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बुजुर्ग महिला, डिजिटल अरेस्ट और 2.89 करोड़ की ठगी... मुंबई पुलिस ने ऐसे वापस दिलाई इतनी रकम

दरअसल, सोमवार और बुधवार के बीच साइबर अपराधियों ने खुद को भारतीय दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण (ट्राई) का अधिकारी, पुलिसकर्मी और एक न्यायाधीश बताकर विले पार्ले इलाके में रहने वाली 73 वर्षीय बुजुर्ग महिला के साथ ठगी कर डाली.

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पुलिस ने एक्शन लेते हुए आधी से ज्यादा रकम वापस करा दी (सांकेतिक चित्र)
पुलिस ने एक्शन लेते हुए आधी से ज्यादा रकम वापस करा दी (सांकेतिक चित्र)

मुंबई में साइबर अपराधियों ने सरकारी अधिकारी बनकर एक महिला को 2.89 करोड़ रुपये का चूना लगा दिया, हालांकि मुंबई पुलिस की तेज कार्रवाई से 1.29 करोड़ रुपये वापस मिल गए. मुंबई पुलिस के एक अधिकारी ने गुरुवार को यह जानकारी दी.

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दरअसल, सोमवार और बुधवार के बीच साइबर अपराधियों ने खुद को भारतीय दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण (ट्राई) का अधिकारी, पुलिसकर्मी और एक न्यायाधीश बताकर विले पार्ले इलाके में रहने वाली 73 वर्षीय बुजुर्ग महिला के साथ ठगी कर डाली.

पुलिस अफसर ने पीटीआई बताया कि व्हाट्सएप कॉल में ट्राई अधिकारी बनकर आए व्यक्ति ने महिला से कहा कि उसके खाते से अनियमित वित्तीय लेनदेन हुए हैं. एक अन्य आरोपी ने खुद को पुलिसकर्मी बताकर धमकी दी कि वह धोखाधड़ी के लिए जांच किए जा रहे एक व्यवसायी से जुड़ी हुई है और उसे डिजिटल गिरफ्तारी के तहत रखा जाएगा. 

पुलिस अधिकारी के मुताबिक, आरोपी ने फिर से वीडियो कॉल करके बुजुर्ग महिला से कहा कि एक जज उसे गिरफ्तारी से बचने में मदद करेगा. इस तरह, आरोपी ने डिजिटल गिरफ्तारी से बचने के लिए महिला से सोमवार और बुधवार के बीच 2.89 करोड़ रुपये ट्रांसफर करवा लिए. 

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मगर जल्द ही पीड़िता महिला को एहसास हुआ कि उसके साथ धोखा हुआ है और उसने पीड़ितों की मदद के लिए स्थापित 1930 साइबर हेल्पलाइन को सूचित किया. पुलिस अधिकारी ने कहा कि एनसीपीआर पोर्टल पर मामला दर्ज होने के बाद, साइबर हेल्पलाइन सेल ट्रांसफर किए गए 2.89 करोड़ रुपये में से 1.29 करोड़ रुपये वापस पाने में कामयाब रही. मामले की जांच जारी है.

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