दिल्ली में ड्रग माफिया के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान के बीच पुलिस ने दो बड़े तस्करों को गिरफ्तार किया है. इनमें एक नाइजीरियाई नागरिक भी शामिल है. उसने भागने के लिए अपनी बालकनी से छलांग लगा दी. लेकिन किस्मत ने उसका साथ नहीं दिया और कूदने के दौरान उसका पैर टूट गया. दोनों तस्करों के पास से दो करोड़ मूल्य की ड्रग बरामद की गई है.
पुलिस उपायुक्त (क्राइम ब्रांच) आदित्य गौतम ने बताया कि आरोपियों की पहचान नाइजीरियाई नागरिक चिमे सबस्टाइन और गोविंदपुरी निवासी आकाश कश्यप उर्फ एके के रूप में हुई है. दोनों से एमडीएमए (एक्स्टसी) बरामद किया गया है. ये घटना 17 और 18 सितंबर की दरम्यानी रात की है. पुलिस की टीम ने चिराग दिल्ली में रात 12.10 बजे एक संदिग्ध को रोका.
उसकी कार के शीशे रंगीन थे. उसकी तलाशी में 196 ग्राम एमडीएमए, चार साइकोट्रोपिक इंजेक्शन और आठ सिरिंज बरामद हुए. कार सवार की पहचान आकाश कश्यप के रूप में हुई, जो मौके पर ही गिरफ्तार कर लिया गया. पुलिस जांच में सामने आया कि आकाश कश्यप चार अलग-अलग मामलों में आरोपी है. इनमें एक शस्त्र अधिनियम का केस भी शामिल है.
पुलिस की पूछताछ के दौरान आरोपी ने कबूल किया कि वो नाइजीरियाई नागरिक चाइम से ड्रग्स खरीदता था. इसे दिल्ली में सप्लाई करता था. आकाश की निशानदेही पर पुलिस ने चाइम को घेर लिया. लेकिन पुलिस की भनक लगते ही उसने भागने की कोशिश की और अपनी बालकनी से छलांग लगा दी. इस कोशिश में उसके दोनों पैर बुरी तरह से टूट गए.
पुलिस ने उसे तुरंत सफदरजंग अस्पताल में भर्ती कराया, जहां पैर की सर्जरी हुई. अस्पताल से छुट्टी मिलने के बाद चाइम को पुलिस हिरासत में ले लिया गया. पुलिस जांच में सामने आया कि चाइम अप्रैल 2024 में भारत आया था. उसने मेडिकल वीजा पर प्रवेश लिया, लेकिन उसकी अवधि अगस्त 2024 में खत्म हो गई थी. इसके बाद अवैध रूप से भारत में रह रहा था.
पुलिस की पूछताछ में चाइम ने कबूल किया कि वह अपनी खपत और नेटवर्क के लिए नशीले पदार्थों की तस्करी कर रहा था. अदालत में पेश करने के बाद आकाश को पुलिस हिरासत में भेज दिया गया, जबकि चाइम को भी इलाज पूरा होने के बाद कस्टडी में ले लिया गया है. पुलिस अब इस नेटवर्क के बाकी तार तलाश रही है. इसके सिरे विदेश में भी हो सकते हैं.