कोरोना संक्रमण से निपटने के लिए देश भर में लगाए गए लॉकडाउन के बीच अलग-अलग राज्यों में मजदूर फंसे हुए हैं. ये प्रवासी मजदूर लगातार अपने घर वापस जाने की मांग कर रहे हैं. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सूबे में फंसे दूसरे राज्यों के मजदूरों को वापस उनके राज्यों में भेजने के लिए तैयार हैं, लेकिन अन्य राज्यों में उत्तर प्रदेश के फंसे मजूदरों को वापस लाने पर खामोशी अख्तियार किए हुए हैं. ऐसे में विपक्ष लगातार सवाल खड़े कर रहा है. सपा ने कहा कि मजदूरों के मामले में योगी सरकार गैरों पे करम कर रही है तो अपनों पे सितम होते देख रही है.
राजस्थान के कोटा में फंसे बच्चों को वापस लाये जाने के बाद प्रवासी मजदूरों को वापस उनके राज्यों में भेजे जाने की मांग बढ़ गई थी. इसलिए सीएम योगी ने उनकी भी पूरी मदद का आश्वासन दिया. सीएम योगी ने कहा लॉकडाउन के कारण अन्य राज्यों के यूपी में फंसे लोगों को यदि उनके गृह राज्य की सरकार वापस बुलाने का निर्णय लेगी तो प्रदेश सरकार इसकी अनुमति प्रदान करते हुए ऐसे लोगों को वापस भेजने में सहयोग प्रदान करेगी.
वहीं, लॉकडाउन के चलते उत्तर प्रदेश के लाखों मजदूर दिल्ली, गुजरात, मंबई सहित देश के तमाम राज्यों में फंसे हुए हैं. इस दौरान मजूदरों के पास न तो रोजगार है और न ही खाने की व्यवस्था है. इसके चलते मजदूरों को काफी दिक्कत और परेशानी उठानी पड़ रही है जबकि खाने के लिए उन्हें सरकार या फिर दूसरे लोगों पर निर्भर रहना पड़ रहा है. इसी वजह से मजदूर लगातार अपने घरों को वापस जाने लिए परेशान हैं और मांग कर रहे हैं, लेकिन इस दिशा में सरकार कोई कदम उठाने को तैयार नजर नहीं आ रही है.
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सपा के प्रवक्ता अनुराग भदौरिया ने कहा कि लॉकडाउन की वजह से उत्तर प्रदेश के मजदूर भी देश के कई दूसरे प्रदेशों में फंसे हुए हैं. वहां पर वे भूखे प्यासे हैं. उनकी चिंता योगी सरकार नहीं कर रही है. हालत ये है कि परेशान होकर हजारों गरीब और मजदूर पैदल सैकड़ों-हजारों किलोमीटर चल कर आ रहे हैं. उन्होंने कहा कि अच्छी बात है कि आप दूसरे राज्यों के मजदूरों को उनके राज्य भेजने की बात कर रहे हैं, लेकिन जो हमारे भाई-बहन गरीब-मजदूर दूसरे राज्यों में फंसे हैं सरकार को उनकी चिंता और फिक्र नहीं है. योगी सरकार 'गैरों पे करम-अपनों पे सितम' कर रही है.
अनुराग भदौरिया ने कहा कि योगी सरकार को दूसरे राज्यों में फंसे उत्तर प्रदेश के मजदूरों और गरीबों को वापस लाने की दिशा में वहां की सरकार से बात करनी चाहिए. इसके अलावा फिलहाल वहां पर लोगों के खाने पीने की व्यवस्था की जानी चाहिए, क्योंकि कई जगह देखा गया है कि मजदूरों को खाने पीने को नहीं मिल रहा है. इस दिशा में गंभीरता से योगी सरकार को सोचने की जरूरत है.
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से देश के अन्य प्रदेशों में फंसे यूपी के लोगों के साथ मजदूरों व गरीबों को भी उत्तर प्रदेश में लाने की मांग भी की है. उन्होंने कहा कि उनके भी हितों का ध्यान रखना हम सभी की जिम्मेदारी है. उन्होंने कहा कि दूसरे राज्यों में रह रहे यूपी के एक-एक आदमी तथा मजदूर की जिम्मेदारी उत्तर प्रदेश सरकार की है, इस संकट की घड़ी में हम उनको इस तरह से नहीं छोड़ सकते. मजूदरों की समस्या का तत्काल हल निकालें.
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प्रियंका गांधी ने कहा कि कई प्रदेशों में उत्तर प्रदेश के कई मजदूरों से हमारी बात हुई है. कई दिनों से जो उत्तर प्रदेश के प्रवासी मजदूर राजस्थान, दिल्ली, सूरत, इंदौर, भोपाल, मुंबई और अन्य प्रदेशों में फंसे हैं, उनसे मेरी बात हुई है. वह सब तो मजदूरी करने के लिए अलग-अलग शहरों में गए, लॉकडाउन हुआ मजदूरी बंद हो गई. आगे राशन भी खत्म हो गया, अब छह-छह लोग, आठ- आठ लोग एक कमरे में बंद हैं. राशन मिल नहीं रहा है. वो बहुत ही डरे हुए हैं और किसी भी तरह से घर जाना चाहते हैं. ऐसे संकट की घड़ी में हम और आप भी तो अपने परिवार के साथ रहना चाहते हैं, तो मजदूर और गरीब भी अपने परिवार के पास रहना चाहते हैं. इस दिशा में सरकार को कदम उठाना चाहिए.
उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री और बसपा प्रमुख मायावती ने लॉकडाउन के दौरान विभिन्न राज्यों में फंसे प्रवासी मजदूरों व गरीब लोगों के प्रति चिंता व्यक्त करते हुए केंद्र सरकार से उनके घरों तक पहुंचाने की व्यवस्था कराने की मांग की है. उन्होंने बुधवार को ट्वीट कर कहा कि लाखों गरीब व मजदूर बेरोजगारी और भुखमरी की मार झेल रहे हैं और अपने घर वापस लौटना चाह रहे हैं. मायावती ने कहा कि जिस प्रकार से कोटा में फंसे छात्रों को उनके घरों तक पहुंचाया गया, उसी प्रकार से इन प्रवासी गरीबों को भी पहुंचाया जाए.
मायावती ने कहा कि कोरोना प्रकोप के कारण लगे देशव्यापी लॉकडाउन से सर्वाधिक महाराष्ट्र, दिल्ली, हरियाणा और अन्य राज्यों में लाखों गरीब व मजदूर प्रवासी लोग बेरोजगारी व भुखमरी की मार झेल रहे हैं. उन्हें एक वक्त का भोजन भी सही से नहीं मिल रहा है और वे हर हाल में अपने घर वापस लौटना चाहते हैं, ऐसे में केंद्र सरकार से आग्रह है कि वह उनकी इस मांग पर सहानुभूतिपूर्वक विचार करके सही सलामत उनके घर तक पहुंचाने की व्यवस्था करे. हालांकि, उत्तर प्रदेश सरकार ने दिल्ली से बस लगाकर हजारों मजदूरों को उनके घर तक पहुंचाने का काम किया है. यूपी सरकार का दावा है कि पिछले 45 दिनों में करीब 4 लाख से ज्यादा मजदूर वापस आए हैं, जिनके लिए सरकार स्थानीय स्तर पर काम की व्यवस्था कर रही है.