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दिल्ली पुलिस ने किया नार्को सिंडिकेट का का भंडाफोड़, 1.55 करोड़ का हेरोइन-अल्प्राजोलम जब्त, 2 तस्कर गिरफ्तार

दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने नशे के एक अंतरराज्यीय नेटवर्क का भंडाफोड़ करते हुए दो मादक तस्करों को गिरफ्तार किया है. ये तस्कर उत्तर प्रदेश से दिल्ली और पंजाब में हेरोइन की तस्करी कर रहे थे. पुलिस ने उनके कब्जे से 1.55 करोड़ रुपए मूल्य की ड्रग्स बरामद की है.

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नशे के एक अंतरराज्यीय नेटवर्क का भंडाफोड़. (Photo: X/@CrimeBranchDP)
नशे के एक अंतरराज्यीय नेटवर्क का भंडाफोड़. (Photo: X/@CrimeBranchDP)

दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने नशे के एक अंतरराज्यीय नेटवर्क का भंडाफोड़ करते हुए दो मादक तस्करों को गिरफ्तार किया है. ये तस्कर उत्तर प्रदेश से दिल्ली और पंजाब में हेरोइन की तस्करी कर रहे थे. पुलिस ने उनके कब्जे से 1.55 करोड़ रुपए मूल्य की ड्रग्स बरामद की है, जिनमें हेरोइन और अल्प्राजोलम जैसे खतरनाक मादक पदार्थ शामिल हैं.

पुलिस उपायुक्त (अपराध) आदित्य गौतम ने शनिवार को बताया कि गिरफ्तार आरोपियों की पहचान महेंद्र पाल (50) और नत्थू खान (60) के रूप में हुई है. दोनों आरोपी रामपुर और बरेली जिलों से सक्रिय थे और इन राज्यों से ड्रग्स की आपूर्ति कर रहे थे. महेंद्र पाल को 28 जून को दिल्ली के गाजीपुर स्थित हरिजन बस्ती के पास से गिरफ्तार किया गया.

महेंद्र पाल के पास से 296 ग्राम हेरोइन और 1.543 किलोग्राम अल्प्राजोलम बरामद की गई. प्रारंभिक जांच में खुलासा हुआ है कि आरोपी हेरोइन की क्षमता और प्रभाव को बढ़ाने के लिए अल्प्राजोलम का रासायनिक रूप से मिश्रण करता था. यह एक खतरनाक मिक्सिंग है जो ड्रग्स तस्करी के नेटवर्क में तेजी से प्रचलन में आ रही है.

पुलिस पूछताछ में यह भी सामने आया कि महेंद्र पाल शुरुआत में हेरोइन निर्माताओं को अल्प्राजोलम की आपूर्ति करने वाला एक बिचौलिए के रूप में काम करता था. लेकिन धीरे-धीरे उसने अपनी खुद की सप्लाई चेन तैयार कर ली. रासायनिक रूप से परिवर्तित हेरोइन की तस्करी करने लगा. अल्प्राजोलम मिलाने से हेरोइन के प्रभाव और मूल्य दोनों में इजाफा होता था.

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महेंद्र पाल के खुलासे के आधार पर पुलिस ने 11 जुलाई को बरेली से मुख्य आपूर्तिकर्ता नत्थू खान को गिरफ्तार किया. उसके पास से 310 ग्राम हेरोइन बरामद की गई. जांच में यह भी सामने आया है कि नत्थू के भाई के पास एक वैध अफीम कृषि परमिट था, जिसका कथित तौर पर हेरोइन उत्पादन के लिए दुरुपयोग किया जा रहा था.

गिरफ्तारी से बचने के लिए दोनों आरोपी बेहद शातिराना तरीके अपनाते थे. वे सार्वजनिक परिवहन का इस्तेमाल करते थे और खुद को आम यात्री दर्शाकर प्रतिबंधित पदार्थों को निजी सामान में छिपाकर ले जाते थे.

पुलिस ने दोनों आरोपियों के खिलाफ नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंस अधिनियम की संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज कर लिया है. फिलहाल जांच एजेंसियां इस नेटवर्क से जुड़े अन्य लिंक तलाशने में जुटी हैं. यह गिरोह उत्तर प्रदेश, दिल्ली और पंजाब तक फैला हुआ है. पुलिस अधिकारियों के मुताबिक, यह कार्रवाई हालिया दिनों में दिल्ली पुलिस द्वारा की गई सबसे बड़ी ड्रग इंटरसेप्शन में से एक है.

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