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मुंबई EOW ने बिल्डर पर दर्ज किया धोखाधड़ी का मामला, फ्लैट देने का वादा कर इन्वेस्ट कराए थे 3.40 करोड़

मुंबई की आर्थिक अपराध शाखा ने (EOW) ने एक बिल्डर के खिलाफ 60 करोड़ की धोखाधड़ी के मामले में FIR दर्ज की है. निवेशक ने बिल्डर पर आरोप लगाया है कि समझौते के वक्त बिल्डर ने उन्हें 12 फ्लैट देने का वादा किया था, लेकिन बिल्डिंग का काम पूरा होने के बाद बिल्डर ने अपना वादा पूरा नहीं किया और सभी फ्लैट दूसरी पार्टी को बेच दिए, जिससे उन्हें 60 करोड़ का नुकसान हुआ है.

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मुंबई EOW ने दर्ज किया बिल्डर पर 60 करोड़ की धोखाधड़ी का केस. (सांकेतिक फोटो)
मुंबई EOW ने दर्ज किया बिल्डर पर 60 करोड़ की धोखाधड़ी का केस. (सांकेतिक फोटो)

मुंबई की इकनॉमिक ऑफेंसेज विंग (EOW) ने दक्षिण मुंबई के एक रियल एस्टेट निवेश के खिलाफ 60 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया है. बिल्डर पर आरोप है कि उसने एक रियल एस्टेट निवेशक को आर्थिक निवेश के बदले निर्माणाधीन बिल्डिंग में 12 फ्लैट देने का वादा किया था. हालांकि, निवेशक का आरोप है कि समझौते के वक्त बिल्डर ने उन्हें फ्लैट देने का वादा किया था, लेकिन बिल्डिंग का काम पूरा होने के बाद सभी फ्लैट दूसरी पार्टी को बेच दिए.  

रियल एस्टेट निवेशक नरेश केसरीलाल मेहता ने  मुंबई की आर्थिक अपराध शाखा में 60 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी के लिए एफआईआर दर्ज कराई है. इस मामले में पवन कुमार चंदन, श्रेणिक चंदन, राजेश दहिया और विजय कुमार संघवी पर धोखाधड़ी और जालसाजी का आरोप लगाया है. पवन कुमार चंदन का बिल्ड वाइल्ड डेवलपर्स नाम से रियल एस्टेट का कारोबार है. इस फर्म में चंदन कुमार के बेटे श्रेणिक चंदन उनके पार्टनर हैं, लेकिन कंपनी का संचालन राजेंद्र दहिया करते हैं.

बिल्डर में मांगी थी आर्थिक मदद

साल 2006 और 2007 में पवन कुमार और राजेंद्र दहिया ने गिरगांव में चंदन हाइट्स नाम से एक प्रोजेक्ट लॉन्च किया था. उनके पास प्रोजेक्ट शुरू करने के लिए पैसे नहीं थे. तब उन्होंने पवन कुमार से 3 करोड़ 40 लाख रुपये की मदद मांगी थी और कहा कि वह उन्हें इस बिल्डिंग के सभी फ्लैट बेचने की जिम्मेदारी देंगे. इसी के चलते शिकायतकर्ता ने नरेश मेहता ने अपने रिश्तेदार से 2.40 करोड़ और कांतिलाल शाह नाम के एक व्यक्ति से 1 करोड़ रुपये उधार लाकर कुल 3.40 करोड़ रुपये दिए. इसके एवज में आरोपियों ने मेहता को 8 फ्लैट देने का वादा किया.

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'12 फ्लैट देने का किया वादा'

वहीं, जब ये प्रोजेक्ट शुरू हो रहा था तो पवन कुमार ने साल 2009-10 में कुछ फ्लैट बेचना शुरू कर दिया. उस वक्त शिकायतकर्ता ने इस बारे में पवन से पूछा तो उन्होंने कहा कि ये मेरी बिल्डिंग है और मैं फ्लैट बेचूंगा. इसके बाद पवन और बिल्डर के बीच विवाद बढ़ता चला गया. 28 मार्च, 2013 को भोलाराम भागचंद बिश्नोई पीड़ित को समझौते के लिए पवन कुमार के ऑफिस लेग गए. उस वक्त पवन कुमार, उनके बेटे श्रेणिक और राजू दहिया मौजूद थे. इन सभी की मौजूदगी में समझौता कर साइन किए गए, जिसमें कुल 12 फ्लैट दिए जाने की बात कही गई थी. हालांकि, ये बिल्डिंग साल 2022-23 तक बनकर तैयार हो गई. लेकिन चारों आरोपियों ने सभी फ्लैट बेच दिए, जिससे शिकायतकर्ता को 60 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है. इसके बाद पीड़ित ने ईओडब्ल्यू में शिकायत दर्ज कराई है.

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