scorecardresearch
 

CrPC Section 63: निगमित निकायों और सोसाइटियों पर समन की तामील से जुड़ी है सीआरपीसी की धारा 63

सीआरपीसी (CrPC) की धारा 63 (Section 63) में निगमित निकायों और सोसाइटियों पर समन की तामील (Service of summons on corporate bodies and societies) कराए जाने के बारे में बताया गया है. आइए जानते हैं कि सीआरपीसी की धारा 63 क्या प्रावधान बताती है?

Advertisement
X
CrPC की धारा का संबंध निकायों और सोसाइटियों पर समन जारी करने से है
CrPC की धारा का संबंध निकायों और सोसाइटियों पर समन जारी करने से है
स्टोरी हाइलाइट्स
  • निगमित निकायों और सोसाइटियों को समन से जुड़ी है धारा 63
  • 1974 में लागू की गई थी सीआरपीसी
  • CrPC में कई बार हुए है संशोधन

दंड प्रक्रिया संहिता (Code of Criminal Procedure) में न्यायलय (Court) और पुलिस (Police) के काम करने की प्रक्रिया (Process) के बारे में जानकारी मिलती हैं. इसी प्रकार से सीआरपीसी (CrPC) की धारा 63 (Section 63) में निगमित निकायों और सोसाइटियों पर समन की तामील (Service of summons on corporate bodies and societies) कराए जाने के बारे में बताया गया है. आइए जानते हैं कि सीआरपीसी की धारा 63 क्या प्रावधान बताती है?

सीआरपीसी की धारा 63 (CrPC Section 63)
दंड प्रक्रिया संहिता (Code of Criminal Procedure) की धारा 63 (Section 63) में निगमित निकायों और सोसाइटियों पर समन की तामील (Service of summons on corporate bodies and societies) के बारे में प्रावधान (provision) बताती है. CrPC की धारा 63 के अनुसार, किसी निगम (corporation) पर समन की तामील (Service of a summon) निगम के सचिव (secretary), स्थानीय प्रबंधक (Local manager) या अन्य प्रधान अधिकारी (principal officer) पर तामील करके की जा सकती है या भारत में निगम के मुख्य अधिकारी (chief officer of the corporation) के पते पर रजिस्ट्रीकृत डाक (registered post) द्वारा भेजे गए पत्र द्वारा की जा सकती है, जिस दशा में तामील तब हुई समझी जाएगी जब डाक से साधारण रूप से (ordinary course of post) वह पत्र पहुंचता.

स्पष्टीकरण (Explanation)
इस धारा में निगम (corporation) से निगमित कंपनी (incorporated company) या अन्य निगमित निकाय (other body corporate) अभिप्रेत है और इसके अंतर्गत सोसाइटी रजिस्ट्रीकरण अधिनियम, 1860 Societies Registration Act, 1860 (1860 का 21) के अधीन रजिस्ट्रीकृत सोसाइटी (registered society) भी है.

Advertisement

इसे भी पढ़ें--- CrPC Section 62: कैसे हो समन की तामील, सीआरपीसी की धारा 62 में है प्रावधान 

क्या होती है सीआरपीसी (CrPC)
सीआरपीसी (CRPC) अंग्रेजी का शब्द है. जिसकी फुल फॉर्म Code of Criminal Procedure (कोड ऑफ क्रिमिनल प्रोसिजर) होती है. इसे हिंदी में 'दंड प्रक्रिया संहिता' कहा जाता है. CrPC में 37 अध्याय (Chapter) हैं, जिनके अधीन कुल 484 धाराएं (Sections) मौजूद हैं. जब कोई अपराध होता है, तो हमेशा दो प्रक्रियाएं होती हैं, एक तो पुलिस अपराध (Crime) की जांच करने में अपनाती है, जो पीड़ित (Victim) से संबंधित होती है और दूसरी प्रक्रिया आरोपी (Accused) के संबंध में होती है. सीआरपीसी (CrPC) में इन प्रक्रियाओं का ब्योरा दिया गया है.

1974 में लागू हुई थी CrPC
सीआरपीसी के लिए 1973 में कानून (Law) पारित किया गया था. इसके बाद 1 अप्रैल 1974 से दंड प्रक्रिया संहिता यानी सीआरपीसी (CrPC) देश में लागू हो गई थी. तब से अब तक CrPC में कई बार संशोधन (Amendment) भी किए गए है.

ये भी पढ़ेंः

 

Advertisement
Advertisement