गुजरात के साबरकांठा जिले में दूध के मूल्य में बढ़ोतरी की मांग को लेकर शुरू हुआ किसानों का विरोध प्रदर्शन सोमवार को हिंसक हो गया. हिम्मतनगर स्थित साबर डेयरी परिसर के बाहर प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच हुई तीखी झड़प ने हालात को बेकाबू कर दिया. पथराव, तोड़फोड़ और लाठीचार्ज के बीच तीन पुलिसकर्मी घायल हुए, जबकि चार पुलिस वाहन भी क्षतिग्रस्त हो गए.
पुलिस ने इस मामले में अब तक 47 लोगों को गिरफ्तार किया है, जबकि 1000 से अधिक प्रदर्शनकारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है. प्राथमिकी में पूर्व कांग्रेस विधायक और साबर डेयरी निदेशक जशुभाई पटेल का नाम भी शामिल है, जो अब तक फरार हैं. सोमवार को हजारों की संख्या में किसान साबर डेयरी के मुख्य द्वार पर एकत्र हुए थे. उनकी मांग थी कि उन्हें दूध का उचित मूल्य दिया जाए.
किसानों की यह भी मांग है कि डेयरी खरीद मूल्य में तत्काल वृद्धि की जाए. लेकिन प्रदर्शन ने देखते ही देखते हिंसक रूप ले लिया. डीएसपी एके पटेल ने बताया कि प्रदर्शनकारियों ने अचानक पथराव शुरू कर दिया, जिसमें पुलिस बल को गंभीर चोटें आईं. डेयरी परिसर के मुख्य द्वार को तोड़ दिया गया. हालात पर नियंत्रण पाने के लिए पुलिस को करीब 50 आंसू गैस के गोले दागने पड़े.
पुलिस अधिकारी का कहना है कि अब तक 74 प्रदर्शनकारियों की पहचान की जा चुकी है और अन्य की तलाश जारी है. एफआईआर में जशुभाई पटेल, जो साबर डेयरी के निदेशक मंडल में भी शामिल हैं, को हिंसा भड़काने का आरोपी बनाया गया है. फिलहाल वह फरार हैं और पुलिस की टीमें उनकी तलाश में जुटी हैं. विरोध प्रदर्शन के दौरान अशोक पटेल नाम के एक व्यक्ति की मौत भी हुई.
हालांकि पुलिस ने साफ किया है कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में किसी बाहरी चोट का ज़िक्र नहीं है. मौत के सही कारणों की जांच की जा रही है. हिम्मतनगर और आसपास के इलाकों में अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया गया है. स्थिति अब नियंत्रण में है, लेकिन तनावपूर्ण माहौल बना हुआ है. यह घटना गुजरात की सहकारी डेयरी व्यवस्था में गहराते असंतोष को उजागर करती है.