अलवर और भरतपुर जिलों के रहने वाले हैं और अंतरराज्यीय गिरोह बनाकर करीब दो साल से लोगों के साथ ठगी कर रहे थे. आरोपियों को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है.

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भिवानी SP वरुण सिंगला ने बताया कि सेक्टर-13 निवासी एक बुजुर्ग को लड़की ने वीडियो कॉल किया था और अश्लील वीडियो बना लिया था जिसके आधार पर उन्हें ब्लैकमेल कर पैसों की मांग की जा रही थी.उन्होंने बताया कि पीड़ित ने साइबर अपराध थाना में प्राथमिकी दर्ज कराई थी.

SP ने शिकायत के हवाले से बताया कि ठगी के इस मामले में अलग-अलग फोन नंबर से कॉल कर अश्लील वीडियो को यूट्यूब से हटाने के नाम पर अपराध शाखा, दिल्ली में निरीक्षक व सीबीआई का अधिकारी बताकर 17 और 18 जनवरी को दो दिन के अंदर 36 लाख 84 हजार 300 रुपये ट्रांसफर करा लिए गए थे. उन्होंने बताया कि आरोपियों ने बुजुर्ग से और 20 लाख रुपये की मांग की थी.

सिंगला ने बताया कि वारदात के 48 घंटे के भीतर आरोपियों को गिरफ्तार करने में सफलता मिली है. उन्होंने बताया कि गिरफ्तार आरोपियों की पहचान राजस्थान के डीग निवासी जफर, जिलसाद, नासिर, जफरुद्दीन और अकरम, अलवर निवासी इकबाल और भरतपुर निवासी चंदू और आसिर के तौर पर की गई है.

पुलिस की प्रारंभिक पूछताछ में खुलासा हुआ कि आरोपियों को सोशल मीडिया से साइबर ठगी का विचार आया और उन्होंने पैसे ऐंठने के लिए अंतरराज्यीय गिरोह बना लिया.

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