राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना के अध्यक्ष सुखदेव गोगामेड़ी की हत्या के मामले में पुलिस को बड़ी सफलता मिली है और 3 आरोपियों को राजस्थान पुलिस और दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने अरेस्ट कर लिया है. आरोपियों की पहचान रोहित राठौड़, नितिन फौजी तथा उधम सिंह के रूप में हुई है जिन्हें चंडीगढ़ से अरेस्ट किया गया है.
क्राइम शूटर रोहित और हत्याकांड के बाद शूटर्स का साथ देने वाले उधम को लेकर पुलिस दिल्ली पहुंची है जबकि शूटर नितिन फौजी को राजस्थान पुलिस अपने साथ लेकर गई है. इस मामले में दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच के स्पेशल कमिश्नर रविंद्र यादव आज प्रेस कांफ्रेंस भी करेंगे.
कैसे रची गई साजिश
सुखदेव गोगामेड़ी हत्याकांड की साजिश कैसे रची गई, इसे लेकर भी बड़ा खुलासा हुआ है. गोगामेड़ी हत्याकांड का मेन मास्टरमाइंड विदेश में बैठा राजस्थान का कुख्यात गैंगस्टर रोहित गोदारा है. थी.रोहित गोदारा ने सुखदेव की हत्या का टास्क और शूटर अरेंज करने की जिम्मेदारी अपने राइट हैंड मैन वीरेंद्र चारण को दी.
शूटर्स को अत्याधुनिक हथियार डीलर रोहित गोदारा और वीरेंद्र चारण द्वारा किया गया था. गिरफ्तारी के बाद आरोपी नितिन फौजी पुलिस के सामने टूट पड़ा और उसने कबूल किया कि राजस्थान के मोस्ट वांटेड और अत्याधुनिक हथियार डीलर रोहित गोदारा और वीरेंद्र चारण द्वारा उसका इस्तेमाल किया गया था.
इस तरह गोदारा के संपर्क में आया फौजी
नितिन फौजी ने पुलिस को बताया कि 9 नवंबर को उसे फर्जी चोरी के मामले में घसीटा गया और जब हरियाणा पुलिस उसे पकड़ने गई तो उसने उन पर फायरिंग कर दी और फिर भाग निकला. भागने के बाद फौजी को पता था कि उसकी नौकरी चली जाएगी और परिवार वाले भी उसे त्याग देंगे. नवंबर के अंतिम सप्ताह में उसका संपर्क गोदारा और चारण के सहयोगी रोनी राजपूत से हुआ.
तीनों ने फौजी से कहा कि अगर वह गोगामेड़ी को मारने में उसकी मदद करेगा तो वे कनाडा के लिए फर्जी पासपोर्ट और वीजा की व्यवस्था कर देंगे.सोमवीर नाम का आरोपी, जिसे कल जयपुर सिटी पुलिस ने गिरफ्तार किया था, ने रोहित राठौड़ के साथ जाल तैयार किया.
पांच शहरों से होते हुए पहुंचे चंडीगढ़
रोहित का गोगामेड़ी से विवाद था. रोहित ने नवीन शेखावत को भी अपने साथ जोड़ लिया. हालांकि शेखावत को पूरी योजना की जानकारी नहीं थी.प्लान को अंजाम देने के बाद दोनों डीडवाना भाग गए और वहां से फिर वे धारूहेड़ा पहुंचे.पहला सबूत वहीं से बरामद हुआ था.आरोपी की तस्वीर सीसीटीवी फुटेज में कैद हो गई.
इसके बाद राजस्थान पुलिस ने दिल्ली स्पेशल सेल की मदद ली और दोनों के संभावित ठिकानों का पता लगाने के लिए मोनू मानेसर सहित भोंडसी जेल में बंद कुछ कैदियों से पूछताछ की. आरोपी सड़क मार्ग से जयपुर से होते हुए डीडवाना-सुजानगढ़-धारूहेड़ा तक पहुंचे. फिर वे आगे बस से मनाली पहुंचे और वापस चंडीगढ़ के सेक्टर 22 आ गए और पकड़े गए.
नितिन फौजी को फर्जी पासपोर्ट और कनाडा में स्थायी निवास का फर्जी प्रस्ताव देकर लालच दिया गया था. रोहित ने गोगामेडी से बदला लिया था.बता दें कि गोदारा का गोगामेड़ी से जमीन विवाद को लेकर विवाद चल रहा था.
कौन हैं आरोपी
वीरेंद्र चारण:वीरेंद्र चारण के साथ रोहित राठौड़ राजस्थान की अजमेर जेल में बंद था. रोहित रेप के केस में सलाखों के पीछे था .रोहित ने पूछताछ में बताया की उसके ऊपर रेप का केस दर्ज था जिसमें सुखदेव उसके खिलाफ पैरवी कर रहा था. इस कारण वह सुखदेव से खुन्नस पाले बैठा था.रोहित के गुस्से का फायदा वीरेंद्र चारण ने उठाया और सुखदेव की हत्या के लिए रोहित को तैयार किया.
नितिन फौजी: नितिन फौजी पर हरियाणा के महेंद्रगढ़ में किडनैपिंग का केस दर्ज है, नितिन फौजी भी जेल में रहने के दौरान वीरेंद्र चारण के संपर्क में आया था. नितिन को विदेश जाना था और वहीं पर सेटल होना था. बस इसी बात का फायदा वीरेंद्र चारण ने उठाया और उसने नितिन को विदेश सेटल होने का भरोसा दिया.
जयपुर भिजवाए गए थे हथियार
हत्याकांड के लिए दोनों शूटर तैयार हो गए और लगातार वीरेंद्र चारण के संपर्क में रहे. हत्याकांड को अंजाम देने से पहले और उसके बाद भी दोनों का संपर्क चारण से बना हुआ था. वीरेंद्र ने अपने गुर्गों के जरिए दोनों शूटरों को जयपुर में हथियार भिजवाए थे. दोनों शूटर्स ने बताया की हत्याकांड के बाद जयपुर के पास एक होटल के करीब हथियार दबाए हैं, पुलिस हथियार बरामद करेगी.शुरुआती पूछताछ में बताया जा रहा है की रोहित गोदारा की प्रॉपर्टी को लेकर विवाद था लेकिन हत्याकांड के पीछे जातीय समीकरण की बात भी सामने आ रही है.