कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में हुई लेडी डॉक्टर से बलात्कार के बाद हत्या मामले की जांच कर रही सीबीआई लगातार सक्रिय है. रविवार को मुख्य आरोपी संजय रॉय सहित सात लोगों को पॉलीग्राफ टेस्ट करने के साथ ही पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष के भ्रष्टाचार मामले की जांच भी कर रही है. इसके बावजूद सत्तारूढ़ दल तृणमूल कांग्रेस को उसकी विश्वसनीयता और क्षमता पर संदेह है. टीएमसी नेता कुणाल घोष ने आरोप लगाया कि सीबीआई अभी तक एक नई गिरफ्तारी नहीं कर सकी है. मुख्य आरोपी की गिरफ्तारी तो कोलकाता पुलिस ने की थी. इस केस को जल्द से जल्द हल किया जाना चाहिए. आखिर जांच एजेंसी कर क्या रही है?
टीएमसी सांसद सायोनी घोष ने भी सीबीआई पर जांच में देरी को लेकर निशाना साधा है. उन्होंने कहा, ''कोलकाता पुलिस को अपनी जांच के लिए बमुश्किल तीन दिन दिए गए, जबकि सीबीआई को 12 दिन लगे, लेकिन केंद्रीय जांच एजेंसी कुछ भी नया उजागर करने में विफल रही है. मुझे सीबीआई की विश्वसनीयता और क्षमता पर संदेह है. यह सिर्फ मेरी राय नहीं है, बल्कि डेटा खुद ही बोलता है, दिखाता है कि उनकी सजा दर एक फीसदी से भी कम है. मुख्यमंत्री के रूप में ममता बनर्जी ने हमेशा इस बात पर जोर दिया है कि न्याय तुरंत और बिना अनावश्यक देरी के दिया जाना चाहिए. हम उम्मीद करते हैं कि न्याय जल्दी मिलेगा.''
सायोनी घोष ने कहा, ''वेस्ट बंगाल में कोई मजबूत विपक्ष नहीं है; जो मौजूद हैं वे बस ममता बनर्जी को बदनाम करने की कोशिश कर रहे हैं. लोगों को यह समझने की जरूरत है कि कोई भी नेता नहीं चाहेगा कि उनके कार्यकाल में ऐसी कोई घटना घटे. खासकर ममता बनर्जी जैसी कोई नेता, जो महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए प्रतिबद्ध सरकार का नेतृत्व करती हैं. यह सिर्फ हमारा दावा नहीं है. खुद केंद्र सरकार के एनसीआरबी डेटा से पता चलता है कि कोलकाता महिला सुरक्षा के मामले में पहले स्थान पर है. यहां पर महिलाएं सबसे ज्यादा सुरक्षित हैं.''

टीएमसी सांसद ने आगे कहा, ''हां, एक दुखद घटना हुई है. हम सभी सदमे और दर्द में हैं. हम पहले दिन से ही न्याय की मांग कर रहे हैं. मैं सभी डॉक्टरों के साथ खड़ी हूं. उनकी मांगें उचित हैं. लेकिन हम डॉक्टरों से आग्रह करते हैं कि वे जल्द से जल्द मरीजों का इलाज फिर से शुरू करें, क्योंकि यह उनका कर्तव्य है. न्याय एक प्रक्रिया है, जो जरूर मिलेगा, लेकिन तब तक डॉक्टरों को अपना कर्तव्य करना चाहिए.'' इससे पहले भी ममता सरकार के कई मंत्री और नेता सीबीआई जांच पर सवाल खड़े कर चुके हैं. खुद ममता ने जांच एजेंसी को एक सप्ताह का समय दिया था.
इन तमाम आरोपों के बीच सीबीआई जांच में जुटी हुई है. आज मुख्य आरोपी संजय रॉय का पॉलीग्राफ टेस्ट हुआ है. सीबीआई की टीम और एक्सपर्ट ने प्रेसिडेंसी जेल में झूठ पकड़ने वाली मशीन से उसका सामना करवाया. करीब चार घंटे तक चले इस टेस्ट के बाद सीबीआई की टीम जेल से बाहर निकल गई. वहीं दूसरी ओर दरिंदगी वाले अस्पताल में करप्शन को लेकर ताबड़तोड़ छापेमारी हो रही है. सीबीआई टीम पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष के घर भी तलाशी ली है. करीब 6 घंटे की रेड के बाद एक टीम चली गई. दूसरी टीम अब भी घर पर मौजूद है. पिछले 10 घंटे से संदीप से पूछताछ हो रही है.
आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में संदीप घोष की टीम में रहे देवाशीष सोम और संजय वशिष्ठ के घर के भी छापे डाले गए. सीबीआई ने 15 ठिकानों को खंगाला है. सीबीआई ने सुबह छह बजे ही संदीप घोष के घर पर दस्तक दे दी. डेढ घंटे इंतजार के बाद दरवजा खोला गया. संदीप पर करप्शन के कई बड़े और संगीन आरोप हैं. दो बार उनका ट्रांसफर भी हुआ था, लेकिन रसूख के बूते वो आरजी कर अस्पताल में ही बने रहे. सीबीआई से पहले करप्शन की जांच का काफी कुछ काम एसआईटी ने कर भी दिया था, लेकिन कोर्ट के आदेश के बाद सबूत और दस्तावेज सीबीआई को सौंपने पड़े.