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मरीज की मौत पर फूटा गुस्सा... मध्य प्रदेश में लेडी डॉक्टर को दौड़ाकर पीटा, कपड़े फाड़े, केस दर्ज

राजगढ़ में एक सरकारी अस्पताल में बवाल का माहौल बन गया. एक मरीज की मौत के बाद उसके परिजन ने जमकर हंगामा किया. इतना नहीं एक महिला डॉक्टर के साथ मारपीट की गई और उसके कपड़े तक फाड़ दिए गए. पुलिस ने केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है.

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राजगढ़ के सरकारी अस्पताल में बवाल के बाद डॉक्टरों की हड़ताल. (Photo: AI-generated)
राजगढ़ के सरकारी अस्पताल में बवाल के बाद डॉक्टरों की हड़ताल. (Photo: AI-generated)

मध्य प्रदेश के राजगढ़ जिले में एक मरीज की मौत के बाद अस्पताल में लोगों ने जमकर हंगामा किया. जिले के माचलपुर में महिला डॉक्टर डॉ. पायल पाटीदार पर मरीज के परिजनों ने हमला कर दिया. उनके कपड़े तक फाड़ दिए गए. सीसीटीवी फुटेज में डॉक्टर को जान बचाकर भागते देखा गया. इस घटना के बाद डॉक्टरों ने हड़ताल कर दिया है. यहां तक कि दवा की दुकानें तक बंद कर दी गई हैं.

थाना प्रभारी पूजा परिहार ने बताया कि ये घटना माचलपुर सरकारी अस्पताल में हुई है. यहां 23 वर्षीय अरविंद नामक युवक रविवार की सुबह करीब 9 बजे इलाज के लिए आया था. ड्यूटी पर तैनात डॉक्टर पायल पाटीदार ने उसकी गंभीर हालत को देखते हुए तत्काल पड़ोसी राज्य राजस्थान के झालावाड़ जिले के एक बड़े अस्पताल में रेफर कर दिया. लेकिन रास्ते में ही अरविंद की मौत हो गई.

युवक की मौत के बाद उसके परिजन भड़क गए. वे शव को लेकर वापस माचलपुर सरकारी अस्पताल पहुंचे. डॉक्टर पायल पाटीदार पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए उनसे बहस करने लगे. बहस धीरे-धीरे हिंसा में बदल गई. प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि गुस्साए परिजनों ने डॉक्टर की पिटाई कर दी. महिला रिश्तेदारों ने मिलकर उनके कपड़े भी फाड़ डाले. पूरी घटना सीसीटीवी में कैद हो गई है.

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वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि डॉक्टर पाटीदार जान बचाने के लिए अस्पताल से भागती दिख रही हैं. गुस्साए लोग उनका पीछा कर रहे हैं. पीड़ित डॉक्टर की शिकायत पर हमले में शामिल परिजनों के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता की संबंधित धाराओं के तहत केस दर्ज कर लिया गया है. सीसीटीवी कैमरों से मिले फुटेज के जरिए पुलिस फिलहाल आरोपियों की पहचान कर रही है.

इस घटना के बाद डॉक्टर सहित अन्य कर्मचारियों में आक्रोश फैल गया. सभी काम बंद कर हड़ताल पर चले गए. इसका असर पूरे इलाके की स्वास्थ्य सेवाओं पर पड़ा. मरीजों को इलाज के लिए भटकना पड़ा. हड़ताल का असर केवल अस्पताल तक सीमित नहीं रहा. केमिस्ट एसोसिएशन ने भी हमले के विरोध में दवा की दुकानें बंद रखीं. एक ज्ञापन सौंपकर आरोपियों पर सख्त कार्रवाई की मांग की गई है.

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