उत्तर प्रदेश के लखनऊ का मनकामेश्वर मंदिर भगवान शिव का सबसे पुराना और विख्यात मंदिर है, जिसे गुरुवार दोपहर 12 बजे बंद कर दिया गया. इसे लेकर 35 साल से हर रोज मंदिर में मत्था टेक रहे देवेश जायसवाल फूट-फूट कर रोने लगे.
हालांकि, वायरस के संक्रमण से बचने के लिए भक्त इसे सही मान रहे हैं, लेकिन मंदिर के कपाट जब इतने दिनों के लिए बंद हुए तो भक्त अपनी भावनाओं पर काबू नहीं रख पाए.
कोरोना वायरस के खौफ को देखते हुए गुरुवार को लखनऊ के प्रसिद्ध शिव मंदिर मनकामेश्वर मंदिर 31 मार्च तक के लिए बंद कर दिया गया. मंदिर के इतिहास में यह पहला मौका है जब इस पुराने शिव मंदिर को किसी वायरस के संक्रमण से बचाने के लिए बंद किया गया हो.
जैसे ही मंदिर बंद करने की सूचना आई ढेरों भक्तगण फूट-फूट कर रोने लगे. आजतक के कैमरे पर कई भक्तों फफक कर रो पड़े. उनके मुताबिक, 35 सालों से वह इस मंदिर में हर रोज आते हैं और घंटों गुजारते हैं.
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एक शिव भक्त तो आजतक के कैमरे के पर ही रो पड़े. वह हर दिन 3 से 6 घंटे इस मंदिर में गुजारते रहे हैं, लेकिन अब मंदिर कई दिनों के लिए बंद हो चुका है. यह भक्त, परिवार से भी ज्यादा शिव को मानते हैं, ऐसे में बंद कपाट नहीं देख पा रहे हैं.
मंदिर के महंत श्री दिव्य गिरी ने बताया कि यह पहला मौका है जब मंदिर को बंद करना पड़ रहा है. लोगों की सुरक्षा को देखते हुए मंदिर बंद करना जरूरी था. लोगों के जज्बात और भावनाएं तो होंगी, लेकिन सबसे बड़ी सुरक्षा है.
उन्होंने कहा, यहां चढ़ावा चढ़ता है, पैसे चढ़ते हैं, भीड़ होती है. ऐसे में कोई व्यक्ति कोरोना से संक्रमित हो जाए तो यह नुकसान हो जाएगा, इसलिए हम इसे बंद कर रहे हैं. अगर हालात ठीक रहे तो नवरात्र में खोला जाएगा और अगर नहीं ठीक हुए तो 31 मार्च के बाद इस पर फिर से फैसला लेंगे.
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