Code of Criminal Procedure: दंड प्रक्रिया संहिता में न्यायलय (Court) से संबंधित कई प्रकार के प्रावधान (Provision) मौजूद हैं, जिनका इस्तेमाल समय पड़ने पर किया जाता है. ऐसे ही सीआरपीसी की धारा 136 (Section 136) में आदेश का पालन करने, हाजिर होने और कारण बताने में असफल व्यक्ति के बारे में प्रावधान (Provision) किया गया है. आइए जानते हैं कि सीआरपीसी की धारा 136 इस बारे में क्या कहती है?
सीआरपीसी की धारा 136 (CrPC Section 136)
दंड प्रक्रिया संहिता (Code of Criminal Procedure 1973) की धारा 136 (Section 136) में ऐसे व्यक्ति के बारे में बताया गया है, जो आदेश का पालन करने, हाजिर होने और कारण बताने में नाकाम होता है. CrPC की धारा 136 के अनुसार, यदि ऐसा व्यक्ति ऐसे कार्य को नहीं करता है या हाजिर होकर कारण दर्शित नहीं करता है, तो वह भारतीय दण्ड संहिता (Indian Penal Code 1860 का 45) की धारा 188 में उस निमित्त विहित शास्ति (Penalty prescribed for the cause) का दायी (Liable) होगा और आदेश अंतिम (Order absolute) कर दिया जाएगा.
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क्या है सीआरपीसी (CrPC)
सीआरपीसी (CRPC) अंग्रेजी का शब्द है. जिसकी फुल फॉर्म Code of Criminal Procedure (कोड ऑफ क्रिमिनल प्रोसिजर) होती है. इसे हिंदी में 'दंड प्रक्रिया संहिता' कहा जाता है. CrPC में 37 अध्याय (Chapter) हैं, जिनके अधीन कुल 484 धाराएं (Sections) मौजूद हैं. जब कोई अपराध होता है, तो हमेशा दो प्रक्रियाएं होती हैं, एक तो पुलिस अपराध (Crime) की जांच करने में अपनाती है, जो पीड़ित (Victim) से संबंधित होती है और दूसरी प्रक्रिया आरोपी (Accused) के संबंध में होती है. सीआरपीसी (CrPC) में इन प्रक्रियाओं का ब्योरा दिया गया है.
1974 में लागू हुई थी CrPC
सीआरपीसी के लिए 1973 में कानून (Law) पारित किया गया था. इसके बाद 1 अप्रैल 1974 से दंड प्रक्रिया संहिता यानी सीआरपीसी (CrPC) देश में लागू हो गई थी. तब से अब तक CrPC में कई बार संशोधन (Amendment) भी किए गए है.